AIN NEWS 1: बागपत में सांसद निधि के उपयोग को लेकर कुछ मुद्दे सामने आए हैं। रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने 2022 में राज्यसभा सदस्य बनने के बाद बागपत को नोडल जिला बनाया था और अपनी सांसद निधि का उपयोग करने के लिए कई प्रस्ताव दिए थे।
सिंथेटिक ट्रैक के बजाय स्टेडियम मरम्मत पर जोर
जयंत सिंह ने बड़ौत में युवाओं के लिए सिंथेटिक ट्रैक बनाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, ट्रैक का एस्टीमेट काफी अधिक होने के कारण इसे निरस्त कर दिया गया और टुकड़ों में एस्टीमेट तैयार किया गया। अब कालेज प्रबंधन ने सिंथेटिक ट्रैक बनाने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि जनता वैदिक कॉलेज में उनके पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह द्वारा बनवाए गए इंडोर स्टेडियम की छत जर्जर हो चुकी है। इसलिए, पहले उस स्टेडियम की मरम्मत कराई जाए।
छपरौली में मिनी स्टेडियम की योजना अटकी
छपरौली के विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मिनी स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव भी अटका हुआ है। इसके लिए 50 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया था, लेकिन कालेज प्रबंधन ने पूरी जानकारी नहीं दी, जिससे फाइल अटकी रही। अब कालेज प्रबंधन का कहना है कि वहां इतनी जमीन नहीं है कि मिनी स्टेडियम का निर्माण हो सके। जमीन खरीदने के प्रयास भी विफल रहे हैं, क्योंकि किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं।
अब तक हुए खर्च
चौधरी जयंत सिंह की निधि से मुजफ्फरनगर के साहटू में स्टेडियम निर्माण के लिए करीब 1 करोड़ 11 लाख रुपये, कुश्ती हॉल के लिए 40 लाख रुपये, मथुरा के बाबू अग्रवाल महाविद्यालय में हैंडबॉल और टेनिस कोर्ट के लिए 20 लाख रुपये और बिजनौर के नहटौर में वालीबॉल ग्राउंड के लिए 15 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राजस्थान और अन्य स्थानों पर भी खेल सुविधाओं के लिए धन भेजा गया है।
प्रस्तावों की स्थिति
जनता वैदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्टेडियम मरम्मत की ज्यादा जरूरत है, लेकिन सिंथेटिक ट्रैक का प्रस्ताव क्यों आया, यह स्पष्ट नहीं है। वहीं, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अखिलेश कुमार चौबे ने बताया कि बड़ौत और छपरौली में प्रस्ताव बदलवाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी फाइल देखकर ही मिल सकेगी।