Wednesday, January 15, 2025

महिला नागा साधु कैसे बनती हैं? जानिए उनकी कठिन साधना और जीवन की विशेषताएँ?

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AIN NEWS 1: महिलाएं नागा साधु कैसे बनती हैं, यह जानना अत्यंत दिलचस्प है, विशेषकर जब महाकुंभ जैसे आयोजनों में महिला नागा साधुओं की उपस्थिति को लेकर आम लोग कम ही जानते हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ में एक बार फिर महिला नागा साधु दुनिया के सामने आ सकती हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया कितनी कठिन और रहस्यमयी होती है? आइए, इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।

महिला नागा साधु बनने की कठिन प्रक्रिया

महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को कई कठिन पड़ाव पार करने पड़ते हैं। इसके लिए उन्हें पहले 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। यह एक कठिन तपस्या है जिसमें महिलाएं सांसारिक सुख-सुविधाओं से दूर रहती हैं और ध्यान साधना में लीन रहती हैं। इस लंबी साधना के बाद ही उन्हें नागा साधु बनने की इजाजत मिलती है।

नागा साधु का स्वरूप और वेशभूषा

महिला नागा साधुओं को पुरुष नागा साधुओं की तरह नग्न रहने की अनुमति नहीं होती। पुरुष साधु बिना कपड़ों के भी सार्वजनिक स्थलों पर जा सकते हैं, जबकि महिला नागा साधुओं को गेरुआ वस्त्र पहनना होता है। यह वस्त्र पूरी तरह से बिना सिला होता है। महिला नागा साधु एक लंबा और गेरुआ वस्त्र पहनती हैं, और उनके माथे पर तिलक होता है, साथ ही पूरे शरीर पर भस्म भी लगाया जाता है।

महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया

महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को पहले अपने सभी सांसारिक रिश्ते-नाते तोड़ने पड़ते हैं और खुद को पूरी तरह से भगवान के प्रति समर्पित करना होता है। इसके साथ ही, उन्हें अपना सिर भी मुंडवाना पड़ता है। हिंदू धर्म में मरने के बाद पिंडदान किया जाता है, लेकिन महिला नागा साधुओं को जीवित रहते हुए अपना पिंडदान करवाना पड़ता है। इसके बाद वे अपनी पिछली जिंदगी को भूल कर एक नई शुरुआत करती हैं।

महिला नागा साधुओं का जीवन और निवास

जबकि पुरुष नागा साधु आमतौर पर लोगों के सामने आते हैं, महिला नागा साधु पहाड़ों, जंगलों और गुफाओं में जीवन यापन करती हैं। वे इन स्थानों पर भगवान में ध्यान लगाती हैं और साधना करती हैं। महाकुंभ के दौरान, महिला नागा साधुओं को संगम में डुबकी लगाते हुए देखा जा सकता है।

अगले साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधुओं की उपस्थिति देखने का अवसर मिलेगा, जो एक अद्वितीय और दुर्लभ अनुभव होगा। इस प्रकार, महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया और उनके जीवन की विशेषताएँ सचमुच प्रेरणादायक और रहस्यमयी हैं।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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