उत्तर प्रदेश: नोएडा के DLF मॉल पर भी छापा, यहां पर बेचे जा रहे थे हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट?

जैसा कि आप सभी जानते हैं योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) ने शनिवार (18 नवंबर) को ही हलाल सर्टिफिकेशन वाले हर तरह के खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने व उनका भंडारण करने पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया था।

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AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश : जैसा कि आप सभी जानते हैं योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) ने शनिवार (18 नवंबर) को ही हलाल सर्टिफिकेशन वाले हर तरह के खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने व उनका भंडारण करने पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया था। इसके बाद से ही पूरे प्रदेश भर में जगह-जगह पर हालाल प्रमाणित उत्पादों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। इस के तहत ही अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग (Food Safety and Drug Department) की एक टीम ने 20 से अधिक दुकानों पर अपनी छापे मारी की कार्यवाही की और वहां से सभी हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट जब्त किए। इसी को लेकर अब विभाग की टीम ने DLF मॉल से ही हलाल प्रमाणित चिप्स, टॉफी और मैजिक स्टिक के सैंपल भी लिए हैं। इसके अलावा चिप्स के 5 पैकेट भी सीज कर उन्हे जांच के लिए 3 सैंपल भी भरे।

इस पूरे प्रकरण में मॉल्स और सोसाइटिज की शॉप्स पर फोकस

शहर से लेकर गांव देहात तक की जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की क़रीब 6 टीमें लगाकर ही छापेमारी की अपनी कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों का इसमें विशेष फोकस मॉल और सोसाइटी की मार्केट में ही ग्रॉसरी शॉप्स पर है। इसके अलावा भी शहर की बड़ी मार्केट जैसे सेक्टर-18 अट्टा मार्केट, सेक्टर-27 इंद्रा मार्केट, सेक्टर-104 हाजीपुर मार्केट, ग्रेटर नोएडा स्थित जगत फॉर्म, दादरी बाजार, नया बांस और यह हरौला मार्केट, ब्रह्मपुत्रा मार्केट समेत अन्य जगहों पर भी लगातार छापेमारी की जा रही है।

इस पूरे प्रकरण में प्रतिबंधित सर्टिफाइड उत्पाद नहीं बेचने की दी गई हैं सलाह

इस दौरान मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया, हलाल प्रमाणित उत्पाद की बिक्री पर पुर्ण रूप से प्रतिबंध के साथ ही इनकी रोकथाम को लेकर भी विभागीय स्तर पर अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दुकानदारों को प्रतिबंधित हलाल प्रमाणित किसी भी प्रकार के उत्पाद नहीं बेचने की सलाह दी जा रही है।

यहां उन्होने बताया नियमों की अनदेखी नहीं होगी बिलकुल बर्दास्त

अब तो यह छापे मार टीम मॉल और कॉम्प्लेक्स में खुले हुए रेस्टोरेंट में भी पहुंच रही है, जहां पर बड़ी मात्रा में नॉनवेज को तैयार किया जाता है। अफसरों के मुताबिक रेस्टोरेंट में पैकेट बंद मीट की भी डिमांड ज्यादा रहती है। साथ ही, यहां पर मीट को स्टोर करके भी रखा जाता है। सभी को यह हिदायत दी जा चुकी है। की छापेमारी के दौरान यदि कोई भी इन नियमों की अनदेखी करते पाया जाता है तो उसकी बिक्री बंद कराकर नमूनों को जांच के लिए तुरंत लैब भेजा जाएगा।

अब जानते है क्या है हलाल 

यहां पर हम आपको बता दें कि हलाल का मतलब यह है कि इस्लामी कानून का पूरी तरह से पालन करते हुए इस उत्पाद को तैयार किया गया है। साल 1974 में ही हलाल प्रमाणिकता की शुरुआत हुई थी। यह साल 1993 तक तो सिर्फ स्लॉटर मांस उत्पादों पर ही लागू था, लेकिन बाद में अन्य खाद्य उत्पादों, दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों समेत कई सारी चीजों के लिए किया जाने लगा।

यहां जान ले कौन देता है यह हलाल सर्टिफिकेट

इस हालाल सर्टिफिकेट को जारी करने वाली कई सारी संस्थाएं हैं। इनमें चेन्नई की एक हलाल इंडिया, दिल्ली की जमीयत उलमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट, मुंबई की हलाल काउंसिल आफ इंडिया और जमीयत उलेमा भी शामिल है। इस तरह की कई सारी निजी संस्थाएं ही यह प्रमाण पत्र जारी करती हैं।

यहां पर यह भी जान ले क्यों जरूरी हुआ यह सर्टिफिकेट लेना

यह हम आपको बता दें कि हलाल सर्टिफिकेट की शुरुआत 1974 से ही हुई थी। हलाल सर्टिफिकेट पहले सिर्फ और सिर्फ मांस से जुड़े हुए उत्पादों के लिए ही दिया जाता था। इसके बाद 1993 में यह अन्य प्रोडक्ट जैसे कॉस्मेटिक, साबुन, तेल इसके लिए भी इन्होंने देना शुरू कर दिया। दरअसल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कारपोरेशन के तहत ही आने वाले देश, सऊदी अरब, दुबई और लगभग ऐसे 57 इस्लामिक प्रभाव वाले देश हैं। जो भी कंपनियां वहां पर अपने प्रोडक्ट को भेजती हैं उनके लिए इस सर्टिफिकेट को लेना पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया था कि अगर यह हलाल सर्टिफिकेट इनपर नहीं होगा तो इस तरह के उत्पाद उन देशों में बेचे नहीं जा सकते हैं।

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