FIR Against Maulana Sajid for Objectionable Remarks on SP MP Dimple Yadav
अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद पर मुकदमा दर्ज
AIN NEWS 1: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी तथा मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में मौलाना साजिद रशीदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह विवाद तब सामने आया जब एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान मौलाना साजिद ने डिंपल यादव के पहनावे पर अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी कर दी।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। खासकर महिलाओं और समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने इसे महिला सम्मान पर हमला बताया। इस टिप्पणी से महिला समाज की गरिमा को ठेस पहुंचने का आरोप लगाया गया।
मामला दर्ज होने तक का घटनाक्रम
इस पूरे विवाद पर सपा नेता प्रवेश यादव ने तुरंत कार्रवाई की मांग की। वह चिनहट क्षेत्र के गंगोत्री लेक व्यू अपार्टमेंट में रहते हैं। उन्होंने लखनऊ के विभूतिखंड थाने में जाकर तहरीर दी। प्रवेश यादव का कहना था कि मौलाना साजिद की इस अभद्र टिप्पणी से न सिर्फ डिंपल यादव की व्यक्तिगत गरिमा को ठेस पहुंची, बल्कि पूरे समाज की महिलाओं का अपमान हुआ है।
तहरीर में यह भी उल्लेख किया गया कि एक सार्वजनिक मंच (टीवी चैनल) पर ऐसी स्त्री-विरोधी टिप्पणी न केवल अस्वीकार्य है बल्कि इससे समाज में सौहार्द बिगड़ सकता है। इस बयान से हजारों महिलाओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
किस-किस धाराओं में मुकदमा
पुलिस ने प्रवेश यादव की तहरीर के आधार पर रविवार रात मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। विभूतिखंड थाने में मुअस 290/25 दर्ज किया गया है। इस मामले में धारा 79, 196, 197, 299, 352, 353 बीएनएस और 67 आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई है।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत मिलते ही गंभीरता से जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कानून के अनुसार कार्रवाई होगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
महिला सम्मान को लेकर बवाल
इस घटना के बाद महिला संगठनों और समाज के कई तबकों ने विरोध जताया है। सोशल मीडिया पर भी #DimpleYadav ट्रेंड करने लगा। लोगों ने सवाल उठाया कि एक धार्मिक मौलाना इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकता है। कई लोगों ने कहा कि राजनीति और विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन महिलाओं के सम्मान से समझौता नहीं होना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने इसे महिला गरिमा पर हमला बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे साजिश करार दिया और कहा कि समाज में इस तरह की मानसिकता को बढ़ावा देना खतरनाक है।
डिंपल यादव पर क्यों निशाना?
मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव एक सॉफ्ट-नेचर और साफ-सुथरी छवि वाली नेता मानी जाती हैं। वह समाजवादी पार्टी के कई बड़े अभियानों की मुखर चेहरा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी लोकप्रियता बढ़ने के कारण उन्हें राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया गया।
टीवी चैनल पर मौलाना साजिद ने कहा कि डिंपल यादव के पहनावे पर उन्हें ऐतराज है और इसी बात पर उन्होंने टिप्पणी कर दी, जो बेहद अभद्र और अस्वीकार्य मानी जा रही है।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। वीडियो की सत्यता की पुष्टि की जा रही है और उस टीवी चैनल से भी जानकारी मांगी गई है, जहां यह बयान दिया गया था। पुलिस का कहना है कि अगर आरोप सही पाए गए तो मौलाना साजिद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाज में क्या संदेश?
यह मामला सिर्फ एक टिप्पणी या एक महिला के सम्मान से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति सोच और व्यवहार पर भी सवाल खड़े करता है। महिला नेताओं या सार्वजनिक जीवन में सक्रिय महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह हर बार यह साबित करता है कि समाज में लैंगिक संवेदनशीलता पर अभी भी बहुत काम करने की जरूरत है।
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां न सिर्फ भारतीय संविधान में प्रदत्त समानता और अभिव्यक्ति की मर्यादा का उल्लंघन करती हैं बल्कि यह समाज में वैमनस्य भी फैलाती हैं।
डिंपल यादव पर मौलाना साजिद द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राजनीति में असहमति हो सकती है, लेकिन भाषा और मर्यादा को कभी नहीं लांघना चाहिए। पुलिस की कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह के बयानों पर लोग सोच-समझकर ही बोलेंगे।
An FIR has been registered against Maulana Sajid Rashidi for making objectionable remarks on SP MP and Akhilesh Yadav’s wife, Dimple Yadav. The controversial comment, made during a TV channel debate, quickly went viral on social media and sparked widespread outrage over women’s dignity in politics. Lucknow police booked him under multiple sections including IT Act 67. The incident highlights the importance of respectful political discourse and the growing demand for accountability on public platforms.