AIN NEWS 1 | प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद के बयान पर विवाद तेज हो गया है। उन्होंने महाकुंभ के संबंध में कहा था कि कुंभ मेले में वही लोग जाएंगे जिन्होंने पाप किए हैं, और उन्हीं को जाना चाहिए। उनके इस बयान पर हिन्दू संगठनों और राजनीतिक नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आजाद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर चंद्रशेखर आजाद खुद को निष्पापी समझते हैं, तो वे हमें भी दर्शन दें। उनका शोध किया जाना चाहिए और उनके बारे में चर्चा की जानी चाहिए।” स्वामी ने यह भी कहा कि कुंभ में जो आए हैं, वे पापियों से मुक्ति पाने के लिए आए हैं, और जो नहीं आए, वे पुण्यात्मा हैं।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना था कि कुंभ का उद्देश्य पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति है, और यह एक पुण्यकारी अवसर है। उनके अनुसार, महाकुंभ के दौरान किसी ने अगर पाप किया है तो वह इस अवसर पर अपने पापों से मुक्त हो सकता है।
राम मंदिर की प्रतिष्ठा पर भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि धर्म शास्त्र की दृष्टि से राम मंदिर की प्रतिष्ठा अभी पूरी नहीं हुई है और यह सिर्फ वार्षिकी मना रहे हैं, जिन लोगों ने आयोजन किया था।
चंद्रशेखर आजाद के बयान पर बीजेपी और हिन्दू संगठनों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, और यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने तो उनकी तुलना “कौवे” से कर दी।