भारत की दो बहादुर बेटियां: कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह!

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India’s Lionesses: Colonel Sofia the Peacekeeper and Wing Commander Vyomika the Sky Warrior

भारत की दो शेरनियां: एक युद्धक्षेत्र की शांतिदूत, दूसरी आकाश की घातक उड़नपरी

AIN NEWS 1: भारत देश की बेटियां आज हर मोर्चे पर अपने पराक्रम का लोहा मनवा रही हैं। ऐसी ही दो शेरनियों की कहानी है कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की, जिन्होंने सेना और वायुसेना में अपनी विशेष भूमिका निभाकर देश का नाम रोशन किया है।

कर्नल सोफिया कुरैशी: ऑपरेशन सिंदूर की नायिका

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय थल सेना की सिग्नल कोर में वरिष्ठ अधिकारी हैं। वह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभियानों में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बन चुकी हैं। हाल ही में जब उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो बाद में उन्होंने अपने भाई मोहम्मद संजय को फोन कर हंसते हुए कहा – “मिशन पूरा हुआ, धमाका कर दिया ना!”

सोफिया का जन्म 1981 में वडोदरा, गुजरात में हुआ। उन्होंने जैव रसायन में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली। सेना में आने का सपना उन्होंने कम उम्र में ही देख लिया था और 1999 में मात्र 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए सेना में भर्ती हो गईं। उनके दादा भी सेना में थे और उनके पति मैकेनाइज्ड इंफेंट्री में अधिकारी हैं।

2016 में कर्नल सोफिया ने ‘एक्सरसाइज फोर्स-18’ नामक अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियान में भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था, जिसमें वह अकेली महिला कमांडर थीं।

इसके अलावा उन्होंने छह वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों (Peacekeeping Operations) में सेवाएं दी हैं, जिनमें 2006 में कांगो का मिशन विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह: उड़नपरी जो दुश्मनों पर भारी

विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) से की और फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 18 दिसंबर 2019 को उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला।

अब तक वह 2500 घंटों से अधिक की उड़ान भर चुकी हैं और जम्मू-कश्मीर तथा अरुणाचल प्रदेश जैसे संवेदनशील इलाकों में चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टर्स उड़ाकर कई कठिन हवाई अभियानों को सफलता से अंजाम दे चुकी हैं। नवंबर 2020 में अरुणाचल में किए गए एक विशेष मिशन के बाद उन्हें सबसे सफल महिला पायलट्स में गिना जाने लगा।

2023 में एक इंटरव्यू में व्योमिका ने बताया था कि जब वह कक्षा 6 में थीं, तो दोस्तों के साथ नाम के अर्थ पर चर्चा हो रही थी। उसी दौरान उन्होंने पहली बार यह कहा था कि वह पायलट बनना चाहती हैं।

परिवार का गर्व

कर्नल सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी, जो खुद सेना में सेवा दे चुके हैं, ने कहा – “हमारी बेटी ने देश के लिए बहुत बड़ा काम किया है। हमें उस पर गर्व है। पाकिस्तान को सबक सिखाया जाना चाहिए।”

उनकी मां हलीमा कुरैशी ने भावुक होकर कहा – “सोफिया ने बहनों और माताओं के सिंदूर का बदला ले लिया। वह बचपन से ही कहती थी कि सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करेगी।”

कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका की कहानी प्रेरणा का स्रोत है। यह दिखाता है कि देश की बेटियां अब सिर्फ घर की नहीं, बल्कि बॉर्डर और आकाश की भी रखवाली कर रही हैं। इन दोनों बहादुर महिलाओं ने साबित कर दिया है कि भारतीय सेना और वायुसेना में महिलाएं भी नेतृत्व कर सकती हैं और दुश्मनों को करारा जवाब दे सकती हैं।

Colonel Sofia Qureshi and Wing Commander Vyomika Singh are among India’s most respected women officers in the military. While Colonel Sofia led international operations and participated in UN Peacekeeping Missions like Congo, Wing Commander Vyomika is recognized as a top helicopter pilot with over 2500 flying hours in conflict zones like Kashmir and Arunachal Pradesh. Their powerful stories highlight the role of Indian women in defense and showcase how they are excelling in leadership, strategy, and execution during crucial military missions like Operation Sindoor and Force-18.

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