एक देश एक चुनाव पर जेपीसी में मंथन: साल्वे ने समर्थन किया, जस्टिस शाह ने उठाए सवाल

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AIN NEWS 1 | भारत में ‘एक देश, एक चुनाव’ (One Nation One Election) को लेकर बहस जारी है। इस विषय पर संविधान संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार, 17 मार्च 2025 को अपनी पांचवीं बैठक आयोजित की। इस बैठक में पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह ने अपनी राय प्रस्तुत की।

साल्वे ने किया समर्थन, शाह ने उठाए सवाल

सूत्रों के अनुसार,

  • हरीश साल्वे ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का समर्थन किया और इसे संविधान के अनुकूल बताया।
  • जस्टिस एपी शाह ने इस पर कानूनी अड़चनों की ओर इशारा किया और इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताया।

जस्टिस शाह की आपत्तियां

जस्टिस एपी शाह ने विधेयक की खामियां गिनाते हुए कहा कि:

  1. संघीय ढांचे पर असर: यदि विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ा जाता है, तो यह संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ होगा।
  2. निर्वाचन आयोग की सिफारिशें: उन्होंने चुनाव आयोग की विधानसभा कार्यकाल बढ़ाने संबंधी सिफारिशों पर सवाल उठाए।
  3. आर्थिक बचत के दावे: पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने से खर्च में बचत होने के दावे पर भी उन्होंने असहमति जताई।

हरीश साल्वे का पक्ष

पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को संविधान के मूल ढांचे के अनुरूप बताया।

  • साल्वे इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।
  • उन्होंने बताया कि यह चुनावी प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बना सकता है।

जेपीसी प्रमुख पीपी चौधरी का बयान

बैठक के बाद जेपीसी प्रमुख पीपी चौधरी ने बताया कि चर्चा सकारात्मक माहौल में हुई।

  • हरीश साल्वे ने तीन घंटे और जस्टिस एपी शाह ने दो घंटे तक अपनी राय रखी।
  • अगले हफ्ते समिति की अगली बैठक होने की संभावना है।
  • आम जनता की राय जानने के लिए जल्द ही एक वेबसाइट लॉन्च की जाएगी।

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