India Emerging as Global Leader in Disaster Management: Amit Shah
आपदा प्रबंधन में भारत बना वैश्विक नेतृत्वकर्ता: अमित शाह का बड़ा बयान
AIN NEWS 1 नई दिल्ली, 15 जून 2025 – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों तथा आपदा प्रतिक्रिया बलों के सम्मेलन में देश की आपदा प्रबंधन प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और जलवायु लचीलापन पर गठबंधन (CDRI) जैसे संस्थानों ने देश को इस दिशा में मजबूत आधार दिया है।
🔶 क्लाइमेट चेंज और आपदाओं की चुनौती
अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा,
“जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि के कारण आज पूरी दुनिया आपदाओं को लेकर चिंतित है। ऐसे समय में भारत का इस क्षेत्र में सशक्त बनकर उभरना न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उम्मीद की किरण है।”
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाएं पहले से अधिक बार और अधिक तीव्रता से आ रही हैं। ऐसे में एक मजबूत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला आपदा प्रबंधन तंत्र समय की आवश्यकता है।
🔶 NDMA: नीति, शोध और तकनीक की रीढ़
गृह मंत्री ने NDMA (National Disaster Management Authority) की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह संस्था नीति निर्माण, अनुसंधान, जागरूकता अभियानों और तकनीकी नवाचार में अग्रणी रही है।
NDMA ने विभिन्न प्रकार की आपदाओं को समझने और उनसे निपटने के लिए गहन अध्ययन किए।
इसने अनेक मोबाइल ऐप्स और तकनीकी प्लेटफॉर्म्स विकसित किए, जो आपदा के समय सूचना और राहत कार्यों में मदद करते हैं।
नीति समन्वय और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में NDMA की भागीदारी देशभर में सराही जा रही है।
🔶 NDRF: बहादुरी और भरोसे का प्रतीक
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को शाह ने “विश्वसनीयता और कार्यकुशलता का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा,
“NDRF ने पूरे देश में अपनी एक पहचान बनाई है। ये बल आपदाओं के समय जिस बहादुरी और तत्परता से कार्य करता है, उसने इन्हें जनता का भरोसा दिलाया है।”
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के जवानों की बहादुरी, प्रशिक्षण और क्षमता ने कई जीवन बचाए हैं।
इसके संचालन में SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की भी अहम भूमिका है, जो जमीनी स्तर पर प्रतिक्रिया को सशक्त बनाता है।
🔶 CDRI: वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा
जलवायु लचीले बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) की चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने बताया कि यह संस्था अब वैश्विक मंचों पर भारत की पहचान बन चुकी है।
सीडीआरआई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत को आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ देश के रूप में स्थापित करने में मदद की है।
इससे भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाया है और ज्ञान साझा करने के क्षेत्र में नेतृत्व किया है।
🔶 10 साल: बदलाव और उपलब्धियों का दौर
अमित शाह ने कहा,
“जब भी भारत के आपदा प्रबंधन के इतिहास को लिखा जाएगा, तो इन पिछले 10 वर्षों को संक्रमण काल कहा जाएगा। इन वर्षों में भारत ने चार प्रमुख क्षेत्रों – क्षमता, गति, कार्यकुशलता और सटीकता – में जबरदस्त उपलब्धियां हासिल की हैं।”
उन्होंने बताया कि इन संस्थानों ने देशभर में आपदा प्रबंधन को एक प्रोफेशनल और वैज्ञानिक प्रणाली में बदला है।
बचाव अभियानों की तेजी और परिणामों की सटीकता अब पहले से कहीं बेहतर है।
भारत अब केवल अपने देश में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी सहायता देने में सक्षम हो चुका है।
🔶 तकनीक, प्रशिक्षण और जनभागीदारी
शाह ने तकनीकी नवाचारों का उल्लेख करते हुए NDMA द्वारा विकसित कई डिजिटल प्लेटफॉर्म, GIS मैपिंग, और पूर्व चेतावनी प्रणाली का उल्लेख किया।
उन्होंने NDRF और SDRF के जवानों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी सराहना की, जिससे उनकी प्रतिक्रिया क्षमता कई गुना बढ़ गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है, जिससे आम जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है।
🔶 ग्लोबल एक्सेप्टेंस: भारत बना विश्व में भरोसेमंद साथी
गृह मंत्री ने कहा कि आज भारत के आपदा विशेषज्ञों को दुनिया भर में आमंत्रित किया जा रहा है।
भारत अब प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे देशों को तकनीकी सहायता, परामर्श और मानवीय मदद प्रदान कर रहा है।
CDRI ने अफ्रीका, एशिया और प्रशांत देशों में भारत की छवि को और मजबूत किया है।
🔶 आत्मनिर्भर भारत के लिए सशक्त आपदा प्रबंधन
शाह ने अपने संबोधन के अंत में कहा,
“आपदा प्रबंधन केवल राहत देने का काम नहीं है, यह एक राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित रखने का आधार है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्षम आपदा प्रबंधन प्रणाली की महती भूमिका है।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्यों को भी चाहिए कि वे अपने SDRF बलों को और प्रशिक्षित करें, स्थानीय स्तर पर अभ्यास और ड्रिल को नियमित करें, और NDMA की नीतियों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
गृह मंत्री अमित शाह के इस संबोधन ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल आपदाओं से लड़ने वाला देश नहीं, बल्कि दूसरों को मार्गदर्शन देने वाला देश बन चुका है। NDMA, NDRF और CDRI जैसे संस्थानों ने देश को वैज्ञानिक, संरचित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आपदा प्रबंधन प्रणाली प्रदान की है।
आगामी वर्षों में यह ज़रूरी है कि राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय और सामान्य नागरिक सभी इस प्रणाली को और सशक्त बनाने में अपना योगदान दें। तभी हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के सामने एक मजबूत और संगठित भारत के रूप में खड़े हो सकेंगे।
In a powerful address during the Conference of Relief Commissioners and Disaster Response Forces, Union Home Minister Amit Shah emphasized India’s rapid progress in disaster management. Highlighting the roles of NDMA, NDRF, and CDRI, Shah credited India’s advancement in areas like climate change response, emergency coordination, and disaster resilience. He asserted that India is on the verge of becoming a global leader in disaster preparedness, gaining international recognition for its efficiency and structured approach.