AIN NEWS 1: अमेरिका की एक अदालत ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में भारत सरकार को समन जारी किया है। यह समन न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की अदालत द्वारा जारी किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल का नाम भी शामिल है।
क्या है मामला?
इस समन में भारत सरकार पर पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। इस संदर्भ में भारतीय विदेश मंत्रालय ने सख्त आपत्ति जताते हुए इस मुकदमे को अनुचित बताया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि जब यह मुद्दा पहले बार हमारे ध्यान में आया, तो हमने उचित कार्रवाई की। वर्तमान में एक उच्च स्तरीय समिति इस मामले की जांच कर रही है।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर को अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वे चौथे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके साथ ही, वे न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे और अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के CEOs के साथ बातचीत करेंगे। 23 सितंबर को वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे, जिसका विषय ‘बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान’ है।
समन में किसका नाम शामिल?
न्यूयॉर्क की अदालत ने जिन व्यक्तियों के नाम समन में शामिल किए हैं, उनमें भारत सरकार, अजीत डोभाल, सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव और भारतीय व्यवसायी निखिल गुप्ता शामिल हैं। अदालत ने सभी पक्षों से 21 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
पन्नू का सोशल मीडिया पर दावा
गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो कि अमेरिका और कनाडा का नागरिक है, ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस समन की कॉपी साझा की है। भारत में पन्नू को आतंकवादी घोषित किया गया है, और उसकी हत्या की साजिश ने भारत-अमेरिका के कूटनीतिक संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है।
अमेरिका के आरोप और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी न्याय विभाग ने पहले निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया था कि उसने पन्नू की हत्या के लिए एक भाड़े का हत्यारा नियुक्त किया था। आरोप यह भी है कि निखिल गुप्ता को एक भारतीय रॉ एजेंट ने इस काम के लिए प्रेरित किया। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है और इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से गिरफ्तार कर अमेरिका लाया गया था, लेकिन उसने खुद को निर्दोष बताया है।
निष्कर्ष
इस घटनाक्रम ने भारत और अमेरिका के बीच जटिलताओं को बढ़ा दिया है, खासकर जब प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का समय निकट है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद और सहयोग पर गहरा असर डाल सकती है।