AIN NEWS 1: हैदराबाद और सिकंदराबाद से आई एक खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। पुलिस ने यहां एक बड़े सरोगेसी और स्पर्म तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो न केवल भारत के कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा था, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों का भी खुलेआम उल्लंघन कर रहा था। इस रैकेट के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैले हुए थे, जिसमें विदेशी क्लाइंट्स, मेडिकल क्लीनिक और निजी एजेंसियां शामिल थीं।
यह घटना न केवल कानूनी सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में हो रहे नैतिक पतन और गरीब महिलाओं के शोषण की हकीकत भी उजागर करती है।
कैसे सामने आया रैकेट? – एक पुलिस अफसर की कहानी
पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा:
“हमें गुप्त सूचना मिली थी कि शहर के कुछ हिस्सों में सरोगेसी और स्पर्म से जुड़ा अवैध कारोबार चल रहा है। हमने सूचना की पुष्टि के बाद एक टीम बनाई और कई हफ्तों तक गुप्त जांच की।”
सूचना के आधार पर पुलिस ने हैदराबाद और सिकंदराबाद में कई फर्टिलिटी क्लीनिकों और निजी लैब्स पर छापेमारी की।
छापेमारी में क्या मिला?
अवैध मेडिकल रिकॉर्ड: हजारों मरीजों और सरोगेसी से जुड़े फर्जी दस्तावेज।
स्पर्म सैंपल: अवैध रूप से स्टोर किए गए सैकड़ों सैंपल।
विदेशी दवाएं: जिन पर भारत में पाबंदी है।
ऑनलाइन नेटवर्क डेटा: डार्क वेब और सोशल मीडिया से जुड़ी जानकारी, जिससे पता चलता है कि यह नेटवर्क विदेशों तक फैला था।
रैकेट का असली बिजनेस मॉडल
1. लक्षित महिलाएं: गरीब और जरूरतमंद महिलाएं, जिन्हें पैसों का लालच दिया जाता था।
2. फर्जी वादे: महिलाओं को सरोगेसी के बदले लाखों रुपये देने का वादा, लेकिन उन्हें बहुत कम रकम देकर छोड़ दिया जाता था।
3. विदेशी क्लाइंट्स: अधिकतर ग्राहक विदेश से थे, खासकर उन देशों से जहां सरोगेसी पर कड़ी पाबंदी है।
4. अवैध स्पर्म डोनेशन: विदेशी क्लाइंट्स से लिए गए स्पर्म का अवैध इस्तेमाल।
महिलाओं के साथ शोषण – एक पीड़िता की कहानी
एक महिला, जो इस रैकेट की शिकार बनी, ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:
“मुझे कहा गया था कि मुझे लगभग 8 लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन डिलीवरी के बाद सिर्फ 50 हजार रुपये दिए गए। मुझे बार-बार चुप रहने की धमकी दी गई।”
ऐसी कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी और वे बस पैसों के लिए इस नेटवर्क के चंगुल में फंस गईं।
डॉक्टरों की भूमिका
जांच में सामने आया कि कुछ डॉक्टर भी इस रैकेट में शामिल थे। उनके क्लीनिकों में अवैध सरोगेसी प्रक्रिया चल रही थी। पुलिस का कहना है कि इन डॉक्टरों ने अपनी जिम्मेदारी का गलत इस्तेमाल किया और पैसों के लिए महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
पुलिस ने बताया कि यह नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं था। यह अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया और मिडिल ईस्ट के क्लाइंट्स से जुड़ा हुआ था। इन देशों में सरोगेसी पर कड़ी पाबंदी होने के कारण लोग भारत जैसे देशों की ओर रुख कर रहे थे।
कानूनी कार्रवाई – क्या कदम उठाए गए?
गिरफ्तारी: पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें क्लीनिक मालिक, बिचौलिये और विदेशी नागरिक शामिल हैं।
लाइसेंस रद्द: जिन क्लीनिकों में अवैध गतिविधियां पाई गईं, उनके लाइसेंस रद्द करने के लिए मेडिकल काउंसिल को सिफारिश भेजी गई है।
IPC धाराएं: आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं और सरोगेसी कानून के तहत केस दर्ज किया गया है।
कानूनी स्थिति – भारत में सरोगेसी पर क्या कानून है?
भारत में सरोगेसी (Regulation) Act, 2021 लागू है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि केवल निःशुल्क परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है।
व्यावसायिक सरोगेसी (Commercial Surrogacy) पर पूरी तरह पाबंदी है।
स्पर्म और एग डोनेशन पर भी सख्त नियम लागू हैं।
इस रैकेट में शामिल लोग इन सभी कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे।
सामाजिक और नैतिक सवाल
क्या पैसे के लालच में महिलाओं का शरीर एक व्यापार की वस्तु बनता जा रहा है?
क्या कानून का डर अब खत्म हो चुका है?
क्या समाज इस तरह के नेटवर्क पर आंखें मूंदे हुए है?
पुलिस की चेतावनी और आगे की योजना
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
“यह केवल एक नेटवर्क नहीं है, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट है। हमें इस पर पूरी तरह से शिकंजा कसना है।” – एक पुलिस अधिकारी।
हैदराबाद और सिकंदराबाद का यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि नैतिक और सामाजिक दृष्टि से भी गंभीर है। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में किस तरह गरीब महिलाएं सबसे आसान शिकार बन रही हैं। सरकार, पुलिस और समाज को मिलकर इस तरह के अपराधों पर नकेल कसनी होगी।
A shocking surrogacy and sperm trafficking racket was busted in Hyderabad and Secunderabad, revealing illegal fertility practices, international networks, and exploitation of poor women. Authorities seized illegal medical records, banned drugs, and sperm samples. The racket targeted vulnerable women, lured them with false promises, and served foreign clients seeking surrogacy in violation of Indian laws. Police have arrested 14 people, including clinic owners and foreign nationals, and more arrests are expected as the investigation continues.