AIN NEWS 1: काशी में एक मुस्लिम युवक ने स्वेच्छा से हिन्दू धर्म को अपनाकर अपने जीवन में एक नया मोड़ लिया है। महमूद आलम, जो अब गुड्डू लाल के नाम से जाने जाएंगे, ने इस प्रक्रिया को पूरी वैदिक विधि-विधान के साथ सम्पन्न किया। यह घटना उस समय की है जब महमूद ने हिन्दू धर्म स्वीकार करने की इच्छा को 10 वर्षों से अपने दिल में संजोकर रखा था।
धर्म परिवर्तन की कहानी
गुड्डू लाल ने बताया कि वह पिछले एक दशक से हिन्दू धर्म को अपनाने की चाहत रख रहे थे। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में उनका किसी भी प्रकार का दबाव नहीं था। उन्होंने खुशी-खुशी धर्म परिवर्तन किया और अब वह अपने नए जीवन के प्रति बेहद उत्साहित हैं।
धर्म परिवर्तन के समय महमूद ने गीता की सौगंध ली और अग्नि को साक्षी मानकर विधिपूर्वक घर वापसी की। उनके इस निर्णय की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए उन्होंने पहले कानूनी औपचारिकताएँ निभाई। 25 अगस्त 2020 को उन्होंने अपनी पहचान बदलकर हिन्दू धर्म को अपनाया। इसके बाद उन्होंने अपने धर्म परिवर्तन के संबंध में न्यायालय में अपील भी की और इसे सार्वजनिक रूप से गजट कराया।
घर वापसी की विधि
गुड्डू लाल की घर वापसी की प्रक्रिया में मंत्रोच्चार और हवन का आयोजन किया गया। इस समारोह का आयोजन उनके दोस्तों ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में किया। महमूद ने बताया कि वह अब अपने माता-पिता से अलग रहकर लंका क्षेत्र में एक दुकान चला रहे हैं।
इस घर वापसी का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है, जिसमें गुड्डू लाल अपने नए धर्म को अपनाने के लिए खुश नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर इस खुशी को साझा किया है।
समाज पर प्रभाव
गुड्डू लाल के इस निर्णय ने स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बना दिया है। कुछ लोग इस बदलाव को सकारात्मक मानते हैं, जबकि कुछ इसे विवादास्पद भी मानते हैं। यह घटना धर्म परिवर्तन और उसके सामाजिक प्रभावों पर एक महत्वपूर्ण संवाद स्थापित करती है।
गुड्डू लाल ने अपनी नई पहचान को स्वीकार करने के बाद एक नई शुरुआत की है। उनके इस निर्णय ने यह संदेश दिया है कि व्यक्ति अपनी आस्था और पहचान को चुनने का अधिकार रखता है।
निष्कर्ष
महामूद आलम की घर वापसी न केवल उनके लिए, बल्कि उनके समुदाय और समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दर्शाता है कि कैसे व्यक्ति अपनी इच्छाओं और आस्थाओं के प्रति सचेत रह सकता है और समाज में अपनी पहचान को पुनर्परिभाषित कर सकता है। गुड्डू लाल का यह कदम एक नई यात्रा की शुरुआत है, जो निश्चित रूप से कई लोगों को प्रेरित करेगा।