पहलगाम हमले के बाद डरा पाकिस्तान, अब IMF की बैठक से भी बढ़ी बेचैनी
AIN NEWS 1: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत के संभावित जवाबी कदम से पाकिस्तान डरा हुआ है, लेकिन उसका डर केवल यहीं तक सीमित नहीं है। अब पाकिस्तान की नजर 9 मई को होने वाली इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की एक अहम बैठक पर भी टिकी हुई है, जो उसकी आर्थिक हालत का फैसला कर सकती है।
IMF की अहम बैठक: पाकिस्तान के लिए निर्णायक घड़ी
9 मई को IMF की एग्जीक्यूटिव बोर्ड की एक खास बैठक होनी है। इस बैठक में दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी:
1. जुलाई 2024 में पाकिस्तान द्वारा की गई 7 अरब डॉलर की बेलआउट डील का पहला रिव्यू।
2. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मांगे गए 1.3 अरब डॉलर के नए Resilience and Sustainability Facility (RSF) लोन पर निर्णय।
अगर पाकिस्तान पहले रिव्यू में पास हो गया, तो उसे 1 अरब डॉलर की अगली किश्त मिल सकती है। साथ ही, नए लोन की भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। लेकिन ये तभी होगा जब IMF को पाकिस्तान का प्रदर्शन संतोषजनक लगेगा।
पाकिस्तान की आर्थिक हालत: ICU में है अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है।
महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है।
विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है।
निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है।
आम आदमी की कमर महंगाई और बेरोजगारी से टूट चुकी है।
IMF से मिलने वाला फंड पाकिस्तान के लिए किसी जीवनरेखा से कम नहीं। अगर यह फंड रुकता है, तो पाकिस्तान और गहरे संकट में जा सकता है।
IMF ने क्या कहा है अब तक?
मार्च 2025 में IMF की एक टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उस समय टीम ने कहा था कि पाकिस्तान ने कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं। जैसे:
महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें ऊंची रखी गई हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में कुछ अहम सुधार किए गए हैं।
वित्तीय अनुशासन पर ध्यान दिया गया है।
हालांकि, IMF की शर्तें बेहद सख्त होती हैं। अगर बोर्ड को लगता है कि कहीं भी कोई गड़बड़ी या ढिलाई हुई है, तो फंड पर रोक भी लग सकती है।
RSF लोन: जलवायु संकट से निपटने के लिए
IMF के एजेंडे में एक और बड़ी बात है – पाकिस्तान के लिए 1.3 अरब डॉलर का RSF (Resilience and Sustainability Facility) लोन। यह लोन खास तौर पर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए होता है। लेकिन इसके लिए तकनीकी तैयारी और कागजी प्रक्रियाएं भी पूरी होनी जरूरी हैं, जो फिलहाल अधूरी हैं।
पाकिस्तान क्यों है टेंशन में?
पाकिस्तान की चिंता इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि:
IMF की मंजूरी मिलने तक कोई निश्चितता नहीं है।
नए लोन के लिए तकनीकी प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई।
राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ता वैश्विक दबाव भी उसकी परेशानी को और बढ़ा रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने वॉशिंगटन में उम्मीद जताई थी कि मई की शुरुआत में फंड को हरी झंडी मिल सकती है, लेकिन IMF की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
भारत-पाक तनाव और IMF मीटिंग: दोहरी मार
पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की संभावित घबराहट के बीच अब यह IMF की मीटिंग पाकिस्तान के लिए और भी बड़ी परीक्षा बन गई है। यह सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान की साख का सवाल बन गया है।
9 मई को होने वाली IMF की बैठक पाकिस्तान की किस्मत का फैसला कर सकती है। अगर बेलआउट की किश्त और RSF लोन दोनों मंजूर हो जाते हैं, तो पाकिस्तान को थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन अगर कोई अड़चन आई, तो संकट और गहरा हो सकता है। भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के लिए ये वक्त बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
After the deadly Pahalgam terror attack that escalated India-Pakistan tensions, Pakistan is now facing another critical moment with the upcoming IMF meeting on May 9, 2025. The IMF executive board will review Pakistan’s performance under its $7 billion bailout program and consider approval for an additional $1.3 billion climate resilience loan under the RSF scheme. With Pakistan’s economy in a fragile state and the world watching closely, this IMF decision could determine whether the nation can avoid a deeper financial crisis.