नमस्कार,
कल की बड़ी खबर ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक सीजफायर को लेकर संसद में हुई चर्चा की रही। एक खबर कश्मीर से रही, जहां सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड समेत 3 आतंकियों को मार गिराया।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
1. संसद के मानसून सत्र का सातवां दिन है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी की ओर से राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करेंगे।
2. नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली कोर्ट सुनवाई करेगी।
3. अमेरिका और चीन के बीच स्वीडन में ट्रेड वार्ता होगी।
कल की बड़ी खबरें:
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर गरमाई बहस: कांग्रेस ने सरकार से तीखे सवाल पूछे, जयशंकर ने ट्रम्प के दावे को नकारा
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 11 घंटे चली बहस, रक्षा मंत्री ने किया जवाब
कांग्रेस ने पूछा, अगर पाकिस्तान हार मानने को तैयार था तो भारत क्यों रुका
जयशंकर बोले, ट्रम्प और मोदी के बीच उस दौरान कोई बातचीत नहीं हुई
संसद के मानसून सत्र के छठे दिन लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर करीब 11 घंटे तक जोरदार बहस हुई। इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने ऑपरेशन की सफलता को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी भारतीय सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा।
बहस के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान वास्तव में घुटने टेकने को तैयार था, तो भारत क्यों रुका? आपने किसके सामने आत्मसमर्पण किया?” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि देश के पास 35 राफेल विमान हैं, अगर उनमें से कुछ गिर गए हैं तो यह बहुत बड़ी क्षति है।
इसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, “विपक्ष यह पूछ रहा है कि हमारे कितने विमान गिरे, पर ये नहीं पूछ रहा कि दुश्मन के कितने विमान गिराए गए। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और किसी भी सैनिक की जान नहीं गई। परीक्षा में परिणाम मायने रखता है, न कि यह कि कितनी पेंसिल टूटी या पेन खो गए।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सीजफायर दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 22 अप्रैल से 17 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ सीजफायर को लेकर कोई व्यापारिक सौदा नहीं हुआ।
इस पूरी बहस के दौरान जब विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे तो गृहमंत्री अमित शाह अपनी सीट से खड़े होकर उन्हें शांत करने की कोशिश करते दिखे।
ऑपरेशन सिंदूर पर शशि थरूर का मौन, कांग्रेस की लाइन से हटकर बोलने से इनकार की अटकलें तेज
थरूर ने पत्रकारों से कहा “मौनव्रत”, बहस से दूरी बनाई
कांग्रेस ने जताई नाराजगी, कहा थरूर ने बहस में हिस्सा लेने से किया इनकार
थरूर ने विदेश में ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखा था, पीएम मोदी की तारीफ भी की थी
सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर जारी चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर चर्चा से अनुपस्थित रहे। जब संसद परिसर में पत्रकारों ने उनसे सवाल किए तो उन्होंने मुस्कुराते हुए सिर्फ दो शब्द कहे — “मौनव्रत… मौनव्रत”, और कोई जवाब नहीं दिया।
दरअसल, पहले यह खबर थी कि थरूर इस बहस में हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन जब चर्चा शुरू हुई, तो कांग्रेस की वक्ताओं की सूची में उनका नाम नहीं था। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, थरूर ने खुद ही संसद में इस मुद्दे पर बोलने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस पार्टी ने इस पर नाराजगी जताई है। पार्टी का कहना है कि थरूर ने सरकार के स्टैंड का समर्थन कर दिया था, जो पार्टी की लाइन से अलग था। थरूर हाल ही में उन सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का हिस्सा थे, जिन्हें विदेशों में ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा गया था।
उन्होंने अपने लेखों और बयानों में न सिर्फ सरकार की रणनीति का समर्थन किया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की थी। इसी को लेकर कांग्रेस के भीतर असंतोष देखा गया और अब यह माना जा रहा है कि पार्टी की नीतिगत लाइन से अलग जाने पर थरूर ने बहस से खुद को दूर रखने का निर्णय लिया।
ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान ढेर, सेना ने तीन पाकिस्तानी आतंकी मार गिराए
सेना ने श्रीनगर के लिडवास इलाके में चलाया ऑपरेशन महादेव
पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान समेत तीन पाकिस्तानी आतंकी मारे गए
सैटेलाइट फोन के जरिए आतंकियों का पता लगाकर हाई-टेक ऑपरेशन अंजाम दिया गया
भारतीय सेना ने श्रीनगर के लिडवास इलाके में ऑपरेशन महादेव के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। इन आतंकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान उर्फ आसिफ भी शामिल था। उसके साथ जिबरान और हमजा अफगानी को भी ढेर किया गया।
जांच में सामने आया है कि जिबरान, साल 2024 में सोनमर्ग सुरंग प्रोजेक्ट पर हुए आतंकी हमले में शामिल था।
करीब एक हफ्ते पहले सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, इन आतंकियों ने हमले के बाद चाइनीज अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को पहली बार एक्टिव किया था। इसी सेट से मिले सैटेलाइट सिग्नल को ट्रेस करते हुए सेना ने उनका सटीक लोकेशन पता लगाया।
इसके बाद 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा यूनिट की टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से इन आतंकियों को घेरकर मार गिराया। इस ऑपरेशन में किसी सुरक्षाकर्मी को नुकसान नहीं हुआ। ऑपरेशन के दौरान मारे गए आतंकियों की तस्वीरें भी सामने आई हैं।
इस कार्रवाई को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम: बैलेंस और ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक पर लगेंगी सीमाएं
एक दिन में 50 बार से ज़्यादा बैलेंस चेक नहीं कर पाएंगे
ऑटो-पे सिर्फ तय समय स्लॉट में ही होगा
फंसे हुए पेमेंट का स्टेटस सिर्फ 3 बार चेक किया जा सकेगा
1 अगस्त 2025 से UPI (Unified Payments Interface) के नियमों में तीन बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने इन नियमों को लागू करने का फैसला UPI सिस्टम पर बढ़ते लोड को देखते हुए लिया है।
नए नियम इस प्रकार हैं:
बैलेंस चेक लिमिट: अब किसी भी एक UPI ऐप से आप एक दिन में केवल 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। इससे ज़्यादा बार बैलेंस देखने की अनुमति नहीं होगी।
ऑटो-पे ट्रांजैक्शन की समय सीमा: EMI, सब्सक्रिप्शन या बिजली-पानी जैसे बिलों के ऑटो-पेमेंट अब पूरे दिन कभी भी नहीं, बल्कि निर्धारित समय स्लॉट्स में ही प्रोसेस होंगे।
ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक की लिमिट: अगर कोई भुगतान अटक जाता है, तो उसका स्टेटस आप सिर्फ तीन बार ही चेक कर पाएंगे, और हर बार कम से कम 90 सेकेंड का अंतर रखना अनिवार्य होगा।
इन बदलावों की वजह:
NPCI के अनुसार, सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे के बीच UPI सिस्टम पर सबसे ज्यादा लोड पड़ता है। लोग बार-बार बैलेंस या ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करते हैं, जिससे सिस्टम स्लो हो जाता है। इन नए नियमों से सर्वर पर लोड कम होगा और ट्रांजैक्शंस की स्पीड बेहतर बनी रहेगी।
दिव्या देशमुख बनीं भारत की पहली महिला चेस वर्ल्ड चैंपियन, 19 साल की उम्र में रचा इतिहास
19 साल की दिव्या देशमुख ने FIDE महिला वर्ल्ड कप जीता
फाइनल में भारत की कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक में हराया
दिव्या देशमुख बनीं भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर
भारत की दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए FIDE महिला चेस वर्ल्ड कप जीत लिया है। 19 साल की उम्र में यह खिताब जीतकर वह न केवल सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बनीं, बल्कि यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं।
टूर्नामेंट के फाइनल में उनका मुकाबला भारत की दिग्गज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी से हुआ। दोनों के बीच मुख्य मुकाबले ड्रॉ रहे, जिसके बाद सोमवार को टाईब्रेक राउंड खेला गया। इसमें दिव्या ने 2.5-1.5 के स्कोर से जीत दर्ज की।
मैच के बाद कोनेरू हम्पी ने कहा कि “12वीं चाल के बाद मैं कंफ्यूज हो गई थी कि आगे क्या करना है।” वहीं, 54वीं चाल में दिव्या ने निर्णायक बढ़त बना ली, जिसके बाद हम्पी ने रिजाइन कर दिया और दिव्या को जीत मिली।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ दिव्या देशमुख भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि भारतीय शतरंज में एक नई शुरुआत और प्रेरणा के रूप में देखी जा रही है।
कंबोडिया-थाईलैंड संघर्ष पर विराम: 33 मौतों के बाद हुआ युद्धविराम, मंदिर विवाद बना था टकराव की वजह
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच 24 जुलाई से चल रहे संघर्ष में अब तक 33 मौतें
मलेशिया में हुई शांति वार्ता, चीन और अमेरिका ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका
प्राचीन मंदिरों को लेकर पुराना सीमा विवाद बना संघर्ष की वजह
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच जारी संघर्ष पर अब विराम लग गया है। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने युद्धविराम की घोषणा की है। यह फैसला मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुई शांति वार्ता के बाद लिया गया, जिसमें थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमधम वेचायाचाई और हुन मानेट ने हिस्सा लिया।
इस संघर्ष में अब तक 33 लोगों की जान जा चुकी है। चीन और अमेरिका ने इस सीजफायर में मध्यस्थता की भूमिका निभाई।
मंदिर विवाद की जड़ें इतिहास में
कंबोडिया-थाईलैंड के बीच यह विवाद 1000 साल पुराने दो प्राचीन शिव मंदिरों — प्रीह विहिवर और ता मुएन थॉम को लेकर है। यह टकराव खमेर (कंबोडिया) और सियाम (थाईलैंड) साम्राज्यों के पुराने सीमा विवाद से जुड़ा है।
1907 में फ्रांसीसी शासन के दौरान दोनों देशों की 817 किलोमीटर लंबी सीमा तय की गई थी। उस समय प्रीह विहिवर मंदिर कंबोडिया के हिस्से में गया, जिसका थाईलैंड ने विरोध किया। दूसरी ओर ता मुएन थॉम मंदिर थाईलैंड को मिला, लेकिन कंबोडिया उसे अपनी ऐतिहासिक संपत्ति मानता है।
इसी विवाद ने एक बार फिर उग्र रूप ले लिया, जिसके चलते सैकड़ों सैनिकों की तैनाती हुई और जानें गईं। हालांकि अब दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई है, जिससे क्षेत्र में शांति की उम्मीद बनी है।
मानसून का कहर: राजस्थान के 8 जिलों में स्कूल बंद, ओडिशा के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान के 14 जिलों में भारी बारिश, 8 जिलों में स्कूलों की छुट्टी
ओडिशा में नदियां उफान पर, 1000 से ज्यादा लोगों को किया गया रेस्क्यू
मध्यप्रदेश के कई जिलों में भी बारिश, राजगढ़ में हालात गंभीर
देशभर में मानसून ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। राजस्थान, ओडिशा और मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है।
राजस्थान के 14 जिलों में बीते दिन मूसलाधार बारिश हुई। झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, बारां, डूंगरपुर, धौलपुर और अजमेर जैसे 8 जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। जलभराव और तेज बहाव के कारण कई क्षेत्रों में आवाजाही भी बाधित हुई है।
मध्यप्रदेश के भी 25 से ज्यादा जिलों में बारिश जारी है। राजगढ़ जिले में हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं। कई इलाकों में निचले क्षेत्रों में पानी भर गया है और नदी-नाले उफान पर हैं।
ओडिशा में स्थिति और भी चिंताजनक है। वर्णरखा, बैतरणी और जलाका नदियां उफान पर हैं। मयूरभंज, बालासोर, भद्रक, जाजपुर, सुंदरगढ़ और क्योंझर जिलों के कई गांवों में बाढ़ जैसा संकट पैदा हो गया है। प्रशासन की ओर से 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू किया गया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के आसपास न जाएं और सावधानी बरतें।
राजस्थान के स्कूलों में हादसों की बाढ़: जैसलमेर में गेट गिरने से बच्चे की मौत, उदयपुर में 45 बच्चे बाल-बाल बचे
जैसलमेर में स्कूल का गेट गिरा, 7 साल के छात्र की मौत, टीचर और बच्ची घायल
उदयपुर में तीन कमरों का प्लास्टर गिरा, 45 छात्र समय रहते बाहर निकले
4 दिन में तीसरा बड़ा हादसा, झालावाड़ में पहले ही 7 बच्चों की जान जा चुकी है
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में लगातार हो रहे हादसों ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जैसलमेर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में मुख्य गेट गिरने से 7 साल के छात्र की मौत हो गई। इस हादसे में एक शिक्षिका और 5 साल की एक बच्ची घायल हो गई हैं। घटना उस समय हुई जब छात्र-छात्राएं स्कूल में प्रवेश कर रहे थे।
वहीं उदयपुर के एक स्कूल में तीन कमरों का प्लास्टर अचानक गिर गया। उस वक्त कक्षा में मौजूद 45 बच्चों ने समय रहते बाहर निकलकर जान बचाई। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन घटना ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है।
ये पिछले चार दिनों में तीसरी बड़ी दुर्घटना है। इससे पहले, 25 जुलाई को झालावाड़ के एक सरकारी स्कूल में कमरे की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि 35 छात्र मलबे में दब गए थे।
बाड़मेर के विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जैसलमेर की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की ओर से की गई हत्या है।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी स्कूलों की इमारतें बच्चों के लिए सुरक्षित हैं? प्रशासन और शिक्षा विभाग से अब तत्काल जवाबदेही और ठोस कार्रवाई की मांग उठ रही है।