AIN NEWS 1: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन यूपीएससी स्टूडेंट्स की मौत के मामले में शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान, कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं और दिल्ली की बढ़ती आबादी तथा प्रशासनिक खामियों पर सवाल उठाए।
मुख्य बिंदु:
1. मुफ्त योजनाओं पर नसीहत:
– एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताई। जस्टिस मनमोहन ने कहा कि दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़ हो गई है और यह संख्या बढ़ रही है, मुख्य कारण सब्सिडी है। उन्होंने कहा कि मुफ्त योजनाओं की वजह से दिल्ली में लोगों की संख्या बढ़ रही है और इसे लेकर गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
2. प्रशासनिक खामियां:
– कोर्ट ने दिल्ली की शासन व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि यहाँ बहुत सारी अथॉरिटीज हैं, लेकिन जवाबदेही कोई नहीं लेता। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने अतिक्रमण और एमसीडी (म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली) के कामकाज पर भी टिप्पणी की।
3. अतिक्रमण की समस्या:
– जस्टिस मनमोहन ने यमुना नदी के अतिक्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि आम नागरिकों में यह धारणा बन गई है कि यमुना बहती रहेगी और अतिक्रमण से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि दिल्ली के केंद्र में भी अतिक्रमण हो रहा है और जब कोर्ट आदेश देती है, तो अवैध निर्माण को केवल छेदा जाता है, लेकिन पूरा नहीं गिराया जाता।
4. इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रशासन की समीक्षा:
– कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली के प्रशासनिक, आर्थिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर के ढांचे की दोबारा जांच की आवश्यकता है।
इस प्रकार, हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की मुफ्त योजनाओं और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर गंभीर टिप्पणियां की हैं और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की सलाह दी है।