भारत-पाक संघर्षविराम के बाद चीन-पाक वार्ता: कूटनीतिक गतिविधियों में तेजी!

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AIN NEWS 1: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में संघर्षविराम की घोषणा हुई, लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान ने ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिन्हें भारतीय सेना ने विफल कर दिया। इस बीच पाकिस्तान ने कूटनीतिक मोर्चे पर सक्रियता दिखाते हुए चीन से बातचीत की और क्षेत्रीय हालात पर चर्चा की।

चीन से पाकिस्तान की बातचीत: रणनीतिक सहयोग पर जोर

पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात की। दोनों देशों ने जारी संयुक्त बयान में यह स्पष्ट किया कि वे आने वाले दिनों में आपसी संवाद और समन्वय को और मजबूत करेंगे। बातचीत में पाकिस्तान ने चीन को भारत के साथ संघर्षविराम की जानकारी दी और क्षेत्रीय हालात पर अपना पक्ष रखा।

चीन ने न केवल पाकिस्तान के संयम की सराहना की, बल्कि यह भी दोहराया कि वह पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। वांग यी ने पाकिस्तान को “सदाबहार रणनीतिक सहयोगी” बताते हुए उसके दृष्टिकोण का समर्थन किया।

चीन की भूमिका: एक बार फिर समर्थन में

चीन की तरफ से यह बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन हमलों जैसी नापाक गतिविधियां सामने आई हैं। बावजूद इसके, चीन ने पाकिस्तान का समर्थन दोहराते हुए यह संदेश दिया कि वह दक्षिण एशिया में अपने रणनीतिक सहयोगी को अकेला नहीं छोड़ेगा।

अन्य देशों से भी संपर्क में पाकिस्तान

चीन के अलावा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री डार ने यूएई और तुर्की के नेताओं से भी बातचीत की। डार ने यूएई के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद से संपर्क कर उन्हें संघर्षविराम की जानकारी दी, जिस पर यूएई ने संतोष जताया। इसके साथ ही, तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान को भी पाकिस्तान ने क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की प्रतिक्रिया और अमेरिकी नेतृत्व की सराहना

सीजफायर की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए अमेरिकी नेतृत्व को धन्यवाद दिया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की क्षेत्र में शांति लाने की भूमिका को सराहा और कहा कि अमेरिका के प्रयासों से यह संघर्षविराम संभव हो सका।

शरीफ ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए ऐसे प्रयासों को महत्व देता है। यह बयान पाकिस्तान की अमेरिका के प्रति सकारात्मक कूटनीतिक रुख को दर्शाता है।

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के ऐलान के साथ ही पाकिस्तान ने चीन, यूएई, तुर्की और अमेरिका जैसे देशों से लगातार संपर्क साधकर एक व्यापक कूटनीतिक प्रयास की शुरुआत की है। हालांकि ड्रोन हमलों जैसी हरकतों से पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठे हैं, लेकिन चीन और अन्य देशों का समर्थन उसे राहत देता दिख रहा है।

यह साफ है कि आने वाले दिनों में दक्षिण एशिया की कूटनीतिक गतिविधियां और तेज होंगी और भारत को इन गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत होगी, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

Following the recent India Pakistan ceasefire, Pakistan initiated high-level diplomatic talks with China, reaffirming their strategic alliance. China supports Pakistan by endorsing its sovereignty and territorial integrity. Meanwhile, Pakistan’s drone violations post-ceasefire have drawn attention, yet diplomatic efforts continue with global players. The US role in South Asia has also emerged as pivotal, with Pakistani PM Shahbaz Sharif thanking President Trump and American leaders for facilitating peace. These developments underscore the evolving geopolitical tension and cooperation in the region.

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