AIN NEWS 1 प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 के उद्घाटन से पहले, प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को एक “आध्यात्मिक और सांस्कृतिक घटना” बताया, जिसे हर व्यक्ति को अनुभव करना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो भारत में जन्मे हैं। उनका कहना है, “यह एक आकाशीय घटना है और साथ ही एक सभ्यतागत घटना है, जिसे किसी भी हाल में मिस नहीं करना चाहिए। चाहे आप धार्मिक हों, न हों, आध्यात्मिक हों या न हों, आपको इस घटना में भाग लेना चाहिए क्योंकि यह सभ्यता के रूप में 8000-10,000 सालों से चली आ रही है। यह दुनिया की एकमात्र संस्कृति है जो मुक्ति की तलाश करती है।”
महाकुंभ का महत्व:
सद्गुरु ने महाकुंभ को एक ऐतिहासिक और दिव्य घटना बताया, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सभ्यता की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। महाकुंभ का आयोजन हर बार लगभग 12 साल बाद होता है और यह पूरी दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। सद्गुरु का कहना है कि इस समय के दौरान प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाना, आत्मिक उन्नति और शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आध्यात्मिक उन्नति का अवसर:
सद्गुरु ने यह भी कहा कि महाकुंभ का आयोजन लोगों को अपने भीतर की आत्मा से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। चाहे आप किसी भी आस्थावादी मार्ग पर चल रहे हों, यह घटना आपको अपने अस्तित्व के सच्चे उद्देश्य को समझने में मदद कर सकती है। सद्गुरु के अनुसार, महाकुंभ का आयोजन मनुष्य के भीतर की सच्चाई और आत्मा के गहरे स्तर पर जाकर उसके अस्तित्व का एक नूतन अनुभव कराने का अवसर है।
महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक पहलु:
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता का भी प्रतीक है। यह समय एकत्र होने का, सच्चाई की खोज करने का और आत्मिक शांति प्राप्त करने का होता है। महाकुंभ में सम्मिलित होने से न केवल व्यक्तिगत उन्नति होती है, बल्कि एक व्यक्ति समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझ सकता है। सद्गुरु के अनुसार, यह एक ऐसी घटना है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में अनमोल क्षण दे सकती है।
सद्गुरु का संदेश:
सद्गुरु ने इस अवसर पर सभी को आमंत्रित किया कि वे महाकुंभ के अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनें। उनका कहना था कि महाकुंभ से जुड़े अनुभवों से एक व्यक्ति अपनी जिंदगी में नई दिशा पा सकता है। यह न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह मानवता, एकता और शांति का प्रतीक भी है।
English Version for SEO:
The Mahakumbh 2025 in Prayagraj is one of the most significant spiritual and cultural events, as described by the renowned spiritual leader Sadhguru Jaggi Vasudev. He emphasized that people, especially those born in Bharat (India), should not miss this celestial phenomenon. According to Sadhguru, the Mahakumbh is an ancient event that has been a part of Indian civilization for over 8000-10,000 years, where millions gather to seek spiritual liberation. Regardless of religious beliefs, this event provides an opportunity for personal transformation and understanding one’s true purpose in life. Sadhguru’s call is to experience this once-in-a-lifetime event that promises spiritual growth and connection with the divine.