AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के हाफिजपुर क्षेत्र के गांव झंडा मुर्शिदपुर की एक युवती ने पुलिस की नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ पेश किया। युवती ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित का झूठा प्रमाण पत्र जमा किया, जिसे जांच में पकड़ा गया। पुलिस ने इस मामले में युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई जारी है।
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का खुलासा
उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती प्रक्रिया के तहत 21 नवंबर को लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए थे। चयनित उम्मीदवारों को 26 दिसंबर से पुलिस लाइन में दस्तावेज़ सत्यापन और शारीरिक परीक्षण के लिए बुलाया गया। यह प्रक्रिया 24 दिनों तक चलने वाली थी। भर्ती के पहले चरण में महिला उम्मीदवारों का परीक्षण किया गया, और इसी दौरान युवती द्वारा पेश किए गए स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित के फर्जी प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ।
क्या था फर्जीवाड़ा?
पुलिस द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि ग्राम झंडा मुर्शिदपुर की शिखा चौधरी ने भर्ती प्रक्रिया में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित का प्रमाण पत्र लगाया था, जो झूठा था। यह प्रमाण पत्र दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान पकड़ा गया।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इस मामले की जानकारी देते हुए सिटी कोतवाली के इंस्पेक्टर मोहन सिंह ने बताया कि इस फर्जीवाड़े के मामले में शिकायत मिलने पर युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाली प्रभारी मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि जांच जारी है और आरोपी युवती को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी की कोशिश
यह मामला पुलिस भर्ती प्रक्रिया में होने वाले फर्जीवाड़े का एक और उदाहरण है, जिसमें कुछ लोग अपनी योग्यता छिपाकर गलत तरीके से नौकरी पाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, पुलिस द्वारा की गई सख्त जांच ने इस फर्जीवाड़े को समय रहते पकड़ लिया, और अब आरोपी युवती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच में अब तक कई तथ्य सामने आ चुके हैं, और शिखा चौधरी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। युवती के खिलाफ अन्य मामलों में भी जांच की जा सकती है, यदि और फर्जीवाड़े का पता चलता है।
इस घटना ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया की सख्ती और पारदर्शिता की आवश्यकता को और ज्यादा उजागर किया है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।