नमस्कार,
कल की बड़ी खबर सुनीता विलियम्स की स्पेस से वापसी की रही। केंद्र सरकार सभी वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की तैयारी कर रही है। वहीं 1 किलो चांदी की कीमत पहली बार 1 लाख रुपए के पार पहुंची।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- केंद्र सरकार और किसानों के बीच चंडीगढ़ में 7वीं बैठक होगी। किसान सभी फसलों पर MSP की गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
- RJD चीफ लालू यादव को ED ने लैंड फॉर जॉब मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाया है। लालू, राबड़ी समेत सभी 9 आरोपी जमानत पर हैं।
अब कल की बड़ी खबरें:
9 महीने बाद स्पेस से लौटीं सुनीता विलियम्स, फ्लोरिडा तट पर लैंड हुआ स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल
मुख्य बातें:
- 9 महीने बाद धरती पर वापसी – सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर समेत 4 एस्ट्रोनॉट्स सुरक्षित लौटे।
- स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से वापसी – 17 घंटे की यात्रा के बाद फ्लोरिडा तट पर लैंडिंग।
- थ्रस्टर खराबी के कारण देरी – 8 दिन की योजना के बावजूद 286 दिन स्पेस में बिताने पड़े।
286 दिन बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स और क्रू-9 टीम
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसी भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 286 दिन (9 महीने) बाद धरती पर लौट आए। उन्होंने स्पेसएक्स के ‘ड्रैगन’ कैप्सूल से वापसी की। इस मिशन में उनके साथ क्रू-9 टीम के दो अन्य एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी थे।
चारों एस्ट्रोनॉट्स ने 17 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा के बाद फ्लोरिडा के तट पर सफल लैंडिंग की।
8 दिन का मिशन 9 महीने में बदला
6 जून 2024 को नासा (NASA) ने बोइंग के ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ के तहत 8 दिन के लिए ISS भेजा था। लेकिन, स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर में खराबी आने के कारण मिशन लंबा हो गया और वे 286 दिन तक स्पेस में रहने को मजबूर हुए।
अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने का रिकॉर्ड
लगातार सबसे ज्यादा समय तक स्पेस में रहने का रिकॉर्ड
- रूसी एस्ट्रोनॉट वालेरी पोल्याकोव – 437 दिन (8 जनवरी 1994 – 22 मार्च 1995)
- ISS पर सबसे लंबा मिशन – फ्रैंक रूबियो – 371 दिन
सभी मिशनों को मिलाकर सबसे ज्यादा समय स्पेस में बिताने वाले एस्ट्रोनॉट्स
- पैगी व्हिटसन – 675 दिन
- सुनीता विलियम्स – 608 दिन
- जेफ विलियम्स – 534 दिन
- मार्क वेंडे हेई – 523 दिन
- स्कॉट केली – 520 दिन
वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी, 30 अप्रैल तक सुझाव मांगे
मुख्य बातें:
- वोटर आईडी और आधार लिंकिंग पर सरकार की तैयारी
- चुनाव आयोग और UIDAI के बीच बैठक हुई
- सभी राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक सुझाव मांगे गए
जल्द हो सकता है वोटर कार्ड-आधार लिंकिंग का फैसला
केंद्र सरकार वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया तेज करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर चुनाव आयोग और यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के अधिकारियों की बैठक हुई। अब इस विषय पर एक्सपर्ट की राय भी ली जाएगी।
सरकार ने देश के सभी राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक सुझाव मांगे हैं, ताकि इस प्रक्रिया को और पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके।
क्या है मौजूदा प्रक्रिया?
