AIN NEWS 1 | महाराष्ट्र में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। नांदेड़ जिले के मुखेड तालुका में सोमवार (18 अगस्त) को बादल फटने जैसी घटना सामने आई, जिससे हालात बेकाबू हो गए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी दी कि नांदेड़ समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते फसलें और गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि NDRF और SDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, वहीं कुछ जगह सेना की मदद भी ली गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अकेले नांदेड़ में 1 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसलें बर्बाद हो गई हैं। राज्यभर में अब तक 800 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं और करीब 200 गांव पूरी तरह पानी में घिर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जलगांव इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां तापी और हतनूर नदियों का जलस्तर बढ़ने से रावेर इलाके में पानी घुस चुका है।
क्या बोले मुख्यमंत्री फडणवीस?
सीएम फडणवीस ने हालात की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन टीमों से लगातार संवाद बनाए रखा है। उन्होंने बताया:
पुणे जिले के सभी बांधों में इस समय पर्याप्त पानी है।
पुणे घाट क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है और यहां रेड अलर्ट जारी किया गया है।
संभाजीनगर, बीड, परभणी और लातूर जिलों में भी लगातार तेज बारिश दर्ज की जा रही है।
नांदेड़ जिले में बाढ़ जैसे हालात हैं, खासकर मुखेड तालुका में 206 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अब तक 150 से ज्यादा जानवर बह गए और 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
रावणगांव से 226 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, वहीं कई अन्य गांवों से भी लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है।
इसापूर और विष्णुपुरी बांध चेतावनी स्तर की ओर बढ़ रहे हैं, जिनमें से विष्णुपुरी पर सबसे ज्यादा दबाव है।
कोचंपाड बांध की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई गई है।
गड़चिरोली और चंद्रपुर जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है।
अनुमान है कि अमरावती संभाग में करीब 2 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है।
जलगांव में सबसे ज्यादा संकट
जलगांव इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बताया जा रहा है। तापी नदी और हतनूर बांध से छोड़े गए पानी के कारण रावेर क्षेत्र में पानी भर गया है। कई गांवों में घरों और खेतों तक पानी घुस आया है। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण मुश्किलें और बढ़ रही हैं।
मुंबई की स्थिति
मुंबई में भी पिछले 6 घंटों में 170 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। चेंबूर इलाके में सबसे ज्यादा 177 मिमी बारिश दर्ज की गई।
14 जगहों पर ट्रैफिक धीमी गति से चल रहा है।
लोकल ट्रेनें बंद नहीं की गईं, लेकिन उनकी रफ्तार काफी धीमी हो गई है।
ट्रेनें लेट चल रही हैं लेकिन सेवाएं जारी हैं।
दोपहर 4 बजे के बाद मंत्रालय से कर्मचारियों को घर जाने की अनुमति दी गई।
शाम 6 से 6:30 बजे हाई टाइड आने की संभावना है, इसलिए लोगों को सावधान रहने की अपील की गई है।
इमरजेंसी मैनेजमेंट मंत्री गिरीश महाजन ने क्या कहा?
राज्य के इमरजेंसी मैनेजमेंट मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि रविवार दोपहर से लगातार भारी बारिश हो रही है। उन्होंने कहा:
4-5 लोग लापता बताए गए हैं, जिनकी तलाश जारी है।
कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
नांदेड़ में बारिश की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है।
कई गांव पानी से घिरे हुए हैं और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।
एक जगह सेना की मदद भी ली गई है।
किसानों और आम लोगों के सामने चुनौती
लगातार हो रही बारिश और बाढ़ जैसे हालात ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब तक लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। खासकर सोयाबीन, कपास और धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीण इलाकों में कई घर ढह गए हैं, सड़कों का संपर्क टूट गया है और लोग सुरक्षित जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
आने वाले दिनों में खतरा बरकरार
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 18 से 21 अगस्त के बीच और अधिक बारिश हो सकती है। अगले 10-12 घंटों में मुंबई में भी भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। सरकार ने लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं और सरकार पूरी तरह हालात पर नजर बनाए हुए है।
महाराष्ट्र इस समय गंभीर आपदा से जूझ रहा है। नांदेड़, जलगांव, मुंबई और अन्य जिलों में बारिश का कहर जारी है। सरकार, NDRF, SDRF और सेना की मदद से राहत और बचाव कार्य कर रही है। लेकिन आने वाले दिनों में और बारिश होने की संभावना ने चिंता और बढ़ा दी है। ऐसे में प्रशासन और आम जनता को मिलकर सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की जरूरत है।



















