AIN NEWS 1 | राजनीतिक हलचलों से भरे इस समय में विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ एक बार फिर एक बड़ी बैठक की तैयारी कर रहा है। 7 अगस्त को दिल्ली में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में सभी विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस बैठक की पुष्टि की और बताया कि यह बैठक आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बुलाई गई है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे स्वयं इस बैठक में हिस्सा लेंगे और कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें एक मुद्दा राहुल गांधी द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान की ‘सच्चाई’ भी शामिल है।
राहुल गांधी के ‘एटम बम’ वाले बयान पर फारूक की प्रतिक्रिया
हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि उनके पास भाजपा द्वारा वोटों की चोरी के ऐसे सबूत हैं, जो “एटम बम” जैसे प्रभावशाली हैं।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा:
“राहुल गांधी ने दावा किया है कि उन्होंने ऐसी व्यवस्था कर ली है जिससे बिहार चुनाव में जीत पक्की है। मैं जानना चाहता हूं कि यह एटम बम आखिर क्या है। इसी वजह से मैं 7 अगस्त की बैठक में शामिल हो रहा हूं।”
फारूक का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि विपक्ष के भीतर भी इस दावे को लेकर जिज्ञासा है और वे इसका तथ्यों के आधार पर विश्लेषण चाहते हैं।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने पर फिर जताया भरोसा
फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाने को लेकर भी अपनी बात दोहराई। उन्होंने कहा कि उन्हें ईश्वर पर पूरा विश्वास है कि एक दिन यह क्षेत्र फिर से राज्य का दर्जा प्राप्त करेगा।
उनका कहना था:
“हमने शुरुआत से ही इस मुद्दे पर आवाज उठाई है और आज भी हमारा संघर्ष जारी है। हमें हमारे अधिकार जरूर मिलेंगे।”
कांग्रेस की भूख हड़ताल से दूरी क्यों बनाई नेशनल कॉन्फ्रेंस ने?
कांग्रेस पार्टी ने 9 अगस्त से 21 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली की मांग को लेकर भूख हड़ताल का ऐलान किया है।
हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस इसमें भाग नहीं ले रही है। इस पर सफाई देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी शुरुआत से ही लोगों के अधिकारों के लिए संगठित रूप से संघर्ष करती आ रही है। भूख हड़ताल से दूरी का यह मतलब नहीं कि वे इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि जब भी उमर अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले हैं, उन्होंने हर बार राज्य के दर्जे की बहाली का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। बातचीत लगातार चलती रही है।
केंद्र सरकार पर तीखा हमला
फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब सरकार जम्मू-कश्मीर की खाली पड़ी राज्यसभा की चार सीटों और विधानसभा की दो सीटों पर चुनाव नहीं करा पा रही, तो जनता उससे बड़े फैसलों की उम्मीद कैसे करे?
उन्होंने बीजेपी द्वारा किए जा रहे विकास के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है।
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर जताई चिंता
फारूक अब्दुल्ला ने भारत की आर्थिक स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा करते हैं कि उन्होंने दुनिया में शांति स्थापित की है, लेकिन उन्होंने भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और जुर्माना लगाकर स्थिति और खराब कर दी है।
उन्होंने कहा:
“हमारे उद्योगपति भारत छोड़कर दुबई जा रहे हैं, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है और अब भारत को वैश्विक मंचों पर नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि छोटे देश जैसे बांग्लादेश और कंबोडिया इससे फायदा उठा सकते हैं।”
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर चुप्पी साधी
मालेगांव ब्लास्ट केस को लेकर भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में दावा किया था कि उनसे जबरन प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने के लिए कहा गया था।
इस विवादित बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि प्रज्ञा ठाकुर पहले ही मुश्किलों में हैं और इस समय कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
विपक्ष की रणनीति, केंद्र से असंतोष और बढ़ते सवाल
7 अगस्त को दिल्ली में होने वाली विपक्षी बैठक केवल चुनावी रणनीति पर चर्चा भर नहीं है, बल्कि यह कई संवेदनशील मुद्दों — जैसे राज्य का दर्जा, वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता, और केंद्र सरकार की नीतियों — पर विपक्ष का सामूहिक रुख तय कर सकती है।
फारूक अब्दुल्ला जैसे वरिष्ठ नेताओं के बयान यह दर्शाते हैं कि देश में न केवल राजनीतिक उथल-पुथल है, बल्कि आर्थिक और प्रशासनिक दिशा को लेकर भी गंभीर बहस की ज़रूरत है।
Farooq Abdullah, leader of the National Conference, has confirmed his participation in the upcoming INDIA alliance meeting on August 7 in Delhi. The meeting, aimed at strategizing for the Bihar elections, gained attention after Rahul Gandhi’s ‘atom bomb’ statement claiming evidence of vote manipulation by BJP. Abdullah expressed his intent to learn the truth behind these claims. He also reiterated the demand for Jammu and Kashmir’s statehood and criticized the Central government for failing to conduct elections in the region. His remarks raise concerns about India’s economic condition, unemployment, and the future of democratic processes.