AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश : रानीपुर गांव में स्थित 70 वर्ष पुराने शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य को स्थानीय मुसलमानों ने रोक दिया है। उनका कहना है कि मंदिर के पुनर्निर्माण से नमाज पढ़ने में कठिनाई आएगी।
गांव में मुस्लिम समुदाय की संख्या अधिक है, और उनका तर्क है कि मंदिर से सौ मीटर की दूरी पर मौजूद मस्जिद में नमाज अदा करते समय मंदिर की छत पर भजन बजने से उन्हें परेशानी होगी।
इस मुद्दे पर मुस्लिम महिलाएं भी विरोध में उतरीं और उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार के खिलाफ आवाज उठाई। उनका मानना है कि इससे उनकी धार्मिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।
गांव के मुस्लिम समुदाय का कहना है कि मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद धार्मिक गतिविधियों में शोरगुल होगा, जिससे नमाज में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होगा।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मंदिर का जीर्णोद्धार गांव के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके खिलाफ उठाए गए कदम को उन्होंने अनुचित बताया है।
इस विवाद ने गांव के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है। कई लोग इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या धार्मिक स्थलों के बीच इस तरह का विरोध उचित है या नहीं।
गांव के प्रमुख नागरिकों ने दोनों समुदायों के बीच बातचीत की अपील की है ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके। उनका मानना है कि आपसी सहिष्णुता और समझदारी से ही इस मुद्दे का हल निकल सकता है।
वास्तव में, यह विवाद केवल एक मंदिर के जीर्णोद्धार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में धार्मिक सहिष्णुता और सौहार्द का भी सवाल है।
इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन ने भी स्थिति को संभालने की कोशिश की है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हैं और सभी पक्षों के साथ मिलकर एक समाधान खोजने का प्रयास करेंगे।
आखिरकार, गांव के लोग एक शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि सभी धार्मिक गतिविधियां बिना किसी रुकावट के चल सकें।
इस प्रकार, रानीपुर गांव में मंदिर के जीर्णोद्धार का विवाद न केवल एक स्थानीय मुद्दा है, बल्कि यह पूरे देश में धार्मिक सहिष्णुता और समुदाय के बीच संवाद की आवश्यकता को भी उजागर करता है।