AIN NEWS 1 | भारतीय राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर जहां सत्ताधारी एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, वहीं विपक्षी INDIA ब्लॉक (इंडिया गठबंधन) आज अपने उम्मीदवार का नाम सामने लाने की तैयारी कर रहा है। यह चुनाव केवल पद के लिए मुकाबला नहीं बल्कि विचारधाराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जंग के रूप में देखा जा रहा है।
एनडीए ने चुना सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार
एनडीए की ओर से महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। सोमवार को जब वह दिल्ली पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें बधाई दी। इसके बाद राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की और आगामी चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा की।
इंडिया गठबंधन आज लेगा फैसला
वहीं दूसरी ओर विपक्षी INDIA ब्लॉक ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। आज दोपहर 12:30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद विपक्ष आधिकारिक तौर पर अपने उम्मीदवार का नाम सामने लाएगा।
किन नामों पर चल रही है चर्चा?
सूत्रों की मानें तो इंडिया ब्लॉक कई नामों पर मंथन कर रहा है। इन नामों में समाज, विज्ञान और इतिहास की विभिन्न पृष्ठभूमियों से जुड़े चेहरे शामिल हैं, ताकि चुनाव को व्यापक संदेश के साथ लड़ा जा सके।
मैलस्वामी अन्नादुरई – इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और चंद्रयान-1 मिशन के प्रमुख रहे। विपक्ष उन्हें एक तकनीकी और वैज्ञानिक छवि वाले उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकता है।
तिरुचि सिवा – तमिलनाडु से डीएमके के वरिष्ठ सांसद। विपक्ष चाहता है कि उनकी उम्मीदवारी दक्षिण भारत को प्रतिनिधित्व दे सके।
तुषार गांधी – महात्मा गांधी के परपोते और जाने-माने इतिहासकार। उनका नाम विपक्षी खेमे को विचारधारा और वैचारिक संघर्ष का मजबूत आधार दे सकता है।
महाराष्ट्र से दलित बुद्धिजीवी – सूत्रों के अनुसार, विपक्ष एक ऐसे दलित नेता या बुद्धिजीवी को भी उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रहा है, ताकि यह चुनाव सामाजिक न्याय और समानता के संदेश के रूप में सामने आ सके।
क्यों अहम है यह चुनाव?
उपराष्ट्रपति का चुनाव सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया से कहीं अधिक मायने रखता है। यह पद न केवल राज्यसभा के सभापति का दायित्व निभाता है बल्कि संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का भी प्रतीक है। ऐसे में यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद पहली बड़ी राजनीतिक जंग मानी जा रही है, जहां एनडीए और INDIA ब्लॉक आमने-सामने होंगे।
विपक्ष की रणनीति
इंडिया गठबंधन इस बार ऐसा उम्मीदवार उतारना चाहता है जो सिर्फ राजनीति का नहीं बल्कि विचार और वैचारिक संघर्ष का चेहरा बन सके। विपक्ष का उद्देश्य है कि चुनाव को “संविधान और लोकतंत्र की रक्षा” के संदेश के साथ जनता तक पहुंचाया जाए। इसके जरिए विपक्ष बीजेपी को चुनौती देने और अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश करेगा।
एनडीए की मजबूती और विपक्ष की चुनौती
जहां एनडीए का उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन पहले ही घोषित हो चुका है और भाजपा का संख्याबल भी काफी मजबूत है, वहीं विपक्ष की चुनौती है कि वह एक ऐसा चेहरा उतारे जो नैतिक और वैचारिक स्तर पर सरकार को टक्कर दे सके। विपक्ष की रणनीति यह भी है कि उम्मीदवार ऐसा हो जिसे आम जनता से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग तक स्वीकार कर सके।
नतीजों पर टिकी नज़र
आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भले ही एनडीए के पक्ष में जाने की संभावना अधिक हो, लेकिन विपक्ष की ओर से उम्मीदवार चयन का महत्व कम नहीं होगा। यह विपक्ष के लिए एक अवसर है कि वह अपनी एकता और विचारधारा को मजबूत संदेश के रूप में प्रस्तुत करे।



















