Meerut Man Shakir Faces Family Backlash After Kanwar Yatra, Announces Conversion to Hinduism
हरिद्वार से कांवड़ लाने वाले शाकिर का विरोध, हिंदू धर्म अपनाने की घोषणा पर परिवार व मोहल्ले में बवाल
AIN NEWS 1: मेरठ जिले के फलावदा कस्बे में रहने वाले शाकिर नाम के युवक के साथ बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शाकिर, जो खुद को भगवान शिव का भक्त बताता है, हरिद्वार से कांवड़ लाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर लौटा तो उसके अपने ही घरवालों और मोहल्ले के लोगों ने उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शाकिर का कहना है कि इस पूरे विवाद के बीच उसने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया है, क्योंकि अब वह भगवान शिव की भक्ति छोड़ने वाला नहीं है।
कांवड़ यात्रा से लौटते ही हुआ विरोध
फलावदा कस्बे के मोहल्ला होली चौक, मंदवाड़ी रोड निवासी शाकिर मजदूरी करके जीवनयापन करता है। पिछले तीन साल से वह भगवान शिव की पूजा कर रहा था। इस बार उसने निश्चय किया कि हरिद्वार से कांवड़ लेकर आएगा और अपने इलाके के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करेगा। उसने 101 लीटर गंगाजल लेकर फलावदा और गडीना के मंदिरों में भगवान शिव पर जल चढ़ाया।
शाकिर के अनुसार, हरिद्वार से लौटते समय खतौली के कांवड़ सेवा शिविर में उसका जोरदार स्वागत हुआ और उसे सम्मान स्वरूप शील्ड दी गई। यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यहीं से विवाद ने तूल पकड़ा।
परिवार और पड़ोसियों का विरोध
शाकिर का कहना है कि जब वह कांवड़ यात्रा पूरी कर घर लौटा तो माता-पिता और मोहल्ले के लोगों ने लाठी-डंडे लेकर उसका विरोध किया। उन्होंने उस पर जोर डालते हुए कहा कि वह तुरंत भगवान शिव की पूजा बंद करे। आरोप है कि परिवार ने न केवल उसे धमकी दी, बल्कि खाना देने से भी मना कर दिया।
शाकिर का दावा है, “मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि अगर मैंने शिवजी की पूजा नहीं छोड़ी तो मुझे जान से मार देंगे।” उसने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह लगभग छह बजे परिवार और पड़ोसियों ने मिलकर उसके साथ हाथापाई करने की कोशिश की।
पुलिस से मदद की गुहार
अपनी जान को खतरा महसूस करते हुए शाकिर सीधे थाने पहुंचा और तहरीर दी। उसने पुलिस से कहा कि अब वह अपने घर या मोहल्ले में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा। शाकिर ने पुलिस को यह भी बताया कि वह अब पूरी तरह से हिंदू धर्म अपनाने जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और शाकिर की सुरक्षा को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
शाकिर का बयान
शाकिर ने कहा, “मैं पिछले तीन साल से भगवान शिव की पूजा कर रहा हूं। इस बार हरिद्वार से 101 लीटर गंगाजल लाकर मंदिरों में जलाभिषेक किया। लेकिन घर लौटते ही मुझे अपनी आस्था की कीमत चुकानी पड़ रही है। मैं अपनी भक्ति छोड़ नहीं सकता, इसलिए मैंने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है।”
उसका कहना है कि परिवार और मोहल्ले के विरोध के बावजूद वह अपने निर्णय पर अडिग है। शाकिर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से यह मामला और भी सुर्खियों में आ गया है।
स्थानीय माहौल और विवाद की जड़
फलावदा कस्बे में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग शाकिर के फैसले को उसका व्यक्तिगत अधिकार मानते हैं, वहीं कुछ लोग इसे सामाजिक विवाद के रूप में देख रहे हैं। मोहल्ले के कुछ लोगों ने कथित तौर पर शाकिर को धमकी दी है, जिससे स्थिति और संवेदनशील हो गई है।
पुलिस फिलहाल मामले को संवेदनशील मानते हुए जांच कर रही है। हालांकि, इस घटना से समाज में धर्म परिवर्तन और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बहस छिड़ गई है।
शाकिर का यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत आस्था से जुड़ा नहीं है बल्कि यह इस बात की भी झलक देता है कि धार्मिक विश्वास के चलते समाज में किस तरह के टकराव पैदा हो सकते हैं। अब देखना होगा कि पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई क्या करती है और शाकिर अपने निर्णय पर कितने समय तक कायम रह पाता है।
Shakir from Meerut, who brought Kanwar from Haridwar for Lord Shiva’s Jalabhishek, is facing strong opposition from his family and neighbors. After threats and social boycott, Shakir has announced his decision to convert to Hinduism. This incident has sparked a debate on religious freedom and social tolerance in Meerut, and police are now investigating the matter to ensure his safety. Keywords like Kanwar Yatra controversy, Hindu conversion, and Meerut news highlight the sensitivity of the situation.