AIN NEWS 1: गाजियाबाद जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति है और कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बड़ा फैसला लिया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) गाजियाबाद ने आदेश जारी कर कहा है कि 3 सितंबर 2025 को जिले के सभी विद्यालयों में अवकाश रहेगा। इसमें कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के सभी छात्र-छात्राएँ शामिल होंगे।
आदेश किन-किन स्कूलों पर लागू होगा?
यह आदेश केवल सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं है बल्कि जिले के सभी प्रकार के विद्यालयों पर लागू होगा।
परिषदीय विद्यालय
राजकीय विद्यालय
सहायता प्राप्त विद्यालय
निजी विद्यालय (CBSE, ICSE, IB, IGCSE आदि बोर्ड से मान्यता प्राप्त)
इसका मतलब है कि कोई भी विद्यालय इस आदेश से बाहर नहीं है।
प्रशासन ने यह निर्णय क्यों लिया?
भारी बारिश के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है। इससे स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को खतरा है।
स्कूल बसों और वैन का संचालन कठिन हो गया है।
पैदल आने-जाने वाले विद्यार्थियों को जलभराव और फिसलन का सामना करना पड़ सकता है।
कहीं-कहीं बिजली के तार टूटने का भी खतरा है।
प्रशासन का कहना है कि बच्चों की जान से बड़ा कोई काम नहीं है। अगर परिस्थितियाँ सामान्य नहीं हुईं तो आगे भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
जब से यह आदेश जारी हुआ है, अभिभावकों में राहत की भावना देखी जा रही है।
रीना शर्मा (अभिभावक, इंदिरापुरम) कहती हैं –
“कल ही मेरी बेटी को स्कूल जाते समय सड़क पर बहुत परेशानी हुई थी। पानी इतना भर गया था कि बस बीच रास्ते में रुक गई। मैं प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करती हूँ। बच्चों की सुरक्षा सबसे जरूरी है।”
मोहम्मद सलीम (अभिभावक, विजय नगर) ने कहा –
“आजकल मौसम बहुत अनिश्चित हो गया है। कब भारी बारिश हो जाए, कुछ पता नहीं चलता। ऐसे में स्कूल बंद करना ही सही है। कम से कम हमें चैन है कि बच्चे सुरक्षित घर पर हैं।”
छात्रों की राय
छात्रों में इस छुट्टी को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएँ हैं।
आरव (कक्षा 6, निजी स्कूल) –
“हम तो खुश हैं कि अचानक छुट्टी मिल गई। दोस्तों के साथ घर पर खेलने का मौका मिलेगा।”
साक्षी (कक्षा 10, राजकीय विद्यालय) –
“बारिश की वजह से सच में स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। पानी इतना भर जाता है कि जूते खराब हो जाते हैं। अच्छा हुआ कि छुट्टी मिल गई।”
अनन्या (कक्षा 12, सीबीएसई स्कूल) –
“हमारी बोर्ड परीक्षा की तैयारी चल रही है। छुट्टी ठीक है लेकिन हमें पढ़ाई का भी ध्यान रखना होगा। उम्मीद है कि स्कूल ऑनलाइन क्लास का इंतज़ाम कर देगा।”
शिक्षकों और प्रिंसिपलों की प्रतिक्रिया
विद्यालयों के शिक्षकों और प्रिंसिपलों ने भी इस फैसले को सही ठहराया है।
प्रो. सुधीर गुप्ता (प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कॉलेज) –
“भारी बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती है। माता-पिता भी चिंतित रहते हैं। यह निर्णय बिल्कुल सही समय पर लिया गया है।”
नीता वर्मा (शिक्षिका, परिषदीय विद्यालय) –
“हम शिक्षक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। कई बार रास्तों में पानी भर जाता है और हादसे का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्रशासन का आदेश स्वागत योग्य है।”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है।
गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा और आसपास के जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
तेज हवाओं और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है।
यानी आने वाले समय में प्रशासन को हालात पर लगातार नजर रखनी होगी।
आगे की संभावनाएँ
यदि बारिश का सिलसिला जारी रहता है, तो स्कूलों का अवकाश बढ़ाया भी जा सकता है।
अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे प्रशासन और शिक्षा विभाग के नोटिस पर नजर रखें।
स्थानीय समाचार पत्रों और रेडियो पर भी अपडेट दिए जाएंगे।
कई विद्यालय ऑनलाइन क्लास का विकल्प शुरू कर सकते हैं ताकि पढ़ाई बाधित न हो।
गाजियाबाद प्रशासन का यह कदम विद्यार्थियों की सुरक्षा और माता-पिता की चिंता दोनों को ध्यान में रखकर लिया गया है। यह केवल एक दिन की छुट्टी नहीं है, बल्कि एक संदेश है कि सुरक्षा से बड़ा कुछ भी नहीं।
बच्चे देश का भविष्य हैं और प्रशासन का दायित्व है कि उनकी शिक्षा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए। भारी बारिश जैसी परिस्थितियों में स्कूल बंद करना एक समझदारी भरा फैसला है।
On 3rd September 2025, all schools in Ghaziabad including government, private, CBSE, ICSE, and other board institutions will remain closed due to heavy rainfall. The District Basic Education Officer (BSA Ghaziabad) issued the closure order to ensure student safety amid waterlogging and transport disruptions. Parents welcomed the move, teachers supported the decision, and students expressed mixed reactions. This Ghaziabad school holiday news highlights the Uttar Pradesh administration’s focus on safety during adverse weather conditions.