AIN NEWS 1 | भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल करते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने ऐलान किया है कि 11 जुलाई 2025 से वह इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स की शुरुआत करेगा। यह कदम देश के पावर सेक्टर को वित्तीय बाजारों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
इस नए वित्तीय टूल की तरलता (Liquidity) बनाए रखने के लिए Liquidity Enhancement Scheme (LES) भी लागू की जाएगी। इस योजना के जरिए दो प्रमुख “मार्केट मेकर्स” को नियुक्त किया जाएगा जो नियमित रूप से बाय और सेल के भाव (बोली और पेशकश) डालेंगे।
⚡ इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स क्या होता है?
इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें बिजली को भविष्य की किसी तारीख पर पूर्व निर्धारित कीमत पर खरीदा या बेचा जाता है, लेकिन इसमें असली बिजली की डिलीवरी नहीं होती। इसमें केवल कीमत की ट्रेडिंग और हेजिंग होती है। इसमें हिस्सा लेने वाले हो सकते हैं:
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ट्रेडिंग मेंबर्स
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बिजली कंपनियाँ
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ट्रांसमिशन एजेंसियाँ
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कॉरपोरेट खरीदार
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SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थाएँ
🎯 NSE का उद्देश्य क्या है?
NSE का मानना है कि भारत में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर डेरिवेटिव्स का बाजार बहुत बड़ा बन सकता है। मई 2025 में NSE को रेगुलेटरी मंजूरी मिली थी और अब इसे बाजार में उतारने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
💰 Market Makers को मिलेगा मोटा इनाम
LES योजना के तहत, दो मार्केट मेकर्स (MM1 और MM2) को चुना जाएगा। MM1 को प्रत्येक माह ₹85 लाख, जबकि MM2 को ₹45 लाख तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। शर्त ये है कि वे NSE द्वारा तय की गई जिम्मेदारियों और नियमों का पालन करें।
📋 Market Maker बनने की चार प्रमुख शर्तें:
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न्यूनतम ₹5 करोड़ की नेटवर्थ
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बीते एक वर्ष में कोई बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई न हुई हो
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कमोडिटी डेरिवेटिव्स में अल्गो ट्रेडिंग की अनुमति
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बिजली सेक्टर में अनुभव या किसी ग्रुप कंपनी का संबंध होना चाहिए (उत्पादन, ट्रांसमिशन, सप्लाई आदि में)
📅 रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख
जो इच्छुक मार्केट मेकर्स इस स्कीम का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे 2 जुलाई 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।
🌍 इस योजना से क्या बदलेगा?
NSE की इस पहल से बिजली के दाम तय करने की पारदर्शी और सुरक्षित व्यवस्था संभव होगी। बिजली उत्पादक और खरीददार दोनों कीमतों में उतार-चढ़ाव को बेहतर ढंग से मैनेज कर पाएंगे। यह भारत को पावर ट्रेडिंग में ग्लोबल स्टैंडर्ड के बराबर लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
India’s energy sector is set for a transformation as the NSE launches electricity futures from July 2025, enabling power trading in India through financial contracts. This initiative will reduce price volatility, enhance market liquidity via a Liquidity Enhancement Scheme (LES), and offer new opportunities for market makers. With India’s rising energy demands, this move brings the Indian power market closer to global financial standards and strengthens the electricity trading ecosystem.