AIN NEWS 1 आज, 1 नवंबर 2024, शुक्रवार को, श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला जी की अलौकिक आरती और दिव्य श्रृंगार का दर्शन किया जा रहा है। यह अवसर भक्तों के लिए एक विशेष और पुण्यप्रद क्षण है।
श्री रामलला की महिमा का वर्णन करते हुए हमें याद आता है: “प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदयँ राखि कोसलपुर राजा!” इस पंक्ति में यह संदेश छिपा है कि जब हम अयोध्यापुरी के राजा श्री रघुनाथ जी को अपने हृदय में रखते हैं, तो हम सब काम कर सकते हैं। इसका अर्थ है कि उनके सानिध्य में हमारे कार्य सरल और सफल हो जाते हैं।
यहां यह भी कहा गया है: “गरल सुधा रिपु करहिं मिताई, गोपद सिंधु अनल सितलाई!!” यहां गरल का अर्थ विष है, जो अमृत में बदल जाता है। जब भगवान राम का नाम लिया जाता है, तो हमारे शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। समुद्र का स्तर गाय के खुर के बराबर हो जाता है और अग्नि में भी शीतलता आ जाती है। यह सब भगवान राम की कृपा का फल है।
अयोध्या का यह पावन स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है। आज, भक्तगण श्री रामलला के दिव्य श्रृंगार को देखकर आनंदित हो रहे हैं। यहाँ की भव्यता और भक्ति का स्तर भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव दे रहा है।
श्री रामलला का श्रृंगार बहुत ही आकर्षक है, जिसमें सोने और चांदी की आभूषणों के साथ-साथ रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। इस श्रृंगार के दौरान अयोध्या धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं और भगवान श्री राम की आरती में भाग ले रहे हैं।
इस विशेष दिन पर, भक्तगण श्री रामलला से अपने परिवार और समाज की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। यह दिन हमें सिखाता है कि अगर हम सच्चे मन से किसी कार्य को करते हैं, तो हर बाधा दूर होती है।
सभी भक्तों से अपील है कि इस पुण्य अवसर का लाभ उठाएं और श्री रामलला की कृपा से अपने जीवन में सकारात्मकता लाएं।
#जय_हो_प्रभु_श्री_रामलला_की!!
इस प्रकार, आज का दिन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमें एकता, भक्ति और समर्पण की भावना से भी भर देता है। श्री रामलला का यह अद्वितीय दर्शन हर भक्त के लिए एक प्रेरणा है, जो हमें बताता है कि सच्चे मन से की गई भक्ति और प्रार्थना का फल हमेशा मीठा होता है।