उत्तर प्रदेश में शोर नहीं करेंगे अब ‘लाउड स्पीकर’, सीएम योगी ने दिए सख्त आदेश, एक्शन में पुलिस, उतरवाए जायेंगे लाउडस्पीकर?

जैसा कि आप सभी जानते है बुलडोजर मॉडल से हमारे देश भर में कानून राज को लेकर काफ़ी ज्यादा चर्चित होते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अब लाउडस्पीकर हटाओ मॉडल भी फिर से काफ़ी ज्यादा सुर्खियों में आ चुका है

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AIN NEWS 1: जैसा कि आप सभी जानते है बुलडोजर मॉडल से हमारे देश भर में कानून राज को लेकर काफ़ी ज्यादा चर्चित होते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अब लाउडस्पीकर हटाओ मॉडल भी फिर से काफ़ी ज्यादा सुर्खियों में आ चुका है. जिसके बाद से ही पूरे प्रदेशभर में प्रशासन अब अवैध स्पीकर उतारने का काम बहुत सख्ती से कर रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब अपने अफसरों को काफ़ी सख्त आदेश दिया है कि मंदिर हो या कोई मस्जिद हो, आरती हो या कोई अजान हो धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर अगर किसी तरह से नियम तोड़ रहे हैं तो उन्हे उतार दो.

फिर तो चाहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा से ही मंदिर हो या मस्जिद लाउडस्पीकर तेज़ी से उतारा जा रहा है. इसके अलावा कानपुर में ही एक नहीं कई मस्जिद से उन सभी लाउडस्पीकर को उतरवा दिया गया है, जो भी कानून तोड़ने का काम कर रहे थे. वहीं अब उत्तर प्रदेश की राजधानी से ही महज पौन घंटे की दूरी पर ही मौजूद बाराबंकी में मस्जिद की मीनार से वो सभी लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं, जिनसे भी काफ़ी तेज आवाज में अजान गूंजती रही है. सभी पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश की मस्जिद से उतरवाकर लाउडस्पीकर अब नीचे ज़मीन पर इकट्ठा करा दे रहे हैं.

यहां आपकों बता दें अलग-अलग शहरों में एक्शन मोड में आई पुलिस

यहां बता दें सोमवार भर में ही उत्तर प्रदेश में कुल 61399 लाउडस्पीकर चेक किए गए.इस दौरान इनमे से 7288 का साउंड भी कम कराया गया.

3288 लाउडस्पीकर को धर्मस्थलों से उतरवा ही दिया गया, जिनकी आवाज ही मानक से ज्यादा थी.

जान ले लाउडस्पीकर को लेकर आखिर क्या है नियम?

इसके लिए नियम कहता है कि धार्मिकस्थल पर बजने वाले किसी भी लाउड स्पीकर की आवाज उसके परिसर से बाहर बिलकुल नहीं जानी चाहिए. ऐसे ही अभियान की शुरुआत पिछले ही साल योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में करा दी थी. जिसकी तारीफ भी कई नेताओं ने की थी. तब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री ने ये तक बताया कि जो लाउडस्पीकर उतारे गए हैं, इनका पूरी तरह से सही इस्तेमाल अब कैसे किया जाए.फतेहपुर में तो मंदिर के शीर्ष स्तंभ से ही यूपी पुलिस खुद लाउडस्पीकर को उतरवा रही है. मंदिर के साथ साथ ही मस्जिद से भी वो लाउडस्पीकर खुलवा दिया जा रहा है, जो भी नियम तोड़कर बज रहा हो. फिरोजाबाद में तो पुलिस ने पहले लोगो को कानून समझाया, फिर से मस्जिद कमेटी के लोग अलग-अलग जगहों पर खुद ही मस्जिद की मीनार पर चढ़कर वो लाउडस्पीकर हटाने लगे, जिन्हें उतरवाने का आदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती से दिया है. कौशांबी में भी यूपी पुलिस के पहुंचने के बाद मंदिरों से वो सभी लाउडस्पीकर के तारों को काटकर उसे नीचे उतार दिया गया.

