AIN NEWS 1 गाजियाबाद: तहसील सदर में तैनात पटवारी निशांत त्यागी पर एक गंभीर आरोप सामने आया है, जिसमें उन्होंने एक 65 वर्षीय गरीब वृद्ध के वृद्धावस्था पेंशन आवेदन को गलत तरीके से निरस्त कर दिया।
सेन विहार नई बस्ती निवासी बृहम चंद त्यागी की पत्नी दिव्यांग हैं और उनकी बेटी भी मानसिक और शारीरिक रूप से असमर्थ है। बेटी का पति भी अब इस दुनिया में नहीं रहा, जिससे वह और उनका बेटा भी बृहम चंद के ही सहारे हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी अकेले वृद्ध के कंधों पर है, लेकिन उम्र और परिस्थिति के चलते उन्हें काम मिलना मुश्किल है।
बृहम चंद ने अपनी गरीबी और मजबूरी को देखते हुए बीते दो वर्षों में तीन बार पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन पटवारी निशांत त्यागी ने कथित रूप से उनसे पैसे की मांग पूरी न होने पर गलत रिपोर्ट लगाई, जिसमें लिखा गया कि वह अपने खुद के मकान में रह रहे हैं, जबकि हकीकत में वह कई वर्षों से किराए के मकान में रहते हैं। इस आधार पर उनका आवेदन रद्द करवा दिया गया।
इस मामले ने प्रशासन और समाज में सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर SDM या DM कोई कड़ी कार्रवाई करेंगे?
त्यागी समाज के अंदर भी यह सवाल उठ रहा है कि जब ऊंचे पदों पर बैठे त्यागी अधिकारी अपने पद का इस्तेमाल सिर्फ अमीर रिश्तेदारों के लिए करते हैं, तो क्या गरीब और पीड़ित समाज के सदस्यों के लिए भी उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है?
जब मीडिया कर्मियों ने निशांत त्यागी से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कई दिनों तक कॉल नहीं उठाया। यह व्यवहार यह सोचने पर मजबूर करता है कि आम जनता के साथ उनका रवैया कैसा होगा?
जनता की मांग है कि ऐसे झूठे और भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर पद से हटाया जाए, ताकि भविष्य में कोई और गरीब व्यक्ति सिस्टम की बेरुखी का शिकार न हो।
A shocking case has emerged from Ghaziabad where a corrupt patwari, Nishant Tyagi, allegedly canceled the old age pension application of a 65-year-old man by falsely reporting his rented house as self-owned. The victim, burdened with a disabled wife and daughter, has been applying for pension for two years. Calls for action against corrupt patwaris are intensifying as the anti-corruption team continues its crackdown.