AIN NEWS 1: मेरठ के सपा महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी, उनके भाई कामिल और असलम के खिलाफ लोहियानगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। इन पर आरोप है कि इन्होंने जमीन बेचने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
सद्दीकनगर के निवासी अब्दुल सत्तार ने शिकायत दर्ज कराई है कि मुफ्तीवाड़ा के रहने वाले आदिल चौधरी और उनके भाईयों ने ढिकौली गांव की जमीन का बैनामा उनके और अन्य लोगों के नाम किया। इन अन्य लोगों में अब्दुल गफ्फार, अशोक त्यागी और सिराजुद्दीन शामिल हैं।
बैनामे के वक्त आरोपियों ने कहा कि जमीन का रास्ता नेशनल हाईवे से जुड़ा है। लेकिन जब अब्दुल सत्तार और अन्य लोग मौके पर पहुंचे, तो पता चला कि जमीन तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
बंधक जमीन का खुलासा
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में आदिल और उनके भाईयों से बात की, तो आरोपियों ने दूसरी जमीन से रास्ता देने की बात कही। बाद में पता चला कि जमीन सरकार द्वारा बंधक है।
पैसे हड़पने का आरोप
सौदा तय होने पर आदिल चौधरी और उनके भाईयों ने डेढ़ करोड़ रुपये लिए। जब अब्दुल सत्तार ने जमीन का बैनामा कराने की मांग की, तो आदिल चौधरी ने कथित तौर पर धमकी दी। आरोप है कि आदिल ने कहा, “तुमने चुनाव के लिए रुपये नहीं दिए, जिस कारण मैं विधायक का चुनाव हार गया। अगर दोबारा यहां आए तो जान से मार दूंगा।”
शिकायतकर्ता के साथ मारपीट
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने कई बार शहर के जिम्मेदार लोगों के साथ आरोपियों से संपर्क किया, लेकिन बैनामे की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इसके अलावा, जब वे जमीन पर गए, तो उनके साथ मारपीट भी की गई।
पुलिस की प्रतिक्रिया
सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार ने बताया कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस जल्द ही मामले का खुलासा करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
पुलिस फिलहाल आरोपियों और शिकायतकर्ता के बयानों की सत्यता जांच रही है। मामले में सपा महानगर अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
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In a shocking turn of events, Samajwadi Party (SP) city president Adil Chaudhary, along with his brothers, faces serious allegations of a ₹1.5 crore land fraud in Meerut. According to the complaint, the accused promised land with highway access but allegedly sold mortgaged property without proper access. The complainants have also reported threats and assault. As the case unfolds, it raises questions about political accountability and legal consequences. This incident highlights the growing need for transparency in land dealings and stricter regulations to prevent fraud.