Friday, January 10, 2025

मौलाना महमूद मदनी ने अरविंद केजरीवाल और योगी आदित्यनाथ पर दिया बयान, इंसाफ की जरूरत जताई?

दिल्ली चुनाव और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी का बयान

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AIN NEWS 1: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी। इस पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह कदम चुनावी राजनीति का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह काम बहुत पहले किया जाना चाहिए था। मदनी ने यह भी कहा कि इस कदम में कोई बुराई नहीं है, अगर यह किया गया है, तो यह सही है, लेकिन इसे पहले कर लिया जाना चाहिए था।

मौलाना मदनी ने आगे यह भी कहा कि वे इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते कि अरविंद केजरीवाल ने मुसलमानों के लिए कुछ अलग ऐलान क्यों नहीं किया। उनका कहना था कि मुसलमानों के लिए विशेष रूप से कुछ करने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि उनके साथ इंसाफ हो। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों को समान शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए।

मुसलमानों के लिए इंसाफ की बात

मौलाना मदनी ने जोर देकर कहा कि मुसलमानों के लिए अलग से कुछ करने के बजाय सबसे जरूरी यह है कि उनके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार हो। उनका कहना था कि समाज में समरसता बनाए रखने के लिए नफरत फैलाने वाली परिस्थितियों को कम करना बेहद जरूरी है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए। मदनी ने यह भी कहा कि मुसलमानों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में योजनाएं बनाई जानी चाहिए, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर सुधर सके।

संभल हिंसा पर नाराजगी

संभल हिंसा पर बात करते हुए मौलाना महमूद मदनी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उनका कहना था कि इस घटना की असल वजह को समझना बहुत जरूरी है। लोअर कोर्ट के फैसले और प्रशासन की कार्रवाई ने इस स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना में लोगों ने अपनी ‘फतह’ का इजहार किया, जिसके कारण हिंसा हुई। यूपी सरकार और अधिकारियों द्वारा इस हिंसा पर किए गए कड़े और जालिम कदमों को उन्होंने गलत ठहराया। उनका कहना था कि इसे एक सफलता के रूप में प्रस्तुत करना गलत है और इस पर कोई और टिप्पणी नहीं की जाएगी।

योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों की “सर्जरी” करनी चाहिए, मौलाना मदनी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। मदनी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की भी “सर्जरी” की जरूरत है। उन्होंने कहा कि योगी को यह समझना चाहिए कि वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उन्हें सभी के साथ समान और सभ्य तरीके से व्यवहार करना चाहिए। उनके बयान में जो गंदगी है, उसे साफ करने की जरूरत है, ताकि समाज में असहमति और नफरत की भावना को कम किया जा सके।

मौलाना मदनी का समग्र दृष्टिकोण

मौलाना महमूद मदनी ने कई ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार रखे, जिनमें समाज में शांति, इंसाफ और एकता बनाए रखने की जरूरत को प्रमुखता से उठाया। उनका मानना था कि भारतीय समाज का ढांचा आज भी मजबूत है, और अगर सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार किया जाए और इंसाफ के साथ अवसर प्रदान किए जाएं, तो यह समाज में सामूहिक विकास की ओर अग्रसर हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों को विशेष रूप से कुछ देने की बजाय, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि उनके साथ समान व्यवहार किया जाए और उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का अधिकार मिले।

मौलाना महमूद असद मदनी का यह बयान चुनावी राजनीति, मुसलमानों के अधिकारों और समाज में व्याप्त नफरत को कम करने के विषय पर महत्वपूर्ण है। उनका यह संदेश साफ है कि किसी समुदाय के साथ विशेष व्यवहार करने से ज्यादा जरूरी यह है कि सभी के साथ समान और न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाए। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को काम करना चाहिए और एकजुट होकर समाज में समरसता बनाए रखनी चाहिए।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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