AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सांसद जियाउर्रहमान पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को उकसाने और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की। यह मामला हाल ही में एक विवादास्पद बयान के बाद सामने आया, जिसमें सांसद ने भड़काऊ बयान दिया था, जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया था।
FIR की वजह
संभल के सांसद जियाउर्रहमान पर आरोप है कि उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उत्तेजक भाषण दिया। उनका कथन समुदायों के बीच नफरत और तनाव बढ़ाने वाला था। बयान के बाद ही वहां के स्थानीय लोग और पुलिस सक्रिय हो गए। आरोप है कि इस भाषण के कारण इलाके में माहौल खराब हुआ और कुछ असामाजिक तत्वों ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की।
पुलिस का बयान
पुलिस ने बताया कि सांसद के भाषण से उत्पन्न हालात को लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई थीं। इसके बाद सांसद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (समाज में विद्वेष फैलाना) और अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।
नेताओं के बयान
इस एफआईआर के बाद, स्थानीय नेताओं और नागरिक समाज ने सांसद की आलोचना की। उन्होंने इसे एक भड़काऊ बयान बताया, जो किसी भी समुदाय के बीच समझौते और शांति को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं, सांसद जियाउर्रहमान ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि उनके बयान का कोई गलत अर्थ निकाला गया है और उनका उद्देश्य किसी को उकसाना नहीं था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए इसे सरकार की विफलता बताया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है। वहीं, सत्ताधारी भाजपा ने इस घटना पर अपनी चुप्पी साध रखी है और मामले की जांच पूरी होने तक कुछ भी कहने से बच रही है।
निष्कर्ष
संभल के सांसद पर दर्ज एफआईआर ने एक बार फिर से समाज में विभाजन और सांप्रदायिक तनाव को लेकर चर्चा छेड़ दी है। इस मामले में पुलिस जांच जारी है, और इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि क्या सांसद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जाती है या नहीं। स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया इस पर निर्भर करेगी कि क्या मामला आगे बढ़ता है और सांसद पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं।