मात्र एक मछुआरा जिसका नाम है शाहजहां शेख कैसे बना गया इतना ताकतवर, जिसने ED तक पर ही करा दिया अपने लोगों से अटैक; TMC में बढ़ता गया रुतबा!

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AIN NEWS 1: जैसा कि आप जानते है पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ही टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने पहुंची ईडी की टीम पर वहा भीषण हमला हुआ था। इसे लेकर अब पूरे देश में राजनीति भी शुरू हो गई है और ईडी ने अब शाहजहां शेख के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है। लेकीन अब तक शाहजहां शेख को गिरफ्तार तो नहीं किया जा सका है। इस पर अब राज्यपाल आनंद बोस ने बंगाल सरकार से इस मामले की पूरी रिपोर्ट भी मांग ली है। यही नहीं उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया है कि शाहजहां शेख के आतंकी लिंक भी हो सकते हैं और उसकी पूरी तरह से जांच भी होनी चाहिए। उन्होंने पूछा है कि शाहजहां शेख अभी आखिर भारत में ही है या फिर उसने देश की सीमा सीमा पार कर ली है? यहां हम आपको बता दें कि उत्तर 24 परगना जिला बांग्लादेश की सीमा से ही लगता है।दरअसल शुक्रवार को ही ईडी की टीम शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी के लिए पहुंचे थे। इस बीच ही कुछ ग्रामीणों और उनके समर्थकों ने ईडी की टीम पर हमला भी बोल दिया। इसमें तीन ईडी अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए थे, जिन्हें उस समय अस्पताल में एडमिट भी कराना पड़ा था। राशन घोटाले में ही घिरे शाहजहां शेख के पास आखिर इतनी ज्यादा ताकत कैसे आई और उसका वहा पर कितना प्रभाव है। यह अब हर कोई ही जानना चाहता है। यहां हम आपको बता दें राशन घोटाले में बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को तो पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है।

तो आइए आज जानते हैं, आखिर कौन है TMC का ‘भाई’ शाहजहां शेख, जिसका इस इलाके में है दबदबा…’भाई’ नाम से मशहूर हुआ शाहजहां, देता रहा है अब तक भड़काऊ बयान

यहां हम आपको बता दें मछुआओं के बीच शाहजहां शेख ‘भाई’ के नाम से ही जाना जाता है। 42 साल के शाहजहां शेख ने संदेशखाली ब्लॉक में ही मछलीपाल से अपनी शुरुआत की थी। यह पूरा इलाका बांग्लादेश से ही सटा है और उस पर देश में घुसपैठियों को शरण देने के भी आरोप लगते रहे हैं। शाहजहां शेख ने 2004 में ही राजनीति में एंट्री की थी और फिर वह सीपीएम से भी जुड़ गया था। हालांकि कुछ सालों बाद ही वह टीएमसी में आ गया। अपने भड़काऊ बयानों और संगठन कौशल के लिए काफ़ी ज्यादा चर्चित शाहजहां शेख जल्दी ही टीएमसी लीडरशिप की नजरों में भी आ गया।

आइए जानते हैं कैसे टीएमसी में अपनी पकड़ बनाता चला गया शाहजहां शेख

यहां हम आपको बता दें कहा तो जाता है कि शाहजहां शेख की बहुत ज्यादा करीबी मुकुल रॉय से थी और उनके राष्ट्रीय महासचिव रहने के दौरान ही उसने उनकी पार्टी में एंट्री की थी। फिर वह ज्योतिप्रिय मलिक के काफ़ी करीब आ गया। टीएमसी की सरकार के दौरान ही उसे उत्तर 24 परगना में मछली पालन का प्रभारी भी बना दिया गया। इससे उसकी आर्थिक और राजनीतिक ताकत दोनों ही बहुत ज्यादा बढ़ती चली गईं। यही नहीं उसका इस इलाके में इतना ज्यादा दबदबा हो गया कि लोगों के लड़ाई-झगड़ों के मामले तक वह खुद ही हल कराने लग गया और मुस्लिम बहुल इलाके में वह ‘भाई’ के तौर पर प्रचलित भी हो गया। उसके छोटे भाई भी टीएमसी पार्टी से जुड़े हुए हैं और वो प्रॉपर्टी के धंधे में भी हैं।

यहां हम आपको बता दें किसी के लिए मसीहा तो किसी के लिए बहुत ही आतंक का नाम शाहजहां शेख

इस पूरे प्रकरण में टीएमसी के ही स्थानीय नेता बताते हैं कि शाहजहां शेख का इलाके में काफ़ी ज्यादा सम्मान भी है और उसका डर भी। वह अपने समर्थकों के लिए एक मसीहा है तो विरोधियों के लिए वह एक आतंक का पर्याय है। उसकी इस पूरे इलाके में ही रॉबिनहुड वाली इमेज है। कई सारे आपराधिक मामलों में भी वह शामिल रहा है, लेकिन बच्चों की चल रही तस्करी को रोकने के लिए उसने प्रयास किए इसकी वजह से वह काफी ज्यादा चर्चित हुआ।

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