AIN NEWS 1 | संसद के आगामी मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों पर चर्चा के पूरे संकेत मिल रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ऑफ कैमरा लेकिन रिकॉर्ड पर यह बात कही कि संसद के नियमों के अनुसार किसी भी विषय पर चर्चा की जा सकती है। उनका यह बयान तब आया है जब विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से जवाब की मांग कर रहा है।
सरकार ने मानसून सत्र की तारीखें तय कर दी हैं — यह सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इस निर्णय की जानकारी राष्ट्रपति को भी दी जाएगी। रिजिजू ने कहा कि यह कोई “स्पेशल सत्र” नहीं है, बल्कि हर सत्र अपने आप में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहीं से कानूनों की रणनीति बनती है और अहम विषयों पर चर्चा होती है।
विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और हालिया आतंकी घटनाओं पर संसद में विस्तार से बहस होनी चाहिए। ऐसे में किरेन रिजिजू का यह बयान संकेत देता है कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
यह सत्र इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहला संसद सत्र होगा। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा सुरक्षा और आतंकवाद जैसे विषय प्रमुखता से उठ सकते हैं और सरकार तथा विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना जताई जा रही है।
इसके अलावा सरकार एक और बड़े कदम की तैयारी में है — सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई जा रही है। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और शिवसेना जैसी विपक्षी पार्टियों से इस पर चर्चा की जा चुकी है। उन्होंने साफ किया कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है।
महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए संविधान के अनुसार लोकसभा में 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं। रिजिजू ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाने का अधिकार सिर्फ संसद को है, और हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियां एकजुट होकर चलें।”
The upcoming Monsoon Session of the Indian Parliament is expected to witness a major debate on Operation Sindoor and national security following recent terrorist attacks in Jammu & Kashmir. Minister Kiren Rijiju signaled that the government is open to discussion under parliamentary rules. Simultaneously, the government is preparing to bring an impeachment motion against Justice Yashwant Verma over alleged judicial corruption, aiming for a collective consensus with opposition parties. This session may prove pivotal in shaping India’s internal and external policy narratives.