Omar Abdullah Chairs First-Ever J&K Cabinet Meeting in Pahalgam, Vows Development Despite Violence
पहलगाम में पहली बार हुई कैबिनेट बैठक, उमर अब्दुल्ला बोले – “खूनखराबे से नहीं रुकेगा विकास का एजेंडा”
AIN NEWS 1: जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के इतिहास में पहली बार पहलगाम में कैबिनेट की बैठक आयोजित की। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बैठक के माध्यम से एक स्पष्ट संदेश दिया कि हिंसा और खूनखराबे के बावजूद राज्य सरकार का विकास और जनप्रतिनिधित्व का एजेंडा जारी रहेगा।
पहली बार श्रीनगर या जम्मू से बाहर बैठक
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि यह पहली बार है जब जम्मू या श्रीनगर से बाहर किसी जगह पर राज्य की कैबिनेट की बैठक हुई है। आमतौर पर प्रशासनिक बैठकें इन दो शहरों में ही होती रही हैं, लेकिन इस बार पहलगाम को चुनने के पीछे सिर्फ प्रशासनिक कारण नहीं थे।
बैठक का संदेश – विकास और शांति
उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह दिखाना था कि सरकार का विकास और शांति का एजेंडा किसी भी तरह की हिंसा से नहीं रुकेगा। “हमारा एजेंडा सिर्फ फाइलों और कागजों में नहीं है, हम जमीनी स्तर पर काम करने में विश्वास रखते हैं। यह बैठक हमारे संकल्प का प्रतीक है,” उमर अब्दुल्ला ने कहा।
22 अप्रैल के आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यह बैठक
इस बैठक का आयोजन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुआ है। उस हमले ने राज्य को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन इसके बावजूद सरकार पीछे नहीं हटी और कैबिनेट की बैठक को पहलगाम में करके यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे डरने वाले नहीं हैं।
पहलगाम की जनता को सराहना
उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम की जनता की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, “हम पहलगाम के लोगों का धन्यवाद करना चाहते हैं, जिन्होंने आतंक और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने जो साहस दिखाया, वह पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायक है।”
जनता का समर्थन लोकतंत्र की ताकत
उन्होंने यह भी कहा कि जनता का यह समर्थन ही लोकतंत्र की असली ताकत है। “जब आम लोग हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं और शांति की बात करते हैं, तब ही एक मजबूत लोकतंत्र बनता है। पहलगाम के लोगों ने यही किया है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
सिर्फ प्रशासनिक कामकाज नहीं
हालांकि बैठक में सरकार के निर्धारित एजेंडे पर काम किया गया, लेकिन उमर अब्दुल्ला ने साफ किया कि यह बैठक केवल प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए नहीं थी। यह एक प्रतीकात्मक कदम था, जिसमें सरकार ने लोगों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि वे अकेले नहीं हैं।
भावनात्मक जुड़ाव और भरोसा
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ योजनाएं बनाकर ही नहीं चल सकती, जब तक वह लोगों के साथ भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ती। “हम इस बैठक के माध्यम से यह संदेश देना चाहते थे कि सरकार हर परिस्थिति में आपके साथ खड़ी है।”
नए युग की शुरुआत
इस बैठक को राज्य में एक नए युग की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा रहा है, जहां प्रशासन और राजनीति राजधानी शहरों तक सीमित नहीं रहेगी। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर वहां के हालात को समझना और वहीं से फैसले लेना लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करेगा।
सरकार का दो टूक संदेश
सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और हिंसा के बावजूद विकास और जनकल्याण की योजनाएं जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का यह कदम एक राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मजबूत संदेश देता है।
पहलगाम में हुई यह ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह जनता के साथ सरकार के जुड़ाव, विकास के प्रति प्रतिबद्धता और आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने की मिसाल थी। उमर अब्दुल्ला ने जिस तरह से जनता की भावना को समझते हुए यह कदम उठाया, वह न केवल प्रशासनिक तौर पर बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी सराहनीय है।
In a historic move, Jammu and Kashmir Chief Minister Omar Abdullah chaired the first-ever J&K cabinet meeting in Pahalgam, emphasizing that the agenda of development and representation will continue despite violence. Following the tragic April 22 Pahalgam attack, the meeting served as a message of resilience and commitment to peace in Kashmir. Omar Abdullah praised the people of Pahalgam for their courage and for raising their voice against terrorism. This cabinet meeting highlights the government’s dedication to stability, growth, and democracy in Jammu and Kashmir.