गाजियाबाद में लक्ष्य तंवर पर फर्जी दस्तावेजों से 2.75 करोड़ रुपये लोन लेने का आरोप?

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Lakshya Tanwar Fake Loan Case: ₹2.75 Crore Fraud with Fake Documents, FIR in Ghaziabad

लक्ष्य तंवर पर 2.75 करोड़ के फर्जी लोन का आरोप, गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज

AIN NEWS 1: गाजियाबाद में लोन माफिया लक्ष्य तंवर के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ₹2.75 करोड़ का लोन लिया। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुआ लोन फ्रॉड?

पीड़ित अनुज शर्मा, जो राजनगर एक्सटेंशन में रहते हैं और सिद्ध इंटरप्राइजेज नाम से फर्म चलाते हैं, इस धोखाधड़ी का शिकार हुए। उनकी फर्म को भारी नुकसान हुआ, जिससे वे कर्जदार हो गए। उन्होंने अपनी परेशानी अपने ममेरे भाई संजीव शर्मा को बताई। संजीव ने मदद का आश्वासन देकर उन्हें लक्ष्य तंवर से मिलवाया।

लक्ष्य तंवर ने अनुज शर्मा की नोएडा एक्सटेंशन स्थित संपत्ति के बिल्डर-बायर एग्रीमेंट को अपने पास रख लिया और बदले में उन्हें ₹12 लाख उधार दिए। अनुज को इस रकम पर ब्याज चुकाना था, जिसे वे संजीव शर्मा को देते रहे।

जब अनुज ब्याज देने में असमर्थ हो गए, तो संजीव शर्मा ने उनके साथ बदसलूकी की। इस दौरान, लक्ष्य तंवर ने मार्च 2016 में सिद्ध इंटरप्राइजेज के नाम पर ₹10 लाख का मुद्रा लोन दिलवाया। साथ ही, अनुज से बैंक की चेक बुक पर हस्ताक्षर भी करवा लिए।

फर्जी दस्तावेज कैसे बने?

मुद्रा लोन के लिए दस्तावेजों पर साइन कराने के बाद, आरोपियों ने बैंक के कागजात का दुरुपयोग करके एक नई फर्म “अनुज इंटरप्राइजेज” के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसके जरिए पीएनबी बैंक, चंद्रनगर ब्रांच से ₹2.75 करोड़ का लोन ले लिया गया।

इस लोन के लिए विनीता छाबड़ा और सीता मेहता को गारंटर बनाया गया, जबकि अनुज शर्मा इन दोनों को पहचानते भी नहीं थे। पुलिस जांच में सामने आया कि ये दोनों लक्ष्य तंवर के गिरोह के सदस्य हैं।

कैसे हुआ पैसों का लेन-देन?

फर्जी फर्म बनाकर लोन लिया गया।

विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए।

लोन की पूरी रकम हड़प ली गई।

पुलिस जांच और अगली कार्रवाई

पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की भूमिका की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

Lakshya Tanwar is accused of a ₹2.75 crore loan fraud using fake documents in Ghaziabad. The victim alleged that Tanwar and his associates misused his financial documents under the pretext of providing a Mudra loan. They created a fake firm and took a bank loan fraudulently. The Ghaziabad police FIR states that the accused used forged paperwork and illegally transferred loan amounts into different accounts. This financial scam highlights the growing issue of loan fraud in India.

 

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