AIN NEWS 1कोलकाता : 9 अगस्त की दरम्यानी रात कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ संजय रॉय द्वारा किए गए रेप और हत्या की घटना ने शहर को हिला दिया है। संजय रॉय, जो कि एक सिविक वॉलंटियर है, ने इस जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बदतमीजी की, जिससे जांच अधिकारियों को भी सन्नाटा छा गया।
वारदात की रात संजय रॉय का दौरा:
संजय रॉय ने 8 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में चार बार घुसपैठ की। पहली तीन बार वह अस्पताल के अंदर घूमता रहा, लेकिन चौथी बार जब वह बाहर निकला, तब तक उसने ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या कर दी थी। सीबीआई की जांच से पता चला है कि वारदात की रात संजय रॉय ने रेड लाइट एरिया में जाकर एक लड़की से छेड़छाड़ की थी और रेप के बाद एक महिला को फोन करके भी बदतमीज़ी की थी।
संजय रॉय की पूर्व की हरकतें:
पुलिस की जांच में पता चला है कि संजय रॉय पर पहले भी महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लग चुके थे। वह अपने इलाके में हफ्ता वसूली भी किया करता था। इसके अतिरिक्त, रॉय ने वारदात के बाद भी अस्पताल के सेमिनार हॉल में डॉक्टर की लाश को धोखा देने के प्रयास किए।
सीबीआई की जांच:
सीबीआई ने वारदात के समय संजय रॉय की गतिविधियों की गहराई से जांच की और कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पता चला कि रॉय ने पहले सोनागाछी और फिर चेतला के रेड लाइट एरिया में जाकर छेड़छाड़ की। इसके बाद उसने डॉक्टर की हत्या की और फिर महिला के साथ बदतमीज़ी की। सीबीआई को यह भी पता चला कि संजय रॉय के खिलाफ पहले भी कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें दर्ज हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस को कई सवालों के घेरे में लिया। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी, शव सौंपने में लापरवाही और सीन ऑफ क्राइम की सुरक्षा में कोताही को लेकर कड़ी टिप्पणी की। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि एफआईआर रात 11:45 बजे क्यों दर्ज की गई और डॉक्टर की लाश के मामले में देरी क्यों हुई।
सीबीआई की कार्यवाही और सुप्रीम कोर्ट के आदेश:
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से तफ्तीश की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है और पूरे मामले की निगरानी के लिए सीआईएसएफ को आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा सौंप दी है। इसके साथ ही, पूरे देश में मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो तीन हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
अंतिम विचार:
इस घटना ने न केवल कोलकाता, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। संजय रॉय की दरिंदगी और पुलिस-प्रशासन की लापरवाही ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि महिला सुरक्षा और अपराधों की त्वरित जांच के मामले में हमें और अधिक सतर्क रहना होगा। सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।