India Strikes Back with Operation Sindoor: A Symbolic and Strategic Reply to Pahalgam Terror Attack
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पहलगाम हमले का लिया करारा बदला, सिंदूर की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ी
AIN NEWS 1: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर की बैसरन घाटी में जो हुआ, वह न सिर्फ मानवता पर हमला था, बल्कि भारतीय सभ्यता की आत्मा पर भी चोट थी। जब 26 निर्दोष लोगों को आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया, तो उनमें कई ऐसे थे, जिनके सिर पर सिंदूर अभी नया ही था। वो सिंदूर, जो किसी के लिए प्रेम था, किसी के लिए पहचान, और किसी के लिए नया जीवन।
इस हमले के कुछ ही दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए न सिर्फ इन मौतों का बदला लिया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि “एक चुटकी सिंदूर की कीमत” दुश्मनों को चुकानी ही पड़ेगी।
पहलगाम हमला: जब सिंदूर खून से धुल गया
कश्मीर की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को माहौल सामान्य था। चीड़ और देवदार के बीच खुला मैदान, जहाँ नवविवाहित जोड़े अपने नए जीवन की शुरुआत कर रहे थे। लेकिन दोपहर बाद, इस स्वर्ग को नर्क में बदल दिया गया।
आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली चलाई। उन्होंने पुरुषों को निशाना बनाया, महिलाओं के सुहाग छीन लिए। खून से रंगे हाथ, चीखती-बिलखती स्त्रियाँ और ताजगी से महकती मेंहदी में लिपटे हाथ—यह मंजर देश की रूह तक को झकझोर गया।
हिमांशी नरवाल: इस त्रासदी का चेहरा
इस दर्द की सबसे मार्मिक तस्वीर बनीं हिमांशी नरवाल। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी, जिनकी शादी को सिर्फ 6 दिन ही हुए थे। हाथों में मेंहदी, माथे पर ताजा सिंदूर—और पास ही पड़े अपने पति के शव के पास घुटनों के बल बैठी वो हिमांशी। उनका वह तस्वीर पूरे देश की आंखों में उतर गई।
यह सिर्फ एक तस्वीर नहीं थी, यह प्रतीक थी उस क्रूरता की जो भारतीय समाज की रगों में आग बनकर दौड़ गई। यह तस्वीर थी उस संकल्प की, जिसने भारत को ऑपरेशन सिंदूर के लिए मजबूर किया।
ऑपरेशन सिंदूर: योजना, रणनीति और क्रियान्वयन
भारत ने इस हमले के जवाब में 15वें दिन आधी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। रात 1:30 बजे, भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की।
टारगेट लोकेशन:
बहावलपुर
कोटली
मुजफ्फराबाद
स्ट्राइक इस तरह की गई कि पाकिस्तानी सेना की किसी भी सुविधा को नुकसान न पहुंचे। भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि उसका निशाना आतंक है, न कि देश।
नाम का अर्थ: सिंदूर से जुड़ी प्रतीकात्मकता
‘सिंदूर’ भारतीय महिलाओं के लिए सिर्फ श्रृंगार नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ा प्रतीक है। यह उनके विवाहित होने की पहचान है, जिसे सुहाग चिह्न कहा जाता है।
यह माँ पार्वती का आशीर्वाद माना जाता है।
इसे मिटाना अशुभ और विधवा होने का प्रतीक माना जाता है।
युद्धों में योद्धाओं के माथे पर सिंदूरी तिलक भी लगाया जाता था—विजय का प्रतीक।
इसलिए जब आतंकियों ने सिंदूर मिटाया, तो भारत ने सिंदूर के नाम पर युद्ध छेड़ा।
प्रधानमंत्री की चेतावनी और उसका असर
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था:
“बदला ऐसा होगा, जो आतंकियों की कल्पना से परे होगा।”
इसके बाद CCS (सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी) ने न सिर्फ सिंधु जल संधि को स्थगित किया, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अनुमति भी दी। इस पूरे मिशन की तैयारी को गोपनीय और रणनीतिक तरीके से अंजाम दिया गया।
भारतीय वायुसेना का पराक्रम
इस ऑपरेशन से कुछ घंटे पहले भारतीय वायुसेना 300 लोकेशनों पर मॉक ड्रिल कर रही थी। इससे पाकिस्तान को भ्रम हुआ और असली स्ट्राइक अप्रत्याशित रही।
लक्ष्य: केवल आतंकी ठिकाने
हताहत: आतंकियों की संख्या गोपनीय, पर भारी नुकसान की पुष्टि
नागरिक क्षति: शून्य
पाकिस्तान की खामोशी और विश्व प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की ओर से पहले इन हमलों को नकारा गया। लेकिन उपग्रह चित्र और स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स ने इन स्ट्राइक्स की पुष्टि कर दी।
अमेरिका, फ्रांस, रूस जैसे देशों ने भारत के “संयमित और सटीक” रुख की सराहना की।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
यह ऑपरेशन सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि सांस्कृतिक जवाब भी था।
यह सिंदूर की पुनः प्रतिष्ठा थी।
यह हर भारतीय महिला के माथे की लाज की रक्षा थी।
यह उन बहनों के लिए न्याय था, जिनका सिंदूर आतंक ने छीन लिया था।
26 शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
‘ऑपरेशन सिंदूर’ उन सभी को सच्ची श्रद्धांजलि है:
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल
उनके साथी जवान
आम नागरिक
नेपाली पर्यटक
उनके खून की एक-एक बूंद का हिसाब दिया गया है।
भारत ने सिर्फ 15 दिनों में एक स्पष्ट संदेश दिया है—“हम हर आँसू का हिसाब रखते हैं।” आतंकियों के संदेश—‘जाकर अपनी सरकार को बता देना’—का जवाब अब पूरी दुनिया के सामने है।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, यह भारत की चेतावनी थी कि
“अब हर चुटकी सिंदूर का मोल होगा, और वह बहुत महंगा पड़ेगा।”
In a powerful response to the brutal Pahalgam terror attack, India launched Operation Sindoor, a symbolic and strategic counter-terror mission targeting Pakistan and PoK-based terror camps. This meticulously planned joint air and army strike by the Indian Armed Forces honors the 26 innocent lives lost, including newlywed martyrs like Lt. Vinay Narwal. The operation, named after the sacred symbol sindoor, resonates deeply within Indian culture, especially after terrorists desecrated it during the massacre. With precision airstrikes and zero civilian damage, this bold move reinforces India’s stand on cross-border terrorism and ensures that the price of bloodshed and sindoor is never forgotten.