AIN NEWS 1: दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली सरकार के मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने आज एक विशेष कार्यक्रम के दौरान उन परिवारों के सदस्यों को नौकरी के नियुक्ति पत्र वितरित किए, जिनके परिजन 1984 के दंगों में मारे गए थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली सचिवालय में किया गया था, जिसमें दंगों में प्रभावित सिख परिवारों को सरकारी नौकरियों में स्थान देने की घोषणा की गई। यह पहल उन परिवारों के पुनर्वास और सामाजिक न्याय की दिशा में एक सार्थक प्रयास के रूप में देखी जा रही है, जिन्हें दशकों से इंसाफ का इंतज़ार था।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि “1984 के दंगे भारत के इतिहास का एक काला अध्याय हैं। आज जब हम इन पीड़ित परिवारों को नौकरी के पत्र दे रहे हैं, तो यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक प्रतीक है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।” उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली सरकार के मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा, जो स्वयं सिख समुदाय से आते हैं, ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया है। उन्होंने बताया कि कई वर्षों से इन परिवारों को न्याय की उम्मीद थी और अब सरकार ने उनकी पीड़ा को समझते हुए यह पहल की है।
कार्यक्रम में जिन परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए, उनमें से कई लोगों की आंखों में आंसू थे। कुछ ने कहा कि इतने वर्षों बाद उन्हें लगा कि उनकी कुर्बानी को सरकार ने याद रखा। एक महिला लाभार्थी ने कहा, “मेरे पिता 1984 में मारे गए थे। आज जब मुझे सरकारी नौकरी मिली है, तो ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें आखिरकार न्याय मिला हो।”
दिल्ली सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूरी की गई है और जिन परिवारों की पहचान पहले ही सरकारी रिकॉर्ड में पीड़ित के रूप में दर्ज है, उन्हें प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा, ऐसे और भी परिवारों की सूची तैयार की जा रही है, जिन्हें आने वाले समय में नौकरी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि नौकरी पाने वाले व्यक्तियों को उनकी योग्यता और शिक्षा के अनुसार पद दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि पीड़ित परिवारों के किसी भी सदस्य को अपमानित महसूस न हो और उन्हें सम्मानजनक पदों पर नियुक्त किया जाए।
इस पहल को सिख संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सराहा है। उनका कहना है कि यह एक सकारात्मक शुरुआत है, लेकिन अब जरूरत है कि सरकार इस तरह की मदद को और व्यापक बनाए और जिन परिवारों को अब तक कोई सहायता नहीं मिली है, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाए।
यह कार्यक्रम केवल नौकरी बांटने का नहीं था, बल्कि यह एक भावनात्मक और सामाजिक जुड़ाव का उदाहरण भी था। दिल्ली सरकार की यह पहल भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है, जहाँ 1984 दंगों के पीड़ित अभी तक न्याय की राह देख रहे हैं।
Delhi Chief Minister Rekha Gupta and Delhi Minister Manjinder Singh Sirsa distributed government job appointment letters to the family members of victims of the 1984 anti-Sikh riots. This step by the Delhi government represents a major effort in rehabilitation, justice, and support for the Sikh community affected by the 1984 riots. The initiative is seen as a meaningful move towards healing historical wounds and offering compensation in the form of employment opportunities to the affected families. Leaders emphasized transparency and dignity in the recruitment process.