AIN NEWS 1 | मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच जंग लगातार तेज़ होती जा रही है। दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस युद्ध की आंच अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है, जिसमें अमेरिका, रूस और चीन जैसे ताकतवर देश भी शामिल हो चुके हैं। इसी बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का एक तीखा बयान सामने आया है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है।
खामेनेई ने इजरायल पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि उसका अमेरिका से मदद मांगना यह साफ संकेत देता है कि अब वह अंदर से कमजोर हो चुका है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए ईरानी जनता से हौसला बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने लिखा, “अगर दुश्मन को लग जाए कि आप डरे हुए हैं, तो वो आपको बख्शेगा नहीं। लेकिन जिस तरह अब तक आपने बहादुरी दिखाई है, उसे जारी रखें।”
कुरान का हवाला देते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि “जीत सिर्फ अल्लाह से मिलती है और वही सच्चे रास्ते पर चलने वालों को विजय दिलाता है।”
इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका की भूमिका भी चर्चा में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से बिना किसी शर्त के सरेंडर करने की मांग की है। उनका कहना है कि ईरान को अब पीछे हटना होगा।
वहीं इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बयान दिया कि “जब तक खामेनेई का शासन खत्म नहीं होता, तब तक युद्ध बंद नहीं होगा।”
रूस और चीन ने भी इस मसले पर अपना सख्त रुख दिखाया है। रूस ने अमेरिका को चेताया है कि अगर वह इस युद्ध में सैन्य दखल देता है तो स्थिति और खराब हो जाएगी।
रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा, “अगर अमेरिका ने सैनिक भेजे तो इसके परिणाम गंभीर होंगे।”
इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी फोन पर बातचीत कर इजरायल की सैन्य कार्रवाई की निंदा की और इसे संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन बताया।
In the escalating Iran-Israel war, Iranian Supreme Leader Ayatollah Khamenei claimed that Israel’s plea for US assistance reflects its growing weakness. As Donald Trump demanded Iran’s unconditional surrender, Russia warned the US against military intervention and China condemned Israel’s actions. The intensifying Middle East conflict is drawing global attention as tensions rise between major world powers.