AIN NEWS 1 प्रमुख बिंदु: उत्तर प्रदेश के तीन जिलों – सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) की टीमों ने छोटे मदरसों (मकतबों) की गहन जांच-पड़ताल शुरू की है। इन जिलों के 473 मकतबों में कुल संपत्ति, फंडिंग, पंजीकरण समेत आठ बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इस कार्रवाई से मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है, और कई मकतबों को अनियमितताओं के आरोपों के चलते जांच के दायरे में लिया गया है।
जांच के दायरे में कुल मकतबों की संख्या:
शामली: 190 मकतब
मुजफ्फरनगर: 165 मकतब
सहारनपुर: 118 मकतब
ATS की जांच का उद्देश्य और बिंदु: लखनऊ मुख्यालय के निर्देशों पर शुरू की गई इस जांच का उद्देश्य उन मदरसों की पहचान करना है जो बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं और जिनकी फंडिंग या अन्य वित्तीय स्रोत संदिग्ध पाए जा सकते हैं। एटीएस आठ मुख्य बिंदुओं पर जांच कर रही है:
1. पंजीकरण की स्थिति
2. कुल संपत्ति और संपत्ति के स्रोत
3. आय के साधन और फंडिंग के स्रोत
4. छात्रों की कुल संख्या और उनकी पहचान
5. इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति
6. शिक्षण और स्टाफ के विवरण
7. सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की कार्यप्रणाली
8. अन्य प्रशासनिक दस्तावेज और रिकॉर्ड्स
कैराना में ATS की कार्यवाही का असर: देवबंद यूनिट से आई ATS की एक पांच सदस्यीय टीम बुधवार को सुबह 11 बजे कैराना कस्बे में पहुंची और यहां के मोहल्लों में करीब छह घंटे तक मकतबों की जांच की। टीम ने गुलशननगर में स्थित मदरसा फलाहुल मुबीन और तीतरवाड़ा रोड पर स्थित मदरसा फैज मसीहुल उम्मत में पंजीकरण की स्थिति, छात्र-छात्राओं की संख्या और आय के स्रोतों की जानकारी हासिल की। इस दौरान कई और मकतबों की कुंडली भी खंगाली गई।
पिछले सत्यापन से संबंधित जानकारी: यह पहली बार नहीं है जब इन मदरसों पर प्रशासन का ध्यान गया है। सितंबर 2022 में भी शासन के निर्देश पर गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया गया था। इस दौरान स्थानीय प्रशासन और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों ने 11 बिंदुओं पर एक सर्वे किया था और लखनऊ को रिपोर्ट भेजी गई थी।
आगे की प्रक्रिया: ATS की इस जांच से सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पंजीकरण के बिना संचालित मकतबों पर विशेष रूप से शिकंजा कसा जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम मदरसों के कार्यों में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
पुलिस की प्रतिक्रिया: ATS टीम की इस कार्यवाही से स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस जांच की पूरी जानकारी नहीं है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेंद्र सिंह रावत ने जांच से अनभिज्ञता जताई है, जबकि अन्य अधिकारियों ने इसे शासन की नियमानुसार प्रक्रिया बताया है।