AIN NEWS 1 | भारत और रूस के रिश्ते दशकों से गहरे और भरोसेमंद रहे हैं। चाहे बात हो रक्षा सौदों की या ऊर्जा साझेदारी की, रूस हमेशा भारत का सबसे बड़ा सहयोगी रहा है। अब एक बार फिर रूस ने भारत को हाईटेक और एडवांस्ड हथियारों का बड़ा ऑफर दिया है।
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और संघर्ष देखने को मिला। इस दौरान भारत ने रूस से खरीदे गए हथियारों का शानदार इस्तेमाल किया। सबसे अहम रहा रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान की कई चालों को नाकाम किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, S-400 ने 250 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर उड़ रहे पाकिस्तानी अवाक्स (AWACS) विमान को मार गिराया था। यही नहीं, इस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन, मिसाइलों और लड़ाकू विमानों की सटीक लोकेशन भी भारतीय सेना को उपलब्ध कराई थी।
इस सफलता के बाद रूस चाहता है कि भारत और भी एडवांस हथियार खरीदे और अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत बनाए।
रूस का हाईटेक हथियारों का ऑफर
रूस ने भारत को जिन हथियारों की पेशकश की है, वे दुनियाभर में सबसे आधुनिक और शक्तिशाली माने जाते हैं। इनमें शामिल हैं –
सुखोई Su-57 फाइटर जेट
सुखोई Su-35 मल्टीरोल फाइटर जेट
R-37 एयर-टू-एयर मिसाइल
S-500 प्रोमेथियस एयर डिफेंस सिस्टम
ये सभी हथियार भारतीय वायुसेना और थलसेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं।
Su-57 – रूस का स्टील्थ फाइटर जेट
Su-57 रूस का पहला स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे PAK FA प्रोग्राम के तहत विकसित किया गया। यह डबल इंजन वाला मल्टीरोल विमान है, जो न सिर्फ हवाई युद्ध लड़ सकता है, बल्कि जमीन और समुद्र पर भी घातक हमला कर सकता है।
Su-57 का सबसे बड़ा फायदा इसका स्टील्थ डिज़ाइन है, जिससे यह दुश्मन के राडार पर नज़र ही नहीं आता। इसके अलावा इसमें आधुनिक एवियोनिक्स और सुपरमैन्युवरबिलिटी की क्षमता है, जो इसे पांचवीं पीढ़ी के विमानों की श्रेणी में सबसे खास बनाती है।
Su-35 – भरोसेमंद और पावरफुल
Su-35 रूस का एक और शक्तिशाली लड़ाकू विमान है, जो लंबी दूरी की उड़ान और मल्टीरोल क्षमता के लिए जाना जाता है। यह पहले से ही कई देशों की वायुसेना का हिस्सा है और युद्ध में अपनी ताकत दिखा चुका है।
R-37 मिसाइल – दूर से वार करने की क्षमता
R-37 एयर-टू-एयर मिसाइल दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों में से एक है। यह लगभग 400 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के लड़ाकू विमान को निशाना बना सकती है। अगर भारतीय वायुसेना इसे अपने बेड़े में शामिल करती है, तो पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।
S-500 डिफेंस सिस्टम – भविष्य का कवच
S-500, जिसे Prometey या 55R6M Triumfator-M भी कहा जाता है, रूस का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे Almaz-Antey Air Defence Concern ने विकसित किया है। यह S-400 और A-235 ABM सिस्टम का अपग्रेडेड वर्जन है।
रूस का दावा है कि S-500 न सिर्फ बैलिस्टिक मिसाइल बल्कि हाइपरसोनिक हथियारों को भी इंटरसेप्ट कर सकता है। इसकी रेंज इतनी ज्यादा है कि यह 600 किलोमीटर दूर तक उड़ने वाले टारगेट को भी नष्ट कर सकता है। यही वजह है कि इसे आने वाले समय का “एंटी-मिसाइल शील्ड” कहा जा रहा है।
रूस की सोच – भारत बने और मजबूत
रूसी रक्षा विश्लेषक और नेशनल डिफेंस मैगज़ीन के एडिटर-इन-चीफ इगोर कोरोटचेंको का कहना है कि अगर भारत Su-57, R-37 और S-500 को अपनाता है तो यह उसकी सैन्य ताकत में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि भारत पहले से ही S-400 के कई रेजिमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है।
भारत की स्थिति
हालांकि भारत को इन हथियारों की बेहद जरूरत है, लेकिन कुछ कारणों से अब तक कोई नया सौदा पक्का नहीं हुआ है।
भारत की कोशिश है कि रक्षा खरीद में विविधता लाई जाए और केवल रूस पर निर्भरता न रहे।
अमेरिका और यूरोप भी भारत को अपने हथियार खरीदने का ऑफर दे रहे हैं।
आर्थिक कारण और भू-राजनीतिक दबाव भी इस फैसले को प्रभावित कर रहे हैं।
पाकिस्तान को टेंशन क्यों?
भारत और रूस की इस संभावित डील से पाकिस्तान की चिंता बढ़ना लाजमी है। पाकिस्तान जानता है कि रूस की यह तकनीक भारत को हवाई युद्ध और मिसाइल डिफेंस में कई कदम आगे ले जाएगी। पहले ही S-400 सिस्टम ने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अगर भारत S-500 या Su-57 जैसे हथियार ले लेता है, तो पाकिस्तानी वायुसेना को हर मोर्चे पर चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
भारत और रूस के रिश्ते केवल रक्षा सौदों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह रणनीतिक साझेदारी भी है। हालांकि भारत फिलहाल नए हथियार खरीदने को लेकर सतर्क है, लेकिन यह साफ है कि अगर भविष्य में भारत S-500 या Su-57 जैसे हथियार खरीदता है तो यह पूरे एशिया के शक्ति संतुलन को बदल सकता है।



















