AIN NEWS 1 | ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए तेज़ी से कदम उठाए। इसी कड़ी में गुरुवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत 110 भारतीय छात्रों को स्वदेश लाया गया, जिनमें अधिकतर छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। इस सराहनीय प्रयास पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की खुले दिल से तारीफ की।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “प्रधानमंत्री और जयशंकर जी ने बहुत बड़ा काम किया है। जो छात्र वापस लाए गए हैं, वह सराहनीय है और जो बाकी रह गए हैं, उन्हें भी जल्द लाया जाएगा।”
वहीं, फारूक अब्दुल्ला ने ईरान-इजरायल युद्ध को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कोई भी युद्ध इंसानियत के लिए अच्छा नहीं होता। “बातचीत से हल निकल सकता है, जो लड़ाई से नहीं निकलता। कर लें लड़ाई जितनी करना है, मगर अंत में नुकसान ही होगा,” उन्होंने तीखे शब्दों में अपनी बात कही।
इस रेस्क्यू मिशन के तहत पहला विमान गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचा। इसमें सवार छात्रों ने ईरान की भयावह स्थिति को याद करते हुए भारत सरकार का आभार जताया। छात्रों को पहले ईरान से आर्मेनिया ले जाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली लाया गया।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि बचाव कार्य लगातार जारी है। उन्होंने कहा, “हमारे पास विमान तैयार हैं और आज भी एक विमान भेजा जा रहा है। तुर्कमेनिस्तान से भी कुछ लोगों को निकाला जा रहा है। भारतीय दूतावास चौबीसों घंटे निकासी अनुरोध पर काम कर रहे हैं। हालात के अनुसार विमान भेजे जाएंगे।”
Amid the ongoing Israel-Iran conflict, India launched Operation Sindhu to evacuate stranded Indian students from Iran. National Conference leader Farooq Abdullah praised PM Modi and External Affairs Minister S. Jaishankar for this timely and successful evacuation. Over 110 Indian students, mostly from Jammu and Kashmir, were brought back safely to Delhi. The Indian Government’s proactive response and the efforts of the Indian Embassy in Armenia are being widely appreciated. More rescue flights are scheduled as the situation evolves.