Ghaziabad Passport Verification New Rule: Police Constable to Visit Home
गाजियाबाद में पासपोर्ट वेरिफिकेशन का नया नियम: अब बीट कॉन्स्टेबल घर आकर करेगा दस्तावेज़ जांच
AIN NEWS 1: गाजियाबाद में पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया अब और सरल हो गई है। पहले जहां पुलिस वेरिफिकेशन के लिए लोगों को थाने जाकर दस्तावेज़ जमा करने होते थे, वहीं अब यह काम उनके घर पर ही हो जाएगा। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत बीट कॉन्स्टेबल खुद आवेदकों के घर जाकर वेरिफिकेशन करेंगे और जरूरी दस्तावेज़ मौके पर ही लेंगे। यह कदम आम जनता के समय की बचत करेगा और साथ ही थाने जाने की परेशानी से भी राहत दिलाएगा।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
अब तक की प्रणाली में, जब कोई व्यक्ति पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन करता था, तो संबंधित थाने में उसका वेरिफिकेशन भेजा जाता था। इसके बाद थाने से पुलिसकर्मी व्यक्ति को फोन करके बुलाता था। फिर आवेदक को थाने जाकर फोटो, पहचान पत्र, पते का प्रमाण आदि जमा करने होते थे। यह प्रक्रिया न केवल समय लेने वाली थी, बल्कि इसमें अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आम थीं।
कई बार वेरिफिकेशन के नाम पर लोगों से 500 से 1000 रुपये तक की अवैध वसूली की जाती थी। ऐसे मामलों में कार्रवाई भी की गई, लेकिन यह समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई थी।
नई व्यवस्था में क्या है खास?
अब गाजियाबाद पुलिस ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए बीट कॉन्स्टेबल को पासपोर्ट वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी सौंपी है। इसका मतलब है कि जिस व्यक्ति ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है, उसके क्षेत्र का बीट कॉन्स्टेबल उसके घर जाकर वेरिफिकेशन करेगा।
कॉन्स्टेबल, थाने से वेरिफिकेशन फॉर्म लेकर व्यक्ति के घर पहुंचेगा, दस्तावेज़ देखेगा, आवश्यक हस्ताक्षर लेगा और फिर सभी कागज़ात थाने में जमा करेगा। इससे लोगों को बार-बार थाने आने की आवश्यकता नहीं होगी।
किस क्षेत्र में शुरू हुआ यह बदलाव?
यह नई व्यवस्था जिले के कई थानों में लागू हो चुकी है, जिसमें मोदीनगर, मुरादनगर, निवाड़ी और भोजपुर थाने प्रमुख हैं। खास बात यह है कि इन थानों में प्रतिदिन औसतन 30 से 40 पासपोर्ट वेरिफिकेशन केस आते हैं। नई प्रणाली से इन मामलों को तेजी से निपटाया जा सकेगा और आम लोगों को भी राहत मिलेगी।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया कैसे होगी?
1. पासपोर्ट कार्यालय से संबंधित थाने को वेरिफिकेशन का अनुरोध भेजा जाएगा।
2. थाना प्रभारी उस मामले को क्षेत्रीय बीट कॉन्स्टेबल को सौंपेगा।
3. बीट कॉन्स्टेबल वेरिफिकेशन फॉर्म लेकर आवेदक के घर जाएगा।
4. मौके पर दस्तावेज़ और पहचान पत्र देखकर हस्ताक्षर कराएगा।
5. सभी जानकारी जांचने के बाद रिपोर्ट थाने में जमा कर दी जाएगी।
क्या होगा इस नई व्यवस्था से फायदा?
1. समय की बचत: अब लोगों को थाने जाकर लाइन में लगने या छुट्टी लेने की जरूरत नहीं।
2. भ्रष्टाचार पर लगाम: अवैध वसूली की संभावना घटेगी क्योंकि अब प्रक्रिया घर पर ही पूरी होगी।
3. पारदर्शिता बढ़ेगी: दस्तावेज़ और वेरिफिकेशन सीधे बीट कॉन्स्टेबल की निगरानी में होगा।
4. सुरक्षा और गोपनीयता: व्यक्ति की जानकारी सीमित लोगों के संपर्क में आएगी।
अधिकारी क्या कह रहे हैं?
मोदीनगर क्षेत्र के एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि इस नई व्यवस्था को लेकर सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीट कॉन्स्टेबल को पासपोर्ट वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी दी गई है और इस प्रणाली को लागू कर दिया गया है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी और पुलिस की छवि भी सुधरेगी।
भविष्य में क्या अन्य जिलों में भी लागू होगा?
गाजियाबाद में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है और इसके परिणाम सकारात्मक आ रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि यदि यह मॉडल सफल रहता है तो इसे अन्य जिलों में भी अपनाया जा सकता है। इससे पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया देशभर में अधिक प्रभावी और पारदर्शी बन सकती है।
Ghaziabad Police has launched a new passport verification process to make the procedure more citizen-friendly. Instead of visiting the police station, applicants can now complete their passport verification at home as beat constables will visit and collect documents. This step not only simplifies the passport application process but also curbs potential illegal extortion during police verification. The Ghaziabad police’s new rule ensures transparency, efficiency, and a better public experience.