AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे वसीम रिजवी, जो विवादों के कारण हमेशा चर्चा में रहे हैं, ने एक बार फिर अपनी पहचान में बदलाव किया है। पहले इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम ने अब अपना नाम बदलकर ‘जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर’ कर लिया है और अपनी जाति को ‘त्यागी ब्राह्मण’ से ‘ठाकुर’ में परिवर्तित किया है। उन्होंने दिवाली के शुभ अवसर पर सोशल मीडिया पर अपने नए नाम के साथ बधाई भी दी।
इस्लाम छोड़कर बने हिंदू:
2021 में वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म को छोड़ हिंदू धर्म अपनाया और ‘जितेंद्र नारायण त्यागी’ नाम से नई पहचान बनाई। यह धर्म परिवर्तन उस वक्त काफी सुर्खियों में रहा था क्योंकि उनके इस कदम के कारण इस्लामी धर्म गुरुओं ने उनके खिलाफ फतवे जारी किए थे। उनके परिवार में भी इस फैसले से विवाद खड़ा हो गया और उनकी मां और भाई ने भी उनसे दूरी बना ली थी।
विवादित बयान और इस्लाम से निष्कासन:
रिजवी का इस्लाम धर्म छोड़ने का निर्णय कई वर्षों की विवादित घटनाओं और बयानों के बाद आया था। मदरसा शिक्षा को आतंकवाद से जोड़ने, कुरान के कुछ हिस्सों को हटाने और कुतुब मीनार को लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने जैसी पहल उन्होंने की थी, जिससे मुस्लिम समाज में नाराजगी बढ़ी थी। शिया और सुन्नी दोनों समुदायों के धर्मगुरुओं ने उनके विचारों की कड़ी निंदा की और यहां तक कि उन्हें इस्लाम से बाहर कर दिया।
जाति परिवर्तन और नया नाम:
धर्म परिवर्तन के बाद वसीम रिजवी ने ‘त्यागी ब्राह्मण’ के रूप में अपनी नई पहचान बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने खुद को ‘ठाकुर’ जाति में परिवर्तित करते हुए अपना नाम बदलकर ‘जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर’ कर लिया है। इस नए नाम के साथ सेंगर ने दिवाली के मौके पर अपने प्रशंसकों को बधाई दी और अपनी नई पहचान सार्वजनिक की।
विवादों से भरा सफर:
वसीम रिजवी, जो अब जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर के नाम से जाने जाते हैं, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार में भी काफी चर्चा में रहे। उन्होंने मदरसों को कट्टरपंथ से जोड़ते हुए कई बार बयान दिए। उनका मानना था कि कुछ शैक्षणिक संस्थान चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे समाज में असामंजस्य फैल रहा है। उनके इस बयान का शिया और सुन्नी दोनों समुदायों ने विरोध किया और उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया। रिजवी का कहना था कि इस्लाम धर्म के अनुयायियों ने उन्हें धर्म से निकाल दिया है, जिसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म को अपना लिया।
निष्कर्ष:
जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर, जिन्हें पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। धर्म परिवर्तन से लेकर जाति परिवर्तन तक उनके कदम हमेशा विवादों और चर्चाओं के केंद्र में रहे हैं। सेंगर ने अपने बयानों और कार्यों से समाज में एक अलग पहचान बनाई है और धार्मिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते आए हैं।