वोटर आईडी को आधार से लिंक करना अभी स्वैच्छिक है, यानी नागरिकों के पास इसे जोड़ने या न जोड़ने का विकल्प है। चुनाव आयोग के मुताबिक, यह प्रक्रिया मौजूदा कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही होगी।
पहले 2015 में भी वोटर कार्ड-आधार लिंकिंग की कोशिश हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब दोबारा इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है, जिससे भविष्य में फर्जी वोटिंग और डुप्लीकेट वोटर आईडी की समस्या को रोका जा सके।
नागपुर हिंसा के बाद 11 इलाकों में कर्फ्यू, छत्रपति संभाजीनगर में बढ़ी सुरक्षा
मुख्य बातें:
- औरंगजेब का पुतला जलाने पर भड़की हिंसा
- 50 से ज्यादा उपद्रवी गिरफ्तार, 33 पुलिसकर्मी घायल
- नागपुर के 11 इलाकों में कर्फ्यू, संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ी
नागपुर हिंसा: कर्फ्यू जारी, सुरक्षा कड़ी
17 मार्च को नागपुर में औरंगजेब का पुतला जलाने के बाद हिंसा भड़क गई, जिसके बाद प्रशासन ने 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। 50 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के दौरान 12 बाइक, कई कारें और 1 JCB जला दी गई, जबकि 3 DCP समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
संभावित तनाव को देखते हुए छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
नागपुर और अन्य शहरों में क्या हालात हैं?
- स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन पुलिस और प्रशासन सतर्क है।
- CCTV फुटेज की जांच कर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
- मुंबई, पुणे और नासिक में भी अलर्ट जारी किया गया है।
- CM देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को घटना की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। बावनकुले नागपुर के संरक्षक मंत्री हैं।
चांदी पहली बार ₹1 लाख के पार, सोना ₹88,354 प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई पर
मुख्य बातें:
- चांदी ₹1,00,400 प्रति किलो पर पहुंची, पहली बार 1 लाख के पार
- 10 ग्राम सोना ₹88,354 के ऑल-टाइम हाई पर
- साल 2024 में अब तक 12,192 रुपए महंगा हुआ सोना
सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल
सोने और चांदी की कीमतें अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। 1 किलो चांदी ₹633 की बढ़त के साथ ₹1,00,400 प्रति किलो पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं, 10 ग्राम सोने का दाम ₹253 बढ़कर ₹88,354 हो गया है।
क्या 10 ग्राम सोना ₹92,000 तक जाएगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 के अंत तक सोना ₹92,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
- 1 जनवरी से अब तक (3 महीने में) सोना 12,192 रुपए महंगा हो चुका है।
- 2023 में सोने की कीमत में 12,810 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
आने वाले दिनों में सोने-चांदी के दामों में और तेजी देखने को मिल सकती है।
अयोध्या में राम दरबार का सिंहासन तैयार, 30 अप्रैल को होगी स्थापना
मुख्य बातें:
- राम दरबार के लिए फर्स्ट फ्लोर पर सफेद संगमरमर का सिंहासन तैयार
- गर्भगृह में मकराना के सफेद पत्थरों से भव्य नक्काशी की गई
- 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) को मूर्तियों की स्थापना, 5 जून (गंगा दशहरा) को प्राण प्रतिष्ठा
राम दरबार का सिंहासन तैयार, गर्भगृह में भव्य नक्काशी
अयोध्या में रामनवमी से पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर की नई तस्वीरें जारी की हैं। फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार के लिए सफेद संगमरमर का सिंहासन बनकर तैयार हो गया है। यह ग्राउंड फ्लोर की तरह ही भव्य और अलंकृत है।
राम दरबार के गर्भगृह में मकराना के सफेद पत्थरों से सुंदर नक्काशी की गई है, जिससे मंदिर की दिव्यता और बढ़ गई है।
30 अप्रैल को मूर्तियों की स्थापना, 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा
- राम दरबार की सभी मूर्तियां जयपुर में तैयार की जा रही हैं, जो 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से पहले अयोध्या पहुंचेंगी।
- राम मंदिर परिसर में 14 और मंदिर भी बनाए जा रहे हैं।
- मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून (गंगा दशहरा) को होगी।
राम मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी आई है, और रामनवमी के साथ मंदिर की भव्यता देखने लायक होगी।
सीजफायर टूटने के बाद इजराइल का गाजा पर हमला, 12 घंटे में 413 की मौत
मुख्य बातें:
- सीजफायर टूटते ही इजराइल ने गाजा पर एयर स्ट्राइक शुरू की
- 12 घंटे में 413 फिलिस्तीनी मारे गए, सैकड़ों घायल
- हमास का दावा – इजराइली बंधकों का जिंदा बचना मुश्किल
इजराइल-हमास संघर्ष फिर भड़का, भारी हवाई हमले
इजराइल ने गाजा में भीषण एयर स्ट्राइक शुरू कर दी है। मंगलवार को हुए हमलों में 413 फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। इस हमले के साथ ही हमास और इजराइल के बीच 2 महीने पुराना सीजफायर पूरी तरह टूट गया।
हमास ने दावा किया है कि इजराइली बंधकों की जान को खतरा बढ़ गया है। वर्तमान में हमास की हिरासत में 59 इजराइली बंधक हैं।
सीजफायर डील के 3 फेज – अब क्या होगा?