यहां जान ले अचानक से क्यों शुरू हुआ ये एक्शन?

बता दें उत्तर प्रदेश के ही कोने-कोने में अचानक सोमवार को पुलिस का ये सख़्त एक्शन क्यों हुआ?

अचानक ही क्यों मंदिर और मस्जिद से इस तरह से लाउडस्पीकर उतरवाने पुलिसवाले पहुंचने लगे? दरअसल यहां हम बता दें रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक की. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने यह बैठक की. इस दौरान लव जेहाद और धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार से नियम तोड़ लाउडस्पीकर का विषय भी सामने आया. मुख्यमंत्री ने तुरन्त ही अफसरों के पेच कसे तो तुरंत अधिकारी लाउडस्पीकर हटाओ अभियान पर भी शुरु हो गए.

CM योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद से एक्शन में आई पुलिस

किसी भी मस्जिद से अजान हो या मंदिर से कोई भजन-आरती हो. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी ने साफ़ कह दिया है कि शांति चाहिए तो लाउडस्पीकर तय नियम के मुताबिक ही चलेंगे. नहीं तो सीधे ही बंद करके उतारे लिए जाएंगे. यह पूरा एक महीने तक एक्शन होगा. इसकी शुरुआत सोमवार से हो गई है. इसके लिए पहले ही दिन तीन हजार से ज्यादा लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से अब तक पुलिस ने उतरवा लिए हैं.

यहां जान ले आख़िर कितनी होनी चाहिए लाउडस्पीकर की आवाज?

यहां हम आपको बताते चलें कि इंसान के कान के लिए केवल 70 डेसीबल तक की आवाज सामान्य होती है. हालांकि भारतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के ही मुताबिक, ये लिमिट 65 डेसीबल तक ही निर्धारित की गई है. जब भी हम और आप यानी दो इंसान आपस में काफ़ी सामान्य आवाज में बात कर रहे होते हैं तब वो आवाज कुल 60 डेसीबल होती है.उत्तर प्रदेश सरकार सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड यानी CPCB की ही इस गाइडलाइंस को मानती हैं. जिसके तहत ही, रिहायशी इलाकों में दिन के समय केवल 55 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए और रात के समय यह 45 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए. जबकि किसी भी मन्दिर और मस्जिद पर इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर इससे कहीं ज्यादा शोर को पैदा करते हैं. भारत में ही धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज 110 डेसीबल या उससे ज्यादा होती ही है. इनमें मस्जिदों के अलावा मन्दिर और गुरुद्वारे भी शामिल हैं.

1- ये पूरा शोर कितना ज्यादा खतरनाक है, इसे आप इसी बात से ही समझ सकते हैं कि कुल 70 डेसीबल से ऊंची आवाज इंसानों के अन्दर मानसिक बदलाव भी ला सकती है और ये हमारे शरीर की धमनियों में भी खून के प्रवाह को बढ़ा सकती है और कई मामलों में इससे आपका हाई ब्लड प्रेसर भी हो सकता है.

2- ऐसे में इन सभी लाउडस्पीकर को उत्तर प्रदेश में हटाने के फैसले को अगर कोई भी किसी प्रकार से सियासत या धर्म के चश्मे से देखता है तो उन्हें कुछ तथ्यों के बारे में भी जरूर जान लेना चाहिए. जैसे लाउडस्पीकर का आविष्कार ही 1861 में हुआ और साल 1876 में Alexander Graham Bell ने पहली बार इसका अपने नाम Patent कराया. लेकिन आज इसके हालात ऐसे हैं कि जैसे लाउडस्पीकर का अविष्कार इन धर्मों के उदय के साथ ही हुआ है. पूरी दुनिया में ही पहली बार किसी मस्जिद पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल साल 1936 में ही हुआ था. दावा यह होता है कि उस समय सिंगापुर की मस्जिद सुल्तान के कहने पर लाउडस्पीकर से अजान हुई थी. यानी आपकों अजान करनी हो या आरती, दोनों के लिए ही आस्था जरूरी है, लाउडस्पीकर बिलकुल भी नहीं.

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