नमस्कार,
कल की बड़ी खबर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर चल रही सियासी खींचतान की रही। एक खबर राजस्थान से जुड़ी रही, अब यहां 50 की बजाय 41 जिले होंगे। हम आपको ये भी बताएंगे की रूस के राष्ट्रपति ने किस बात के लिए माफी मांगी है।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- प्रधानमंत्री रेडियो पर नरेंद्र मोदी मन की बात करेंगे। ये 117वां और इस साल का आखिरी एपिसोड होगा।
अब कल की बड़ी खबरें…
मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन: बेटी ने दी मुखाग्नि, PM मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुए शामिल
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ। उनका पार्थिव शरीर सेना की तोपगाड़ी के जरिए घाट तक लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी।
अंतिम संस्कार की रस्में
डॉ. सिंह की बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी। पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की सभी परंपराओं का पालन किया गया। इस दौरान भावुक माहौल में परिवार और करीबी लोग मौजूद रहे।
नेताओं की उपस्थिति
डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित हुए।
- सोनिया गांधी
- राहुल गांधी
- प्रियंका गांधी
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी निगमबोध घाट पर पहुंचकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
देश ने दी श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हुए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए देशभर से नेताओं और आम नागरिकों ने संवेदनाएं प्रकट कीं।
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर विवाद: राहुल गांधी और केजरीवाल ने केंद्र सरकार को घेरा
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“डॉ. मनमोहन सिंह का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करवाना केंद्र सरकार का बड़ा अपमान है। वे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार थे।”
केजरीवाल का आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा,
“मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी नहीं दे सकी। अब तक सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता रहा है।”
विवाद की शुरुआत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने मांग की थी कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार जिस जगह हो, वहीं उनका स्मारक बनाया जाए।
गृह मंत्रालय का जवाब
गृह मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है और एक ट्रस्ट बनाया जाएगा। हालांकि, प्रक्रिया में समय लगेगा।
बीजेपी का बयान
शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा,
“डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई है और इसकी जानकारी उनके परिवार को दे दी गई है।”
हालांकि, नड्डा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि स्मारक के लिए कौन-सी जमीन दी गई है।
निष्कर्ष
डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। यह विवाद भविष्य में और बढ़ सकता है।
अजरबैजान प्लेन क्रैश: पुतिन ने जताया दुख, जिम्मेदारी से किया इनकार
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अजरबैजान प्लेन क्रैश पर माफी मांगी लेकिन हादसे की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इस दुर्घटना में 38 लोगों की मौत हुई थी।
पुतिन की प्रतिक्रिया
पुतिन ने अजरबैजान के राष्ट्रपति को फोन कर कहा,
“हादसा हमारे एयरस्पेस में हुआ, इसका हमें गहरा दुख है।”
हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया कि यह हादसा रूस की किसी चूक के कारण हुआ।
क्रेमलिन का बयान
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) ने घटना पर सफाई देते हुए कहा:
- अजरबैजान का प्लेन निर्धारित समय पर ग्रोज्नी एयरपोर्ट पर पहुंचा था।
- उसने बार-बार लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन उस समय ग्रोज्नी, मोजदोक और व्लादिकाव्काज के एयरस्पेस में यूक्रेनी ड्रोन हमले हो रहे थे।
- रूसी एयर डिफेंस सिस्टम उन ड्रोन्स को रोकने की कोशिश कर रहा था।
सवालों के घेरे में रूस
हादसे के बाद यह संदेह जताया जा रहा है कि रूसी एयर डिफेंस सिस्टम की फायरिंग से प्लेन क्रैश हुआ। हालांकि, क्रेमलिन ने इस दावे पर चुप्पी साध ली है और स्पष्ट रूप से इनकार नहीं किया।
घटना का विवरण
25 दिसंबर को अजरबैजान एयरलाइंस का प्लेन कजाकिस्तान के अक्ताउ से रूस के ग्रोज्नी जा रहा था। इसी दौरान यह हादसा हुआ।
जिम्मेदारी पर विवाद
दुर्घटना के बाद कई विशेषज्ञ और पर्यवेक्षक रूसी एयर डिफेंस सिस्टम की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, रूस ने अब तक किसी भी तरह की जिम्मेदारी से खुद को अलग रखा है।
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल मानवीय त्रासदी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के एयर डिफेंस सिस्टम और उसकी जवाबदेही को लेकर विवाद खड़ा कर रहा है।
राजस्थान में जिले और संभाग घटाए गए: अब 50 की जगह 41 जिले, 10 की जगह 7 संभाग
राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ है। भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 9 नए जिले और 3 संभाग खत्म कर दिए। अब राज्य में 50 की बजाय 41 जिले और 10 की जगह 7 संभाग रहेंगे।
गहलोत सरकार का फैसला
मार्च 2023 में अशोक गहलोत ने 9 नए जिलों और 3 नए संभागों के गठन का ऐलान किया था। उनका कहना था कि इससे प्रशासनिक सेवाएं लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचेंगी।
भजनलाल सरकार का तर्क
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा:
“नए जिलों के गठन में वित्तीय संसाधनों और आबादी के अनुपात को अनदेखा किया गया था। यह फैसला राज्य के आर्थिक हित में नहीं था।”
भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया।
नए जिले और संभाग खत्म
गहलोत सरकार में बनाए गए 9 नए जिले और 3 संभाग अब अस्तित्व में नहीं रहेंगे। इस बदलाव से राज्य का प्रशासनिक ढांचा पहले जैसा हो जाएगा।
मौजूदा स्थिति
राजस्थान में अब:
- कुल जिले: 41
- कुल संभाग: 7
विवाद की संभावना
यह फैसला राजनीतिक गलियारों में विवाद का कारण बन सकता है। गहलोत सरकार के समर्थक इस बदलाव को जनता के हितों के खिलाफ बता सकते हैं, जबकि भजनलाल सरकार इसे आर्थिक दृष्टि से सही ठहरा रही है।
निष्कर्ष
राजस्थान में जिलों और संभागों को घटाने का यह फैसला प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर अहम साबित हो सकता है।
AAP की महिला सम्मान योजना की जांच के आदेश, LG बोले- निजी जानकारी जुटाने का मामला
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (AAP) की महिला सम्मान योजना की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को इस संबंध में पत्र लिखा है।
क्या है महिला सम्मान योजना?
AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12 दिसंबर को इस योजना की घोषणा की थी।
- योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को हर महीने ₹1,000 दिए जाने का वादा किया गया।
- चुनाव जीतने के बाद इस राशि को बढ़ाकर ₹2,100 प्रति माह करने की बात कही गई थी।
LG का आरोप
LG वीके सक्सेना ने कहा कि इस योजना के तहत नागरिकों की निजी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने इस पहल को लेकर आपत्तियां जताई और इसकी जांच की आवश्यकता बताई।
जांच का आदेश
LG ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है:
- योजना के तहत जुटाई गई जानकारी की जांच करें।
- यह सुनिश्चित करें कि किसी की गोपनीयता का उल्लंघन न हुआ हो।
AAP का पक्ष
AAP ने इस योजना को महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया कदम बताया है। हालांकि, LG द्वारा जांच के आदेश को लेकर पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है।
निष्कर्ष
महिला सम्मान योजना को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद गहराता जा रहा है। जांच के नतीजे आने तक यह मामला दिल्ली की राजनीति में चर्चा का मुख्य बिंदु बना रहेगा।
मेलबर्न टेस्ट: तीसरे दिन भारत की मजबूत वापसी, नीतीश रेड्डी का शतक टीम को फॉलोऑन से बचाया
भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार वापसी की है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने पहली पारी में 9 विकेट पर 358 रन बना लिए हैं। टीम अब ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के स्कोर से 116 रन पीछे है।
फॉलोऑन का खतरा टला
सुबह भारत ने 164/5 के स्कोर से खेलना शुरू किया था। ऋषभ पंत (6) और रवींद्र जडेजा (4) ने अपनी पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन जल्द ही आउट हो गए। इसके बाद नीतीश रेड्डी ने शानदार शतक लगाकर टीम को फॉलोऑन से बचा लिया।
नीतीश रेड्डी का ऐतिहासिक प्रदर्शन
नीतीश रेड्डी ने 105 रनों की नाबाद पारी खेली। उनके इस शतक के साथ कई रिकॉर्ड जुड़े:
- नंबर-8 पर बल्लेबाजी करते हुए शतक: नीतीश यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय बने।
- मेलबर्न में टेस्ट शतक: वे मेलबर्न में शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। इससे पहले वीनू मांकड़ ने 1948 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
- ऑस्ट्रेलिया में तीसरे सबसे युवा भारतीय शतकवीर: नीतीश ने यह उपलब्धि हासिल कर एक और कीर्तिमान स्थापित किया।
मौजूदा स्थिति
तीसरे दिन स्टंप्स तक:
- नीतीश रेड्डी 105*
- मोहम्मद सिराज 2*
क्या आगे?
भारत का लक्ष्य पहले पारी का स्कोर बराबर करना और बढ़त हासिल करना होगा। चौथे दिन का खेल रोमांचक रहने की उम्मीद है, क्योंकि भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को चुनौती देने की तैयारी करेंगे।
अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस: मद्रास हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, पुलिस को दी संवेदनशीलता बरतने की हिदायत
चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में हुए इंजीनियरिंग छात्रा के रेप केस की सुनवाई में मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि FIR में पीड़िता के कपड़ों पर टिप्पणी करना उसके सम्मान और निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
FIR पर हाईकोर्ट की नाराजगी
कोर्ट ने FIR की भाषा को अनुचित बताया और कहा:
- “FIR में लिखा गया है कि पीड़िता ने ऐसे कपड़े पहने थे, जिससे अपराध हो सके। यह संवेदनहीन और गैरजरूरी है।”
- “पुलिस को संवेदनशीलता और पीड़िता के अधिकारों का सम्मान करते हुए काम करना चाहिए।”
- “FIR में ऐसी बातें शामिल हैं, जैसे लड़के हॉस्टल में छुपकर पढ़ते हैं। यह पूरी तरह अनुचित है।”
हाईकोर्ट के आदेश
- ₹25 लाख का मुआवजा:
हाईकोर्ट ने FIR लीक होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए राज्य सरकार को पीड़िता को ₹25 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया। - SIT जांच का निर्देश:
अदालत ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया।- इस टीम में 3 महिला IPS अधिकारी शामिल होंगी।
- SIT को मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी होगी।
अदालत की सख्त हिदायत
कोर्ट ने पुलिस से कहा कि वे इस तरह के संवेदनशील मामलों में सावधानी बरतें और पीड़िता की निजता और सम्मान की रक्षा करें। FIR में किसी भी अनावश्यक और अपमानजनक टिप्पणी से बचने का निर्देश दिया गया।
निष्कर्ष
मद्रास हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल पुलिस के लिए एक सख्त संदेश है, बल्कि पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा के प्रति न्यायपालिका की गंभीरता को भी दर्शाता है। SIT की जांच से मामले में न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।