स्वामी यशवीर सिंह की पहल और विवाद: योगी सरकार ने लिया कदम
AIN NEWS 1: स्वामी यशवीर सिंह, जिन्होंने बघरा गांव में ‘योग साधना यशवीर आश्रम’ की स्थापना की थी, हाल ही में एक विवादास्पद पहल के कारण चर्चा में हैं। इस आश्रम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य योग को बढ़ावा देना था। स्वामी यशवीर और उनके शिष्य ब्रह्मचारी स्वामी मृगेंद्र इस आश्रम में रहते हैं। आश्रम के दरवाज़े को पहचान की पुष्टि के बाद ही खोला जाता है, और यहाँ स्वामी यशवीर आम के पेड़ के नीचे एक साधारण कुर्सी पर बैठते हैं।
स्वामी यशवीर ने हाल ही में प्रशासन से एक विशेष आदेश की मांग की थी, जिसमें दुकानों, ढाबों और होटलों पर मालिकों के नाम बड़े अक्षरों में अंकित करने का निर्देश था। यह आदेश उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लागू किया गया था। स्वामी यशवीर का कहना है कि यह कदम हिंदू धर्म की पवित्रता और शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए है।
स्वामी यशवीर का दावा है कि उन्होंने एक हजार से अधिक मुसलमानों की ‘सनातन धर्म में घर वापसी’ करवाई है और वे इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में मुसलमानों द्वारा संचालित ढाबों और होटलों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, जिसके कारण कई मुसलमान संचालकों को अपने व्यवसाय बंद करने पड़े।
स्वामी यशवीर की यह पहल विवादों से भरी रही है। 2015 में उन्होंने पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में द्वेष फैलाने के आरोप लगे। स्वामी यशवीर को इस मामले में करीब साढ़े सात महीने जेल में रहना पड़ा था।
उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी हैं; उन्होंने 2022 विधानसभा चुनावों में टिकट के लिए प्रयास किया था और भविष्य में राजनीति में भी सक्रिय होने की संभावना व्यक्त की है। स्वामी यशवीर का कहना है कि उनका उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा और मुसलमानों के खिलाफ जागरूकता फैलाना है, न कि उनका बहिष्कार करना।
हालांकि हाल के दिनों में उनकी मुहिम पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, स्वामी यशवीर का कहना है कि वे इसे पूरे देश में फैलाने की योजना में हैं और यह आंदोलन जारी रहेगा।