AIN NEWS 1: कोलकाता में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले के आरोपी संजय रॉय की मां ने आज तक से विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने बेटे और परिवार की स्थिति के बारे में बताया।
संजय रॉय की मां का बयान
संजय की मां ने बताया कि 8 अगस्त की रात को संजय ने खाना नहीं खाया और सिर्फ इतना कहा कि वह अस्पताल जा रहा है। उस दिन के बाद से ही वह अचानक लापता हो गया। संजय की मां ने कहा, “संजय हमेशा रात के समय लौट आता था, लेकिन उस दिन उसकी वापसी नहीं हुई। इस समय मैं हालात से निपटने की कोशिश कर रही हूं।”
परिवार की स्थिति और संजय की आदतें
संजय की मां ने साझा किया कि संजय बॉक्सिंग सीख रहा था और उसके पिता बहुत सख्त थे। उन्होंने यह भी कहा कि शायद अगर वह भी उतनी ही सख्त होतीं, तो संजय इस रास्ते पर नहीं जाता। संजय हमेशा अपने माता-पिता का ख्याल रखता था और कभी कोई असामान्य व्यवहार नहीं किया। उन्होंने बताया कि संजय की पहली पत्नी एक अच्छी महिला थी, लेकिन कैंसर के कारण उनकी शादी खुशहाल नहीं रह सकी।
घटना के बारे में चौंकाने वाली जानकारी
संजय की मां ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मिलकर बहुत आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता था कि संजय आरजी कर अस्पताल जाता था। जब मैंने इस घटना के बारे में सुना, तो मैं पूरी तरह से चौंक गई। संजय कभी ऐसा नहीं था। एक बार उसने नशे में धुत होकर घर वापसी की थी, शायद अपनी पत्नी की मृत्यु के कारण दुखी था।”
परिवार की टूटती स्थिति
संजय की मां ने यह भी बताया कि पति की मृत्यु के बाद से ही उनके परिवार की स्थिति बिगड़ गई है। उनकी बेटियां और दामाद अब उनसे मिलने नहीं आते। “पुलिस कभी-कभी आती है, लेकिन मैं नहीं जानती कि कौन-कौन आ रहा है। पति के निधन के बाद, सब कुछ बिखर गया है। मेरा सुंदर परिवार अब सिर्फ एक याद बनकर रह गया है,” उन्होंने कहा।
भविष्य की चिंता
संजय की मां ने बताया कि उन्हें अदालत में अपील करने का तरीका नहीं पता और वह पूरी तरह से अकेली महसूस कर रही हैं। “अगर मैं संजय से मिलती हूं, तो मैं उससे पूछूंगी कि उसने ऐसा क्यों किया। मुझे नहीं पता कि उसे ऐसा करने के लिए किसने प्रभावित किया। अगर किसी ने उसे फंसाया है, तो उस व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए। और अगर संजय ने सच में ऐसा किया है, तो भगवान उसे सजा देंगे।”
संजय की बचपन की यादें
संजय के जन्म की यादों को साझा करते हुए उसकी मां ने कहा, “संजय का जन्म 1989 में राखी पूर्णिमा के दिन हुआ था। मुझे लगा कि उसका जन्म भगवान विष्णु का पुनर्जन्म है, इसलिए हमने उसका नाम संजय रखा। वह फुटबॉल और बॉक्सिंग का शौक़ीन था और बचपन में ‘टॉपर’ था। वह कॉलेज पासआउट था और NCC का भी हिस्सा रहा।”
इस गंभीर और दुखद स्थिति में संजय की मां का बयान उनके परिवार की गहरी पीड़ा और मानसिक स्थिति को स्पष्ट करता है।