AIN NEWS 1 | छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले से एक चौंकाने वाली और बेहद गंभीर घटना सामने आई है। ज़िला जेल में बंद चार अंडरट्रायल कैदियों ने बेहद चालाकी और तेज़ी से जेल से भागने की साजिश को अंजाम दिया। कैदियों ने लगभग 25 फीट ऊंची जेल की दीवार को रस्सी की मदद से पार किया और सिर्फ़ 15 मिनट में सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए फरार हो गए। इस घटना ने जेल की सुरक्षा पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे रची गई भागने की साजिश?
यह वारदात रविवार देर रात की है, जब जेल परिसर में सामान्य गतिविधियां चल रही थीं और किसी को कोई शक नहीं था। रात करीब 2 बजे सुरक्षा गार्ड्स ने चार कैदियों की बैरक से गैरमौजूदगी नोटिस की। तुरंत अलार्म बजाया गया और जेल प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया।
वीडियो फुटेज में सामने आया कि कैदियों ने पहले जेल परिसर के एक कोने में स्थित कावशेड तक पहुंच बनाई। वहां पहले से तैयार की गई रस्सी का उपयोग करते हुए वे दीवार तक पहुंचे और एक-एक कर के दीवार पार कर भाग निकले।
सिर्फ 15 मिनट में सब कुछ खत्म
जिस प्रकार से यह योजना अंजाम दी गई, उससे अंदाजा लगता है कि भागने की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। चारों कैदी मिलकर बेहद योजनाबद्ध ढंग से इस ऑपरेशन को अंजाम देते हैं और पूरी प्रक्रिया में सिर्फ़ 15 मिनट लगते हैं। इतना ही नहीं, पूरी घटना के दौरान ड्यूटी पर मौजूद गार्ड्स को कोई शक भी नहीं हुआ।
कौन हैं ये फरार कैदी?
भागने वाले चारों कैदी बेहद गंभीर अपराधों के आरोपी थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन सभी पर रेप और POCSO एक्ट जैसे अपराधों के आरोप थे। ये कैदी अब तक दोषी साबित नहीं हुए थे, लेकिन अदालत में ट्रायल का सामना कर रहे थे, इसलिए इन्हें अंडरट्रायल के रूप में जेल में रखा गया था।
इन आरोपों की संवेदनशीलता को देखते हुए इनका फरार होना आम लोगों के लिए बेहद चिंता का विषय बन गया है।
जेल की सुरक्षा पर उठे सवाल
25 फीट ऊंची दीवार को बिना किसी बाहरी मदद के पार करना कोई आसान काम नहीं होता। लेकिन जब चार आरोपी जेल की सुरक्षा को चकमा देकर फरार हो जाते हैं, तो यह सीधे तौर पर सुरक्षा में लापरवाही की ओर इशारा करता है।
सीसीटीवी फुटेज से यह साफ है कि कैदियों ने योजना के तहत पहले रस्सी फेंकी, फिर दीवार चढ़ी और कुछ ही मिनटों में दूसरी ओर कूद गए। इस पूरी प्रक्रिया में न तो किसी गार्ड ने कुछ देखा और न ही कोई अलार्म बजा।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
घटना के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। जेल अधीक्षक और संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है कि क्या इस साजिश में जेल के अंदर से किसी ने मदद की थी। सूत्रों की मानें तो लापरवाही साबित होने पर जेल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन
कैदियों के फरार होने की खबर मिलते ही पुलिस ने तत्काल कोरबा और आसपास के इलाकों में नाकेबंदी शुरू कर दी है। विशेष पुलिस टीमें गठित की गई हैं, जो जंगलों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और संभावित ठिकानों की छानबीन कर रही हैं।
चारों कैदियों की पहचान सार्वजनिक कर दी गई है ताकि आम नागरिक भी उन्हें पहचान कर सूचना दे सकें। पुलिस ने जनता से सहयोग की अपील की है।
स्थानीय जनता में डर का माहौल
इन कैदियों के खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं, इसलिए उनके फरार होने से आम लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। सोशल मीडिया पर लोग जेल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
कई लोगों ने यह भी कहा है कि अगर इन अपराधियों को जल्द नहीं पकड़ा गया, तो ये समाज के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
जेल प्रशासन पर कार्रवाई तय
सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट आने के बाद जेल अधीक्षक समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड किया जा सकता है। साथ ही, जेल की सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव भी किए जा सकते हैं।
राज्य स्तर पर सभी जेलों को अलर्ट कर दिया गया है और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
यह सिर्फ जेल ब्रेक नहीं, एक बड़ी प्रशासनिक चूक
कोरबा जेल से चार अंडरट्रायल कैदियों का इस तरह भाग जाना न केवल एक जेल ब्रेक की घटना है, बल्कि यह प्रशासनिक और सुरक्षा तंत्र की विफलता को भी उजागर करता है।
ऐसे गंभीर आरोपों में बंद कैदियों को लेकर इतनी लापरवाही निंदनीय है। इस घटना के बाद पूरे राज्य में जेल व्यवस्था की समीक्षा आवश्यक हो गई है।
पुलिस द्वारा भरोसा दिलाया गया है कि कैदियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा, लेकिन अब जरूरत इस बात की है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और जेलों को वास्तव में अभेद्य किला बनाया जाए।
In a shocking jailbreak from Korba Jail in Chhattisgarh, four undertrial prisoners facing charges under rape and POCSO Act escaped by scaling a 25-foot wall using a rope in just 15 minutes. The entire escape sequence was captured on CCTV, raising major concerns about prison security and internal administrative lapses. Police have launched a manhunt and the local administration has initiated a high-level inquiry to determine if there was internal assistance in the jailbreak.