AIN NEWS 1 नई दिल्ली। दीपावली का पर्व, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, इस बार कुछ खास तरीके से मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के कच्छ में भारतीय सुरक्षा बल के जवानों के साथ दीपावली मनाई। उन्होंने बीएसएफ के जवानों के साथ मिलकर उन्हें मिठाई खिलाई। यह परंपरा पिछले 10 वर्षों से जारी है, जिसमें मोदी हर साल देश के किसी न किसी हिस्से में सुरक्षा बलों के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ाते हैं। इस प्रकार, वे दीपावली की मूल सनातन परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं।
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Toggleदीपावली का वास्तविक महत्व
हालांकि आजकल दीपावली के मौके पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा पर जोर दिया जाता है, लेकिन इस पर्व की वास्तविकता भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाने की परंपरा से जुड़ी है। भगवान राम ने रावण पर विजय पाई और 14 वर्षों का वनवास समाप्त किया, जिसके बाद अयोध्या लौटकर उन्होंने दीप जलाए। इस संदर्भ में दीपावली पर राम का स्मरण बहुत जरूरी है, जिसे आमतौर पर लोग दशहरे तक ही सीमित रखते हैं।
समरसता के प्रतीक भगवान राम
भगवान राम समरसता और भाईचारे के सबसे बड़े प्रतीक हैं। इस दीपावली पर सभी संपन्न लोगों को निर्धनों के घरों में खुशी का वातावरण बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए। हमारे सशस्त्र बलों की ताकत ही देश की समृद्धि की रक्षा करती है, इसलिए पीएम मोदी का जवानों का हौसला बढ़ाना एक स्वागतयोग्य पहल है, जिसे पहले कभी किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया।
विशेष अवसर: अयोध्या में राम मंदिर और सरदार पटेल की जयंती
इस वर्ष की दीपावली विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि लगभग 500 वर्षों के बाद, अयोध्या में राम लला का भव्य मंदिर स्थापित होने के बाद यह पहला दीपावली उत्सव था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर का भी जिक्र जवानों के बीच किया। इसके अलावा, यह दीपावली लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन पड़ी, जो देश की विविधिता और एकता के प्रतीक हैं।