पहला फेज:
- 19 जनवरी से 1 मार्च तक चला।
- हमास ने 25 बंधक और 8 शव छोड़े।
- इजराइल ने 2,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
दूसरा फेज:
- 3 फरवरी तक स्थिति ठीक रहने पर चर्चा होनी थी, लेकिन बातचीत नहीं हो पाई।
तीसरा फेज:
- गाजा को दोबारा बसाने में 3-5 साल लगेंगे।
- हमास के कब्जे में मारे गए इजराइली बंधकों के शव वापस किए जाएंगे।
अब सीजफायर टूटने के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है, और संघर्ष के और तेज होने की आशंका है।
यूक्रेन जंग पर ट्रम्प-पुतिन की 90 मिनट बातचीत, लिमिटेड सीजफायर पर सहमति
मुख्य बातें:
- ट्रम्प और पुतिन के बीच 90 मिनट की फोन बातचीत
- रूस 30 दिन तक यूक्रेन के एनर्जी ठिकानों पर हमला नहीं करेगा
- यूक्रेन को भी रूस के एनर्जी ठिकानों पर हमला रोकना होगा
रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़, अस्थायी सीजफायर पर सहमति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच 90 मिनट की फोन कॉल हुई, जिसमें रूस ने सीमित सीजफायर (लिमिटेड सीजफायर) पर सहमति जताई। इस दौरान तय हुआ कि रूस अगले 30 दिनों तक यूक्रेन के एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर ठिकानों पर हमला नहीं करेगा, बशर्ते यूक्रेन भी रूस के एनर्जी सेक्टर को निशाना न बनाए।
पहले रूस ने अस्थायी सीजफायर को ठुकराया था
इससे पहले, अमेरिका ने 30 दिन के अस्थायी सीजफायर का प्रस्ताव रखा था, लेकिन रूस ने इसे यह कहकर खारिज कर दिया कि वह स्थायी समाधान चाहता है।
व्हाइट हाउस ने इसे शांति की दिशा में पहला सकारात्मक कदम बताया और उम्मीद जताई कि रूस आगे ब्लैक सी में मैरीटाइम सीजफायर भी करेगा, जिससे जंग पर पूरी तरह रोक लग सके। हालांकि, इस डील को लेकर अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
रूस-US के बीच बीते 2 महीने में 4 अहम बैठकें हुईं:
- 12 फरवरी: ट्रम्प और पुतिन ने फोन पर बात की।
- 27 फरवरी: इस्तांबुल में अमेरिकी और रूसी डिप्लोमैट्स की बैठक हुई।
- 13 मार्च: ट्रम्प के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ की राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात।
- 18 मार्च: ट्रम्प और पुतिन के बीच 90 मिनट की सीजफायर वार्ता।
अब देखना होगा कि यह सीमित सीजफायर जंग को रोकने में कितना असरदार साबित होता है या नहीं।