New Mafia Emerging in Uttar Pradesh, Says UP DGP Prashant Kumar
यूपी डीजीपी बोले: उत्तर प्रदेश में उभर रहा है नए तरह का माफिया
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को नोएडा पुलिस कमिश्नरेट सेक्टर-108 में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कई नई पुलिसिंग परियोजनाओं का उद्घाटन किया और प्रदेश में कानून-व्यवस्था की प्रगति पर चर्चा की।
नए तरह के माफिया की चर्चा
अपने संबोधन में डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब कोई बड़ा पारंपरिक माफिया सक्रिय नहीं है, लेकिन एक नए प्रकार का माफिया उभर रहा है। यह माफिया उच्च पदों पर रहकर गठजोड़ बनाता है और प्रजातंत्र के मूल स्तंभों को प्रभावित करने का प्रयास करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
नई पुलिसिंग परियोजनाओं का उद्घाटन
नोएडा में पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से डीजीपी प्रशांत कुमार ने कई नई परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिनमें शामिल हैं:
26 स्थानों पर वीडियो वॉल की स्थापना
10 पिंक बूथ (महिला सुरक्षा के लिए विशेष बूथ)
2 पुलिस थानों में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट
8 नई पुलिस चौकियों एवं पुलिस लाइन में नए भवनों का निर्माण
इस कार्यक्रम में सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम भी उपस्थित रहे।
कानून-व्यवस्था में बड़े सुधार
डीजीपी ने कहा कि पिछले वर्षों में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 वर्षों बाद पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की गई, जिसे सात चरणों में कार्यान्वित किया गया। लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर को पहले चरण में शामिल किया गया था।
उन्होंने पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि 2017 में ढाई लाख पद रिक्त थे, लेकिन पिछले आठ वर्षों में पारदर्शी प्रक्रिया के तहत यह रिक्तियां भरी गईं। अब केवल 50 हजार पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती की घोषणा भी कर दी गई है।
पुलिस सेवा और मानवीय कार्य
डीजीपी ने पुलिसकर्मियों के कोविड-19 महामारी और महाकुंभ के दौरान किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ‘ड्यूटी बिफोर सेल्फ’ की भावना के साथ काम किया। महामारी के दौरान पुलिस ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था संभाली, बल्कि जरूरतमंदों तक दवाइयां, दूध और सब्जियां पहुंचाने का कार्य भी किया।
उन्होंने यह भी बताया कि जब महामारी के दौरान विदेश में बसे भारतीय परिवारजन अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए उपस्थित नहीं हो सके, तो पुलिस ने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार करवाने में मदद की।
महाकुंभ के दौरान, पुलिस ने सिर्फ रस्सी, सीटी और लाउड हेलर के सहारे 45 दिनों में 66 करोड़ श्रद्धालुओं को स्नान करवाया, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
यूपी 112 सेवा में सुधार
डीजीपी ने यूपी 112 सेवा की कार्यक्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 में यूपी 112 का औसत रिस्पांस टाइम 30 मिनट था, जिसे अब घटाकर मात्र 8 मिनट कर दिया गया है। इस सुधार को संभव बनाने के लिए:
अधिक पुलिस वाहनों को सेवा में शामिल किया गया
कॉल लेने की क्षमता बढ़ाई गई
महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘पिंक बूथ’ स्थापित किए गए
अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां
डीजीपी ने अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में हुई प्रगति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि पिछले 16 महीनों में 89,000 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई, जिनमें से 65 को मृत्युदंड दिया गया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश में सबसे अधिक सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
नोएडा में नई तकनीक: ‘भाषणीय ऐप’
नोएडा में ‘भाषणीय ऐप’ नामक एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इस ऐप के माध्यम से विभिन्न भाषाओं में संवाद संभव होगा, जिससे पुलिसिंग को और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
ड्रग्स के खिलाफ अभियान
डीजीपी ने ड्रग्स की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है और उन्होंने समाज से इस अभियान में पुलिस का सहयोग करने की अपील की।
पुलिसिंग में सुधार की संभावनाएं बनी रहेंगी
अपने संबोधन के अंत में प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिसिंग में सुधार की हमेशा गुंजाइश बनी रहती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।
UP DGP Prashant Kumar recently highlighted the emergence of a new kind of mafia in Uttar Pradesh, stating that these elements operate from high positions to influence the pillars of democracy. Speaking in Noida, he inaugurated multiple police infrastructure projects, including video walls, pink booths, and green energy projects. He also emphasized the improvements in law and order, stating that police recruitment has significantly reduced vacancies. Additionally, the UP 112 emergency response time has improved from 30 minutes to 8 minutes, making policing more effective. The state has also been successful in crime control, with 89,000 convictions in 16 months, including 65 death penalties. The Noida Police is set to introduce a multilingual communication app and continue efforts to combat drug abuse in educational institutions.